अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
मधुबन:अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो द्वारा हरियाणा पुलिस अकादमी के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नशा मुक्त हरियाणा कार्ययोजना का विमोचन करते हुए नशे के खिलाफ बड़े अभियान का शुभ आरंभ किया। इस कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने वीडियो संदेश में युवाओं को नशे के सौदागरों से बचने अपील की और आशा व्यक्त की कि युवा नशे से दूर रहेंगे। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने ऑनलाइन माध्यम से अपना संबोधन दिया। मधुबन में हुए इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से हरियाणा के जिला मुख्यालयों, गैर सरकारी संस्थाओं के हजारों व्यक्तियों ने भागीदारी की। मुख्यमंत्री ने सभागार में उपस्थित व ऑनलाइन जुड़े सभी व्यक्तियों को नशे के खिलाफ शपथ दिलाई।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि नशा अभिशाप है यह केवल शिकार होने वाले व्यक्ति को ही नहीं बल्कि उसके परिवार की कईं पीढिय़ों को हानि पहुंचाता है। मादक पदार्थों का नशा स्वास्थ्य के साथ-साथ संस्कारों का भी नाश करता है। यह देश-प्रदेश की सीमाओं से भी परे है इसलिए इसके खिलाफ हमारी लड़ाई एक बहुत बड़ी लड़ाई है। इस लड़ाई में सरकार और समाज के हित में प्रयत्नशील संस्थाएं मिलकर विजय हासिल कर सकेंगी। इस लड़ाई में नशे के कारोबारियों पर प्रशासन की सख्ती, नशे के शिकार व्यक्तियों का पुनर्वास, सूचना देनेवाले व्यक्तियों को इनाम और उनकी सुरक्षा जैसे सभी कार्य करने होंगे।
उन्होंने कहा कि आज का दिन हरियाणा प्रदेश के इतिहास में लिखे जाना वाला दिन है क्योंकि सरकार, गैर सरकारी संस्थाओं और प्रशासन सभी ने हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए एक व्यावहारिक कार्ययोजना पर कार्य करने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा खेलों का हब बनने जा रहा है। प्राथमिक शिक्षा से ही बच्चों को खेलों से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार 1100 खेल नर्सरी खोलने जा रही है। एक हजार गांवों में 2 एकड़ भूमि में व्यायामशाला, योगशाला बनाई जा रही है जिसे आगे चलकर राज्य के सभी गांवों में बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गत 8 सालों में इस सरकार ने योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी देने का जो काम किया है उससे युवाओं में शिक्षा के प्रति लगन बढ़ी है और शिक्षा के दम पर नौकरी मिलेगी ऐसी संस्कृति विकसित हुई है। इन सब प्रयासों से निश्चित रूप से युवा नशे से दूर रहकर समाज के रचनात्मक कार्यों की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने रिमोट द्वारा नशे के खिलाफ हरियाणवी लोकगीत भी जारी किया। उन्होंने एचएनसीबी चीफ और उनकी टीम को अभ्यासपूर्ण स्टेट एक्शन प्लान बनाने पर बधाई भी दी।
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने ऑनलाईन संबोधन में कहा कि नशे के विरूद्ध लड़ाई में नशे पर हर रोज और बार-बार प्रहार करने से नशे को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। नशामुक्त हरियाणा कार्ययोजना में हम सब को मिलकर कार्य करना होगा। इसे जन आंदोलन और जनता की आवाज बनाना होगा। उन्होंने कहा कि नशामुक्त हरियाणा कार्य योजना एक पूर्ण योजना है। इसे लागू कर हम समाज को नशे के राक्षस से बचा सकते हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें सोचना होगा कि हमारे बेटे किस दिशा में गुमराह हो रहे हैं। हमें अपने देश की तरुणाई को बचाना है और देश को मजबूत करना है। उन्होंने हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के एडीजीपी श्रीकांत जाधव को कार्ययोजना के लिए बधाई दी और नशे के खिलाफ ब्यूरो की भूमिका की सराहना की। इससे पूर्व हरियाणा मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि नशा पूरे विश्व के लिए चुनौती बना हुआ है। हरियाणा में नशे के खिलाफ यह कार्ययोजना महत्वपूर्ण है। इसमें प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया गया है। यह एक समावेशी योजना है। इस कार्ययोजना की राज्य समिति में 18 विभाग शामिल है जो एक साथ मिलकर नशा मुक्त हरियाणा के सपने को पूरा करने के लिए कार्य करेंगे।हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने स्वागत संबोधन में कहा कि देश के 272 जिले नशे की बीमारी से प्रभावित है, इनमें हरियाणा के 10 जिले शामिल हैं। हरियाणा सरकार के सहयोग से हरियाणा पुलिस पूरी तरह से नशे के सौदागरों के खिलाफ तैयार है। प्रत्येक जिले में नशा विरोधी ईकाइयां गठित की गई हैं। हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो इस दिशा में सराहनीय कार्य का रहा है। ब्यूरो द्वारा ‘प्रयास’ व ‘साथी’ ऐप तैयार किए गए हैं जो नशे का उपभोग करने वालों से लेकर नशे का अवैध कारोबार करने वाले अपराधियों का ब्यौरा रखने सक्षम होंगे। उन्होंने कार्ययोजना को लागू करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री व मुख्य सचिव का आभार भी व्यक्त किया।हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने कार्ययोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्ययोजना के अनुसार ग्राम, ग्रामों के समूहों, उपमंडल, जिला व राज्य स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। अध्ययन बताते है कि केवल प्रवर्तन से नशा बंद नही हो सकता है इसलिए इस कार्ययोजना में समन्वय, जागरुकता, पुनर्वास और प्रवर्तन कार्यों पर एक साथ ध्यान दिया जाएगा। निगरानी और समन्वय के लिए परंपरागत तरीकों के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का भी उपयोग किया जाएगा, इसके लिए प्रयास, साथी ऐप और ‘धाकड़ कार्यक्रम’ मदद करेंगे। ‘धाकड़ कार्यक्रम’ में शिक्षण संस्थानों में प्रत्येक पांच विद्यार्थियों पर एक समूह बनेगा जिसमें विद्यार्थी अपने साथी में आए अवांछित बदलाव को समय पर जान सकेंगे और इस प्रकार जानकारी ब्यूरो तक साझा हो सकेगी। इस ऐप में 55 हजार बिन्दुओं से नशे के बारे में सूचनाएं ज्ञात होंगी। उन्होंने कहा कि इस कार्ययोजना में नशे के मामलों का अन्वेषण, एफएसएल के विकास, टोल फ्री नंबर और सामाजिक आर्थिक अध्ययनों पर बल दिया गया है।इस अवसर पर करनाल लोकसभा क्षेत्र के सांसद संजय भाटिया, घरौंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हरविन्द्र कल्याण, हरियाणा सीआइडी प्रमुख आलोक मित्तल, गुरुग्राम की पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन, हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक डॉ सीएस राव, एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था संदीप खिरवार, रोहतक रेंज की एडीजीपी ममता सिंह, पंचकूला के पुलिस आयुक्त एडीजीपी हनीफ कुरैशी, साऊथ रेंज के एडीजीपी डॉ एम रवि किरण व अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न जिलों से आए गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्य व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने अकादमी के सरदार वल्लभभाई पटेल हॉल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए और उनका मार्गदर्शन किया।
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