अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने संबंधित उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार अनलॉक-1 के बाद उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने हेतु अल्प और दीर्घकालीन योजनाएं बनाएं। मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर,सोनीपत और पानीपत के उपायुक्तों के साथ कोविड-19 महामारी के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में मुख्य सचिव को गुरुग्राम, फरीदाबाद,झज्जर, सोनीपत और पानीपत के जिला प्रशासन ने उनके द्वारा किए गए उपायों से अवगत कराया गया और साथ ही प्रस्तुतियों के माध्यम से अपने-अपने जिलों में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए आवश्यकताओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने निर्देश दिए कि जनता की सुविधा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित और प्रसारित किया जाए।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित जिलों में नर्सिंग कॉलेजों से बातचीत कर अंतिम वर्ष के छात्रों और प्रशिक्षुओं को कोविड -19 से संबंधित कार्यों में शामिल करने की अनुमति दी जाए। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरूकता बढ़ाने और पंचायतों में नवीनतम जानकारी प्रसारित की जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड-19 को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों के बारे में दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस करें। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने अधिकारियों को निजी अस्पतालों के साथ वेबिनार आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों में उपलब्ध उपकरणों, लॉजिस्टिक्स और सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो लोग अपने घरों में आइसोलेशन में या क्वारंटीन में हैं, उनके लिए मॉनिटरिंग कमेटियों का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडरों, वेंटिलेटर और आवश्यक सामानों के पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। सभी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता और उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया। बैठक में बताया गया कि कोविड-19 के लिए एंबुलेंस को भी तैनात किया गया। जिन रोगियों का इलाज हो चुका है या चल रहा है, उनसे फीडबैक लिया जा रहा है। प्रत्येक नियंत्रण क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) में कड़ी निगरानी के लिए जोनल अधिकारियों तैनात किया गया है।बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. एन. रॉय, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।