अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पलवल; हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज पलवल और फरीदाबाद जिला के सरपंचों, पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्यों को ग्रामीण विकास के लिए मूल मंत्र देते हुए कहा कि अच्छा काम करके दिखाओ और जनता से वाहवाही पाओ। पंचायतों की परंपरा ऋग्वेद के समय से चली आ रही है और पंच को परमेश्वर का दर्जा मिला है। ऐसे में नए दायित्व का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करते हुए पुराने समय से पंचायतों पर भरोसे को कायम रखना। उन्होंने यह बात गुरुवार को पलवल के टिवोली रॉयल पैलेस, भगोला में पलवल और फरीदाबाद जिला के सरपंचों, पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्यों के साथ मंत्रणा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। केंद्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर एवं परिवहन एवं उच्च शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा ने मुख्यमंत्री का पलवल पहुंचने पर स्वागत किया।
“बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को जन आंदोलन बनाने में खापों ने किया प्रशंसनीय काम”
मनोहर लाल ने पंचायती राज संस्थाओं के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ मंत्रणा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेशवासियों को स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस,लोहड़ी,मकर संक्रांति व पोंगल की शुभकामनाएं दी। साथ ही पलवल और फरीदाबाद जिला के नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को नए दायित्व की बधाई दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में वर्तमान सरकार ने आज अपने कार्यकाल के तीन हजार दिन भी पूरे कर लिए है। आजादी से पहले महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज का स्वप्न देखा था कि किस प्रकार की ग्रामीण भारत की शासन व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए ताकि आजादी का संदेश गांव-गांव पहुंच सके। पुराने समय से कायम खाप-पंचायतों ने समय-समय पर सराहनीय कार्य भी किए है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को जन आंदोलन बनाने में भी पंचायतों की प्रशंसनीय भूमिका रहीं।
भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी व्यवस्था से अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा लाभ
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पहुंचे प्रतिनिधियों को भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी व लोकलाज पर आधारित व्यवस्था बनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र व देश में बीजेपी शासित राज्यों में किसी भी मुख्यमंत्री व अन्य प्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। प्रधानमंत्री ने देश में पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ भावना जागृत की और फिर तकनीक के उपयोग से पारदर्शी व्यवस्था खड़ी की। अंतिम व्यक्ति के कल्याण की सोच पर आधारित व्यवस्था का असर अब शासन व्यवस्था में देखने को मिल रहा है। परिवार पहचान पत्र, चिरायु हरियाणा, आठ साल में मेरिट पर एक लाख से अधिक सरकारी नौकरी देने आदि अनेक कार्यक्रमों से आमजन का जीवन बेहतर हो रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक-हरियाणवी एक, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और प्रयास के नारे पंचायत प्रतिनिधियों के लिए है। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे प्रतिनिधियों को भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी एवं अंत्योदय आधारित व्यवस्था स्थापित करने का संकल्प भी दिलवाया।
सर्वसम्मति से चुने प्रतिनिधियों के लिए 300 करोड़ की धनराशि जारी
उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से चुने गए प्रतिनिधि अपनी शासन व्यवस्था तय करते हैं। पंचायत का प्रतिनिधि धरातल तक योजनाएं ले जाने में बेहद कारगर होता है। वर्तमान सरकार ने पंचायतों को स्वायत्त बनाने की दिशा में अनेक कार्य किए है। उन्होंने बताया कि पहले पंचायतों में शिक्षित प्रतिनिधियों और इस बार महिलाओं को 50 प्रतिशत पंचायतों में प्रतिनिधित्व मिला। सुप्रीम कोर्ट में भी हरियाणा सरकार के इन प्रयासों को प्रशंसनीय बताया गया। जिसके चलते इस बार बड़ी संख्या में बेटियां भी पंचायतों में प्रतिनिधि चुनी गई। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए इस बात पंचायती राज व्यवस्था के करीब 70 हजार प्रतिनिधियों में 40 हजार प्रतिनिधि सर्वसम्मति से चुने गए। सामाजिक सौहार्द व आपसी भाईचारा को प्रोत्साहन देने की इस व्यवस्था के लिए सरकार ने 300 करोड़ रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप जारी भी की।
पंचायतों के मदर चाइल्ड अकाउंट में 1100 करोड़ हस्तांतरित
उन्होंने बताया कि अब पंचायतों को स्वायत्त बनाने के लिए सरकार में यह निर्णय हुआ कि पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद अपना बजट खुद तय करते हुए अपने क्षेत्र का विकास में धनराशि का स्वयं उपयोग कर सकेंगी इस कार्य में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होगा। इस नीति को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा सरकार ने 1100 करोड़ रुपए पंचायती राज संस्थाओं के मदर चाइल्ड अकाउंट में हस्तांतरित भी कर दिए। इसके साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों को अपना बजट निर्धारित करने के लिए राज्य व केंद्र सरकार से मिलने वाली सहायता व अपनी आमदनी के आधार पर प्रतिवर्ष बजट भी निर्धारित करने की बात कही।
अच्छा काम करने वालों को मिलेगा सम्मान
मुख्यमंत्री ने अंग्रेजी कहावत स्टिक एंड कैरट का महत्व समझाते हुए कहा कि पिछली बात पंचायतों में सेवन स्टार का प्रयोग किया गया था। उसी तर्ज पर इस बार भी अच्छा कार्य करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया जाए। साथ ही जो गलत कार्य करेंगे तो भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर आगे बढ़ते हुए दंडित भी किया जाएगा। इसके साथ ही गांव में विकास के लिए सोशल ऑडिट कराने व प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी को संरक्षक बनाने का भी प्रयोग किया गया है। ऑडिट टीम का चयन ग्राम सभा तय करेगी। साथ ही संरक्षक अधिकारी ग्राम सभा का आयोजन कराने व आमजन को कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी के लिए सलाह दे सकेंगे।
पंचायतों को मिलेगी अधिक स्वायत्तता
उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के अपने फंड और ग्रांट-इन-ऐड में से होने वाले छोटे या बड़े सभी प्रकार के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद द्वारा ही दी जाएगी। हालांकि, ऐसे विकास कार्यों की तकनीकी स्वीकृति के लिए सरकार ने विभिन्न स्लैब निर्धारित की है, जिसके तहत 2 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जूनियर इंजीनियर देगा। 2 लाख से 25 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एसडीओ देगा। 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एक्सईएन देगा। एक करोड़ से 2.5 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति अधीक्षण अभियंता तथा 2.5 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा लेकिन यह स्वीकृति सरपंच की अनुशंसा पर ही करेंगे।
अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा योजनाओं का लाभ : गुर्जर
केंद्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री का पलवल पहुंचने पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में केंद्र व प्रदेश सरकार ने आठ साल में प्रशंसनीय काम किया है। इस दौरान भ्रष्टाचार पर चोट की गई और अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचा। कोरोना काल का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले 45 करोड़ गरीब परिवारों के खाते खोले गए और संकट के समय इन परिवारों को 500-500 रुपए की वित्तीय सहायता पहुंचाई गई।
भ्रष्टाचार के जड़ से खात्मे पर किया काम : शर्मा
हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज केंद्र और हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार की बुराई को जड़ से समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है। शासन व्यवस्था में जिस प्रकार तकनीक को बढ़ावा देते हुए कार्यक्रम चलाए गए। उससे आमजन का शासन व्यवस्था में भरोसा बढ़ा है।