अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के स्कूलों में उभरती खेल प्रतिभाओं को निखारने और छात्रों को अपने खेल कौशल प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करने के लिए, दिल्ली सरकार हर साल दिल्ली राज्य स्कूल खेलों का आयोजन करती है। इस श्रृंखला में मुख्यमंत्री आतिशी ने गुरुवार को छत्रसाल स्टेडियम में ‘दिल्ली स्टेट स्कूल गेम्स’ 2024-25 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि, “हमारा सपना है कि दिल्ली में रहने वाले हर बच्चे को उनके टैलेंट के हिसाब आगे बढ़ने का मौका मिले।” उन्होंने कहा कि, चाहे पढ़ाई हो या स्पोर्ट्स दिल्ली सरकार ये जिम्मेदारी लेती है कि स्टूडेंट्स को आगे बढ़ने के लिए हर प्रकार के अवसर मिलेंगे। सीएम आतिशी ने कहा कि,पैसों की कमी कभी भी खिलाड़ियों के टैलेंट में बाधा न बने इसलिए दिल्ली सरकार ने प्ले एंड प्रोग्रेस व मिशन एक्सीलेंस स्कीम की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार दिल्ली स्टेट स्कूल गेम्स के माध्यम से हर साल स्कूलों में उभरती खेल प्रतिभाओं को अपने खेल कौशल को प्रदर्शित का मंच देती है।इस तरह के खेल आयोजनों से दिल्ली सरकार भविष्य के ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता तैयार कर रही है।सीएम आतिशी ने कहा कि, “आज हम दिल्ली स्टेट स्कूल गेम्स की शुरुआत कर रहे है। आज यहां आने वाले खिलाड़ियों ने पहले अपने स्कूल में, ज़ोन में, डिस्ट्रिक्ट लेवल पर कम्पटीशन करते हुए राज्य स्तर पर पहुँचे है।”उन्होंने कहा कि, हम खिलाड़ियों के 10-15 मिनट के प्रदर्शन को देखते है। लेकिन उस 10 मिनट के खेल के लिए खिलाड़ी वर्षो की मेहनत करते है। जब बहुत से बच्चे घर में सो रहे होते है, तब खिलाड़ी ट्रेनिंग कर रहे होते है, अपना पसीना बहा रहे होते है। और उसी मेहनत के दम पर बड़ी उपलब्धियां हासिल करते है। सीएम आतिशी ने कहा कि, “मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले कुछ सालों में जब हम अखबारों की हेडलाइंस देखेंगे, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय खेलों के बारे में सुनेंगे तो मुझे पूरा भरोसा है कि, आज जो बच्चे छत्रसाल स्टेडियम में खेलों में भाग ले रहे है, उनमें से कई बच्चे तब देश के लिए मेडल जीत रहे होंगे।”उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार ने पूरी कोशिश की है कि जो-जो खिलाड़ी स्पोर्ट्स में आगे बढ़ना चाहे उन्हें पूरा मौका मिलना चाहिए। ये इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि अक्सर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग, कोचिंग, इक्विपमेंट्स कई बार काफी महंगी होती है। हमारे बच्चे खासतौर पर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे बहुत आम परिवार से आते है। लेकिन टैलेंट घर में पैसे नहीं देखता, ये नहीं देखता कि बच्चा अमीर परिवार से है या गरीब परिवार से है। सीएम आतिशी ने कहा कि, चाहे बच्चा अमीर-परिवार से हो या गरीब परिवार से हो वो एक बेहतरीन स्पोर्ट्स-पर्सन हो सकता है। ऐसे ही टैलेंटेड स्पोर्ट्स-पर्सन्स को सपोर्ट करने के लिए दिल्ली सरकार ने ने प्ले एंड प्रोग्रेस स्कीम की शुरुआत कर रखी है। जिसमें 17 साल तक के खिलाड़ियों को सरकार उनके खेल की ट्रेनिंग,इक्विपमेंट्स के लिए 2 से 3 लाख रुपये तक का सपोर्ट देती है। उन्होंने कहा कि, 2018 से 2022 तक 1500 से ज्यादा खिलाड़ियों को प्ले एंड प्रोग्रेस स्कीम से सपोर्ट मिला है। और हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी बहुत से खिलाड़ियों की इस स्कीम के माध्यम से सपोर्ट मिलेगा। सीएम आतिशी ने कहा कि, “हमारा सपना है कि, दिल्ली के खिलाड़ी न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे देश का नाम रौशन करें। देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतकर लाए। ऐसे ही टैलेंटेड स्पोर्ट्स-पर्सन्स को सपोर्ट करने के लिए दिल्ली सरकार ने मिशन एक्सीलेंस की शुरुआत की है। जहाँ शानदार प्रदर्शन करने वाले स्पोर्ट्स-पर्सन्स की डाइट, कोचिंग, इक्विपमेंट्स के लिए दिल्ली सरकार 16 लाख रुपये तक का सपोर्ट करती है। और पिछले 4 साल में 400 ऐसे खिलाड़ियों को दिल्ली सरकार की ओर से 25 करोड़ रुपये दिए गए है ताकि वो आगे बढ़े।”उन्होंने कहा कि, “हमने दिल्ली में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल की शुरुआत की है। क्योंकि अगर हमें ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है तो बच्चों की ट्रेनिंग छोटी उम्र से ही शुरू करनी होगी। इसके लिए एक ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी जी के नेतृत्व में दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल के बच्चे 10 ओलंपिक खेलों के लिए तैयारी कर रहे है।”सीएम आतिशी ने कहा कि, “हमारा एक ही सपना है, कि दिल्ली में रहने वाले हर बच्चे को उनके टैलेंट के हिसाब आगे बढ़ने का मौका मिले। अगर वो अच्छी पढ़ाई करना चाहे तो उन्हें अच्छी पढ़ाई का मौका मिला चाहिए । अगर वो म्यूजिक-आर्ट सीखना चाहे तो उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए। अगर वो स्पोर्ट्स में टैलेंटेड है तो उन्हें स्पोर्ट्स के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए।”उन्होंने कहा कि, “किसी भी बच्चे के मन में ये टीस नहीं होनी चाहिए कि, मेरे परिवार के पास पैसे नहीं थे इसलिए मैं अच्छी पढ़ाई नहीं कर पाया, आर्ट-म्यूजिक, थिएटर के क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाया, स्पोर्ट्स में आगे नहीं बढ़ पाया।”उन्होंने कहा कि, “मेरा वादा है कि, अगर आपको किसी भी प्रकार के सपोर्ट की जरूरत है। चाहे पढ़ाई में आगे बढ़ने के लिए, आर्ट-कल्चर-म्यूजिक में आगे बढ़ने के लिए, चाहे स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने के लिए तो दिल्ली सरकार ये जिम्मेदारी लेती है कि, आपको हर प्रकार के अवसर मिलेंगे। पैसों की कमी आपके टैलेंट के आड़े नहीं आएगी। दिल्ली सरकार आपके साथ खड़ी है।”बता दे कि शिक्षा निदेशालय के तहत 15 जिलों के 29 जोनों के कुल 3500 से अधिक सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों ने जोनल खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिसमें अंडर-14, अंडर-17 और यू- के 34 खेल शामिल थे। इनके विजेता अब आज से शुरू हुए दिल्ली राज्य स्कूल गेम्स 2024-25 में भाग लेंगे। इसके अलावा, दिल्ली राज्य स्कूल खेलों के दौरान पैरा-एथलीट छात्रों के लिए 13 अलग-अलग खेलों में खेल गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है। 32 खेलों की सूची के अंतर्गत अधिकांश खेल अंतरराष्ट्रीय खेलों जैसे ओलंपिक, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेल आदि में भी शामिल हैं।इन 34 खेलों में एथलेटिक्स के फील्ड एंड ट्रैक खेलों के अलावा स्विमिंग, टेनिस, हॉकी, फुटबॉल, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो, कराटे, कुश्ती, सॉफ्टबॉल, क्रिकेट, जिमनास्टिक, जूडो, बास्केटबॉल, नेट बॉल, हैंडबॉल, कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, टेबल-टेनिस, बेसबॉल,योग, वॉलीबॉल, स्केटिंग, शतरंज,वुशू आदि खेल शामिल है। साथ ही इसमें 13 पैरा-गेम्स भी शामिल है।
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