अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विद्यार्थियों को नए इनोवेशन पर फोकस करना होगा। उन्होंने कहा कि जहां डिमांड ज्यादा होगी वहां सप्लाई भी ज्यादा होनी चाहिए जिसकी भरपाई केवल नए इनोवेशन के माध्यम से ही हो सकती है। राज्यपाल आज गुरुग्राम के चंदु बुढ़ेड़ा स्थित एसजीटी यूनिवर्सिटी के ‘सिनेरजी 2022’ के 5 वें संस्करण के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष सरकार बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। राज्यपाल दत्तात्रेय ने दीप प्रज्वलित करने उपरान्त हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों से आए विद्यार्थियों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए तीन प्रमुख बिंदु नामतः टेक्नोलॉजी, इनोवेशन व रिसर्च पर विशेष ध्यान देना होगा। आज टेक्नोलॉजी व इंटरनेट का युग है जिसके आधार पर वैश्विक स्तर पर बड़े परिवर्तन हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के साथ इन्टरनेट से जुड़ कर आप विश्व के शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोध, अनुसन्धान व नए अघ्ययनों की जानकारी प्राप्त कर अपने आप को अपडेट रख सकते हैं। इसलिए आप इन्टरनैट के सभी मोड्स का अपना ज्ञान बढ़ाने के साथ-साथ नई खोज व अनुसंधानों की जानकारी प्राप्त करने के लिए ज्यादा-से-ज्यादा प्रयोग करें। दत्तात्रेय ने विद्यार्थियों से नए इनोवेशन पर बल देते हुए कहा कि आज वैश्विक स्तर पर कोई भी स्पर्धा बिना नए इनोवेशन के संभव नही है। हमारा देश ग्रामीणों व किसानों का देश है। जिसको ध्यान में रखते हुए हमें स्थानीय जरूरतों के हिसाब से नए आविष्कार करने होंगे। इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों को तीसरे प्रमुख बिंदु यानी रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों को विशेष प्रोत्साहन देना चाहिए।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति रोजगार प्रदान करने वाली नीति है जिसमें हमारे नैतिक मूल्यों को कायम रखने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। वर्तमान जरूरतों के हिसाब से तैयार की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हरियाणा सरकार ने इसी आधार पर 2025 तक पूरी तरह से लागू करने का निर्णय लिया है। इस के साथ-साथ प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र मे और सुधार के लिए इस वर्ष 20 हजार करोड़ रूपए से भी अधिक की राशि का बजट में प्रावधान किया है।उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेशन सेंटर, इनोवेशन सेंटर, प्लेसमेंट सेंटर स्थापित किए जा रहे है। राज्यपाल दत्तात्रेय ने यूनिवर्सिटी के सिनर्जी कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी संस्था के लिए सिनर्जी कार्यक्रम का बहुत महत्व होता है जिससे युवा छात्र-छात्राओं के बीच शोध और नए आविष्कार को बढ़ावा देने के साथ साथ उनके विचारों को और अधिक रचनात्मक और प्रगतिशील बनाने का मार्ग प्रशस्त होता है। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय प्रांगण में नवीनतम आविष्कारों पर आधारित विभिन्न रिसर्च प्रोजेक्ट का अवलोकन करने उपरांत विभिन्न कैटेगरी के विजेताओं को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है बस जरूरत है उनको सही अवसर प्रदान करने की। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे बच्चों को शिक्षा के साथ साथ चरित्रवान व राष्ट्रभक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विशेष ध्यान रखा गया है। श्री कोठारी ने कहा कि देश को शिक्षा के क्षेत्र में फिर से सिरमौर बनाने के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार (पद्म श्री) राम बहादुर राय , यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. ओ.पी कालरा, दशमेश एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट की चेयरपर्सन श्रीमती मधुप्रीत कौर चावला, मैनेजिंग ट्रस्टी मनमोहन सिंह चावला सहित विश्वविद्यालय के पदाधिकारीगण छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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