अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ:हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने आज यहां राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, सिंचाई एवं जल संसाधन तथा जल अभियांत्रिक विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन स्थानों पर जलभराव की अधिक दिक्कतें आती हैं उन स्थानों पर स्थाई पंप लगाये जायें ताकि आने वाले समय में जल निकासी की समस्या न आए। श्रीमती अरोड़ा आज यहां राज्य के सभी जिलों में बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा बैठक ले रहीं थी।
उन्होंने कहा कि जल निकासी के लिए किसी भी क्षेत्र में पम्पों की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होने कहा कि प्रत्येक जिला जल निकासी की दैनिक रिपोर्ट तैयार करें और बाढ़ संभावित क्षेत्रों की जिलेवार रिपोर्ट की समीक्षा की जाये ताकि जान माल के नुकसान को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला अधिकारी से लगाये गये अस्थायी बिजली कनेक्शन का प्रमाण पत्र तथा पंपों की काम करने की स्थिति का प्रमाण पत्र लिया जाये तथा ऐसा रिपोर्टिंग सिस्टम तैयार किया जाये,जिससे घग्गर, यमुना व सोम नदी के जल बहाव की जानकारी समय रहते प्राप्त की जा सके। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि पम्पिंग सेट काम करने की स्थिति में हो और सीवरेज तथा ड्रेन साफ हों।
श्रीमती अरोड़ा ने कहा कि यमुनानगर क्षेत्र में हिमाचल व उत्तराखण्ड के पहाड़ों से मानसून के दौरान अधिक पानी आने की संभावना रहती है, इसलिए ऐहतियात के तौर पर राज्य आपदा राहत दल को यमुनानगर में भेजा जाए। इसके अलावा, नावों और गोताखोरों एवं तैराकों को लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव विजयवर्धन, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।