अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि व्यक्ति को अपनी जड़ों को कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए। अपनी मूल संस्कृति एवं मूल जन्म स्थान से जुड़े रहने से संस्कृतियों का प्रवाह पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है.मुख्यमंत्री फरीदाबाद के सूरजकुंड परिसर में स्थित होटल राजहंस में नो इंडिया प्रोग्राम (केआईपी) के अंतर्गत पहुंचे विभिन्न देशों के युवाओं से बातचीत के रहे थे। यहां आपको बतादे कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के अंतर्गत केआइपी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न देशों के 18 से 30 आयु वर्ग के उन युवाओं का दल भारत में आता है जिनके पूर्वज यहां से संबधित रहे है। 54 वा केआईपी कार्यक्रम के तहत पिंजौर, कुरुक्षेत्र,हिसार, रोहतक व झज्जर सहित अनेक जिलों में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक,प्रशासनिक व अन्य जानकारी लेने के बाद आज फरीदाबाद पहुंचा।
मुख्यमंत्री ने भ्रमण पर पहुंचे दल से सीधा संवाद किया। उन्होंने हरियाणा के अनुभव पूछे.सभी ने हरियाणा और यहां की संस्कृति,विकास व अतिथि सत्कार।की दिल खोलकर तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल रूप से भारत से दूसरे देशों में गए लोगों और उन दशो में आज भी भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है। मुख्यमंत्री ने मॉरिशस का जिक्र करते हुए कहा कि बीती जनवरी में वहां गीता जयंती का आयोजन किया गया था। उन्होंने अतिथि बच्चो से भी कहा की वे भी गीता को जाने यह केवल ग्रंथ नहीं है बल्कि जीवन दर्शन है यह अकेला ग्रंथ है जिसकी रचना युद्ध के मैदान में हुई।
वें केआइपी कार्यक्रम के तहत नौ देशों मेंकेए 40 युवाओं का दल रहा। इस दल में फिजी से सात,ग्यना से छह,इजरायल से दो, मोरिशश से सात,म्यानमार तीन, रियूनियन आयरलैंड से एक, साउथ अफ्रीका से दो, सूरीनाम से पांच तथा त्रिनिदाद एंड टोबैगो से सात प्रतिनिधि शामिल थे। खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने खानपान रहा भाषा एवं संस्कृति पर चर्चा के साथ अतिथियों का सम्मान करते हुए सभी एट होम कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भी दिया। इस अवसर पर हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा, हरियाणा टूरिज्म के महानिदेशक एवं एसीएस विजय वर्धन,मंडलायुक्त डॉ जी अनुपमा,टूरिज्म विभाग के निदेशक विकास यादव, सुरजकुंड टूरिज्म के इंचार्ज राजेश जून सहित कई अधिकारी उपस्थित थे ।