अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश के सभी 90 विधानसभाओं में आयोजित की गई “शहीद सम्मान तिरंगा यात्राओं” ने हरियाणा में किसान आंदोलन को लगभग ठंडा कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में प्रदेश भर में शहीदों के सम्मान के लिए निकली यात्राओं के माध्यम से भाजपा के नेता प्रदेश के किसानों को भारतीय जनता पार्टी की नीतियों और केंद्र एवं प्रदेश सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को समझाने में कामयाब भी रहे। यही कारण है कि प्रदेश भर में 100 तिरंगा यात्राएं हुई, जिनमें 18 यात्राएं तो लगभग किसान रैलियों में तब्दील हुई। प्रदेश नेतृत्व के पास सभी यात्राओं का जो डाटा पहुंचा है, उसके अनुसार सभी तिरंगा यात्राओं में 3 लाख से अधिक लोग पहुंचे। इनमें से 14 हजार से अधिक ट्रैक्टरों पर सवार होकर लगभग 75 हजार किसान यात्राओं में शामिल हुए।
लौहारु में हुई पहली ही शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा में हजारों ट्रैक्टरों पर उमड़े किसानों के जनसैलाब ने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान नेताओं के हौसले ठंडे कर दिए। यही कारण रहा कि हरियाणा में भाजपा नेताओं के हर कार्यक्रम का विरोध करने की बात कहने वाले आंदोलनरत कथित किसान नेता शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा का विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। बल्कि इन्हें यह कहना पड़ा कि वे भाजपा द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा का विरोध नहीं करेंगे। इसके बाद तो लगभग हर विधानसभा की यात्राओं में पहुंचकर किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानूनों में विश्वास जताया। महेंद्रगढ़, लौहारु, घरौंदा, बादली, सिरसा सहित लगभग 18 यात्राओं में तो अन्य वाहनों से अधिक संख्या ट्रैक्टरों की रही। जिसने भाजपा नेताओं के मनोबल को आसमान पर पहुंचा दिया। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने जब अगस्त में “शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा” का खाका खींचा था, तो शायद उन्हें भी ऐसी उम्मीद नहीं रही होगी, लेकिन वे इन यात्राओं को सफल बनाने के लिए न केवल अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में यात्रा के प्रति उत्साह भरने में कामयाब रहे बल्कि मंत्रियों, विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के माध्यम से शहीदों के परिवारों और किसानों तक शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा का उद्देश्य पहुंचाया। जिसका असर तिरंगा यात्राओं में दिखा भी।
प्रदेश नेतृत्व के पास विधानसभाओं से पहुंचे आंकड़ों के अनुसार प्रदेश भर में 53 पद यात्राएं, ट्रैक्टर की अधिकता वाली 18 यात्राएं , 18 मोटरसाइकिल यात्राएं, 11 साईकिल यात्राएं हुई। इन सभी यात्राओं में लगभग 85 हजार वाहन और कुल 3 लाख से अधिक लोग पहुंचे। इनमें 14 हजार से अधिक ट्रैक्टरों पर 75 हजार किसान शामिल थे। लगभग 25 हजार कारें, 41 हजार मोटरसाइकिलें और 4200 से अधिक साइकिलों पर सवार होकर हजारों लोग शहीदों के सम्मान में तिरंगा लेकर यात्रा में चले।तिरंगा यात्राओं की सफलता, खासकर हजारों की संख्या में किसानों का इनमें पहुंचना कृषि कानूनों के विरोध से जूझ रही भाजपा को राहत देने वाला है। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के मुताबिक तिरंगा यात्राएं शहीदों को याद करने, उनके परिवारों को सम्मान देने, भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों के जनहित में किए गए कार्यों को घर-घर पहुंचाने और पार्टी की नीतियों को व्यक्ति-व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य में कामयाब रही। इसमें प्रदेश भाजपा के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी भूमिका निभाई। प्रदेश मीडिया प्रमुख संजय शर्मा और सह मीडिया प्रमुख अरविंद सैनी के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ खुद 11 विधानसभा की तिरंगा यात्राओं में शामिल हुए। तिरंगा यात्राओं के दौरान प्रदेश के सभी शहीदों का सम्मान किया गया। सैंकड़ों शहीद परिवारों तक पहुंचकर उन्हें विश्वास दिलाया कि भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा है।
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