अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार अग्रवाल ने आज हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पदभार ग्रहण किया। पुलिस मुख्यालय में नए डीजीपी को पुलिस कर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव से डीजीपी का कार्यभार संभालने के बाद उपस्थित सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी।पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभालने के बाद डीजीपी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि अपराध का पता लगाते हुए प्रभावी निगरानी और रोकथाम, महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना व नशीली दवाओं के खतरे का जड़ से खात्मा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रहेगा। साथ ही पुलिस-पब्लिक संबंधों को और मजबूत बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री व गृह मंत्री का जताया आभार
उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज का भी आभार जताया जिन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए उन्हें डीजीपी हरियाणा के रूप में जनसेवा करने की जिम्मेदारी सौंपी। हरियाणा पुलिस को सर्वश्रेष्ठ पुलिस बल में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस ने अतीत में कई पहल की हैं, जो बेहद प्रशंसनीय हैं। राज्य के नागरिकों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं के अनुसार कार्य करते हुए सभी की शिकायतों की सुनवाई कर उचित निवारण सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा।
साइबर अपराधियों पर कसेंगे शिकंजा
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि साइबर अपराध पुलिस के लिए एक नई चुनौती है। जिस प्रकार समय के साथ स्मार्टफोन और ऑनलाइन बैंकिंग के उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। ऐसे में साइबर धोखेबाज अपने नापाक मंसूबे को हासिल करने के लिए अपराध की नई-नई तकनीक की तरफ जा रहे हैं। हम ऐसे अपराध से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सांइटिफिक तरीकों को अपनाते हुए कार्य करेंगें। इसके अतिरिक्त, आने वाले दिनों में ऐसे अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए जांच के स्तर को और प्रभावी बनाया जाएगा।
भ्रष्टाचार के लिए नहीं कोई जगह
एक अन्य सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि पुलिस के कामकाज में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कहीं भी भ्रष्टाचार पाया जाता है तो दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर डीजीपी क्राइम मोहम्मद अकील, प्रबंध निदेशक हरियाणा पुलिस आवास निगम डॉ. आर.सी. मिश्रा, डीजीपी जेल शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी आधुनिकीकरण एवं कल्याण आलोक राय, एडीजीपी प्रशासन ए.एस. चावला, एडीजीपी कानून व्यवस्था, नवदीप सिंह विर्क, एडीजीपी मुख्यालय कला रामचंद्रन, सीपी पंचकूला सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी पी.के. अग्रवाल ने विभिन्न जिलों में एएसपी, अतिरिक्त एसपी, एसपी, रेंज आईजीपी और पुलिस आयुक्त के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की है। डीजीपी हरियाणा के रूप में अपनी पोस्टिंग से पहले अग्रवाल महानिदेशक राज्य सतर्कता ब्यूरो के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने डीजीपी क्राइम के पद पर भी सेवाएं दी हैं। साल 2004 में सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक और 2015 में विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक सम्मानित अग्रवाल ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो नई दिल्ली, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस, इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एक्सएलआरआई, जमशेदपुर सहित एनपीए में एनसीटीपी सहित यूएसए में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रदर्शन के साथ विभिन्न संगोष्ठियों, सम्मेलन और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भी भागीदारी की है।