अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व और राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश के राजस्व में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। जीएसटी संग्रह के मामले में हरियाणा देश के शीर्ष 5 राज्यों में शामिल हो गया है। इस वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों (अप्रैल-सितंबर 2023) में, राज्य का कुल कर संग्रह पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 27,155 करोड़ रुपये की तुलना में 32,076 करोड़ रुपये हो गया है, जो 18.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
इस अवधि के दौरान, वैट का संग्रह 5,568 करोड़ रुपये था, आईजीएसटी निपटान और एसजीएसटी मुआवजे सहित एसजीएसटी संग्रह 20,670 करोड़ रुपये था, जो 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है और उत्पाद शुल्क संग्रह 5,757 करोड़ रुपये था, जो 16.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जीएसटी कलेक्शन में हुई ये वृद्धि प्रदेश की आर्थिक प्रगति को तो दर्शाती ही है, साथ ही यह राज्य के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत भी है। वहीं इससे यह भी साबित होता है कि देश में एक देश-एक कर की अवधारणा पर लागू जीएसटी प्रणाली बेहद कारगर है। जीएसटी की प्रक्रिया सरल होने से न केवल उद्यमियों को फायदा पहुंचा है, बल्कि सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है।प्रदेश सरकार द्वारा आबकारी एवं कराधान विभाग के आधारभूत ढांचे को मजबूत एवं आधुनिक किया जा रहा है। विभाग में कर संग्रह के कार्यों में डिजिटलाइजेशन को अपनाया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि राजस्व को अधिकतम करने के साथ ही लीकेज को कम किया जाए। साथ ही, राज्य बजट में विभाग के लिए निर्धारित 57,931 करोड़ रुपये के राजस्व एकत्रित करने के लक्ष्य को पूरा किया जाए।
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