अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत हरियाणा प्रदेश के राजस्व रिकार्ड को डिजिटाइज कर जनता की भलाई के लिए उल्लेखनीय व ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। राज्य स्तर पर व सभी जिलों के 18.5 करोड़ रिकार्ड को स्कैन कर डिजिटलाइज किया गया है, जोकि माउस की एक क्लिक पर प्रदेश की जनता को आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। यह सरकार का भ्रष्टाचार को खत्म करने व पारदर्शिता की ओर बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री रविवार को कैंप कार्यालय में वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी 22 जिलों में बने आधुनिक अभिलेख कक्ष (मॉडर्न रेवेन्यू रिकार्ड रूम) का लोकार्पण करने के बाद सभी जिलों में उपस्थित प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से सीधा संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले गठरियों में बंधे पुराने रेवेन्यू रिकार्ड को संभालना, संरक्षित रखना व उसे बार-बार ढूंढना काफी मुश्किल कार्य था। इसे ढूंढने में समय भी अधिक लगता था और रिकॉर्ड खराब होने, कटने-फटने, गुम होने व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ का अंदेशा भी बना रहता था। प्रदेश में पहला मॉडर्न रेवेन्यू रिकार्ड रूम जिला कैथल में 24 जून 2017 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैयार किया गया था तथा इसके बाद 25 दिसंबर 2019 को सुशासन दिवस के अवसर पर सभी जिलों के लिए मॉडर्न रेवेन्यू रिकार्ड रूम परियोजना की शुरूआत की गई थी। यह रिकॉर्ड रूम सभी जिलों में तय समय से पहले बनाकर तैयार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और हरियाणा में महत्वपूर्ण रेवेन्यू रिकॉर्ड को डिजिटलाइज कर ई-गवर्नेंस सेवाओं में और विस्तार किया गया है। भविष्य में अन्य विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण रिकॉर्ड को भी इसी तरह डिजिटलाइज किया जाएगा। इस रिकॉर्ड के डिजिटलाइज होने से अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आएगी और जनता को काफी सहूलियत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक मंचों पर प्रदेश सरकार द्वारा जनता के हित में बनाई गई योजनाओं व कार्यों के लिए सराहना की है और बाद में उन योजनाओं व कार्यक्रमों को केंद्र स्तर पर व अन्य राज्यों में भी शुरू किया गया है। प्रदेश को अब तक 148 अवार्ड मिल चुके हैं, जिसमें से करीब 100 अवार्ड ई-गवर्नेंस सेवाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए मिले हैं। मुख्यमंत्री ने इस रिकॉर्ड के डिजिटलाइज होने पर प्रदेश के लोगों को बधाई दी कि अब उन्हें इस रिकॉर्ड को प्राप्त करने में अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा। उपमुख्यमंत्री हरियाणा दुष्यंत चौटाला, जिनके पास राजस्व विभाग भी है, ने कहा कि रेवेन्यू रिकार्ड की बहुत अधिक महत्व है और इसे पुराने तरीके से सही तरह संरक्षित रखा जाना एक चुनौती थी। राजस्व विभाग ने मुख्यमंत्री ने आह्वान पर बहुत जल्द रिकार्ड को स्कैन किया और फिर एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड किया। इस तरह रिकार्ड डिजिटलाइज होने से इसका उपयोग करना व इसे प्राप्त करना काफी सरल होगा। एनआईसी व हारट्रोन ने इस कार्य को काफी मेहनत से पूरा किया है। इस कार्य को पूरा करने में अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त संजीव कौशल, उनके विभाग के अधिकारी, ज़जिला उपायुक्तों, तहसीलों व रिकार्ड रूम में पटवारियों व क्लर्कों सहित सभी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है और भविष्य में इसी तरह रिकॉर्ड को अपडेट किया जाता रहेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त संजीव कौशल ने बताया कि मॉडर्न रेवेन्यू रिकार्ड रूम के तहत राज्य स्तर पर व जिलों के 18.5 करोड़ रिकार्ड को स्कैन कर डिजिटलाइज किया गया। कोरोना जैसी परिस्थितियों के बावजूद इस पर तेजी से कार्य किया गया। पुरानी व्यवस्था के तहत भूमि रिकार्ड को कपड़े में बांध कर रखा जाता था और यह दिन भी बढ़ता जा रहा था। इसे रिकार्ड रूम में सुरक्षित रखना और पुराने रिकॉर्ड को खोजना बहुत ही मुश्किल कार्य था। अब रिकार्ड डिजिटलाइज होने से इसे संरक्षित रखना और उपयोग में लाना काफी सरल होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, प्रधान सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग विनीत गर्ग, आईएएस मंदीप बराड़, हरियाणा राजस्व विभाग की सचिव गीता भारती व विशेष सचिव आरएस वर्मा व विशेष सचिव आमना तस्नीम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।