अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: हर साल मई के पहले रविवार को वर्ल्ड लाफ्टर डे मनाया जाता है, ताकि बढ़ रहे स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी दिक्कत से हसना भूल चुके लोगों को, इसके फायदों के बारे में बताया जा सके। नोएडा के सेक्टर-21 स्थित जल-वायु विहार में लाफ्टर क्लब 2014 में शुरू किया गया था, तब इसके 10 से 15 सदस्य थे, आज इसके सैकड़ों सदस्य है और लाफ्टर के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तनाव को कम करने में जुटे है। यहां वर्ल्ड लाफ्टर डे पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे बड़े, बूढ़े और बच्चे खूब ठहाके लगाकर हसे और दूसरे को हँसाया।
लाफ्टर क्लब में कर्नल हरमिंदर सिंह मिले जिनका कहना था कि जीवन में अब हसी ही महत्व रखती है यही सीखा मैंने, इसी के चलते मेरी सेहत सुधरी है। हसी से सिर्फ, मेरी सेहत ही नहीं सुधरी है, इसका असर पौधों पर भी होता है। मैं पिछले महीने अमेरिका से आया था तो मेरे सारे प्लांट्स खराब हो गए थे रोज सुबह में अपने प्लांट के साथ जाकर उन्हें पानी देता हू, बात करता हू, और हंसता हूं तो वह भी खिल उठे है। इंडियन नेवी से रिटायर्ड कमाडोर अशोक साहनी जो क्लब के अध्यक्ष है कहते है कि जीवन में 9 साल से यह हास्य योग कर रहा हूं।
इससे यह महत्व समझ में आया है कि हंसना उतना ही जरूरी है जितना सांस लेना। हंसना एक नेचुरल चीज है। बच्चों को कोई नहीं हंसी सिखाता है। दिक्कत बड़े हो कर आती है, लोग जैसे हंसना तो भूल ही गए हैं, अगर हसना वापस आ जाए तो शरीर को हेल्दी बनाए रखा जा सकता है। जी हां… हंसी से आप तनाव को दूर करके खुद को हेल्दी बनाए रख सकते हैं।अशोक साहनी कहते कि हम जो हंसी हंसते हैं यह नकली जरूर लगती है पर इस पर शोध हुआ है और यह पाया गया है कि कुछ लोग की नेचुरल हंसी नहीं निकलती, उनका बॉडी यह तय नहीं कर पाता कि आप नकली हसी हस रहे या नेचुरल हसी हस रहे हैं। लेकिन बॉडी को उतना ही लाभ मिलता है जितना एक नेचुरल हंसी से मिलता है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments