अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 6 दिनों के लिए पूर्ण लाॅकडाउन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा उपराज्यपाल के साथ आज सुबह हुई बैठक के उपरांत की है। सीएम ने कहा कि लाॅकडाउन आज रात 10ः00 बजे से अगले सोमवार को सुबह 5ः00 बजे प्रभावी रहेगा। इस दौरान सभी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। हम लॉकडाउन के समय का इस्तेमाल दिल्ली में बड़े पैमाने पर बेड बढ़ाने,ऑक्सीजन और दवाइयों की व्यवस्था करने में करेंगे। दिल्ली में कोरोना की परिस्थिति काफी गंभीर है। अब अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी होने लगी है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में ‘आप’की सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सराहनीय काम किया है और यही कारण है कि 25-25 हजार केस आने के बाद भी हमारा हेल्थ सिस्टम चल रहा है, लेकिन किसी भी सिस्टम की अपनी सीमाएं होती है। मुझे डर है कि यह ध्वस्त कर गया, तो बहुत बड़ी त्रासदी न हो जाए। हम किसी भी हालत में दिल्ली को उस परिस्थिति में नहीं ले जाना चाहते, जहां कॉरिडोर में मरीज पड़े हों और सड़कों पर लोग दम तोड़ रहे हों। सीएम ने सभी लोगों से अपील की है कि लाॅकडाउन का सभी पालन करें और घर से बाहर न निकलें। हम सभी मिल कर कोरोना का मुकाबला करेंगे और जरूर जीतेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोरोना के हालात को लेकर आज डिजिटल प्रेस काॅन्फ्रेंस किया। सीएम ने कहा कि पिछले एक साल से जब से कोरोना शुरू हुआ है, मैं समय-समय पर आपके बीच में आकर सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ईमानदारी के साथ आपके सामने रखता रहा हूं और आपसे चर्चा करता रहा हूं। एक चीज हम लोगों ने हमेशा गांठ बांध कर के रखी है कि आपको कभी गलत तथ्य नहीं दिए। आपसे कभी झूठ नहीं बोला। जो था, आपके सामने रख दिया। अगर स्थिति अच्छी थी, तो भी आपको बताया, स्थिति खराब थी, तो भी आपको हमने ईमानदारी से बताया, क्योंकि हम पहले दिन से समझ गए थे कि इतनी बड़ी आपदा है कि जनता के साथ के बिना अकेले इस आपदा से सरकार सामना नहीं कर सकती। जनता का सहयोग और जनता की सहभागिता इस पूरे संघर्ष में बेहद जरूरी है और जब तक जनता को सच नहीं बताया जाएगा, सारे तथ्य जनता के सामने नहीं रखे जाएंगे, तब तक जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना असंभव था। इसीलिए हमने हर चीज आपके सामने रखी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने कोरोना के टेस्ट कम नहीं होने दिए। आज दिल्ली के अंदर सबसे ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। मैं तो यह कहूंगा कि अगर प्रति 10 लाख की जन संख्या पर देखा जाए, तो शायद पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा टेस्ट दिल्ली में हो रहे है। मैंने देखा कि कई जगहों पर उन्होंने टेस्ट कम कर दिए, टेस्ट कम कर दिए, तो केस कम आने लग गए। इस तरह से तथ्यों के साथ कई जगहों पर हेरफेर करने की कोशिश की गई। हमने ऐसा नहीं किया। हमने दिल्ली में टेस्ट कम नहीं किए। उल्टे कम करने की बजाय हमने दिल्ली में टेस्ट कई गुना बढ़ा दिए। आज दिल्ली में लगभग एक लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। हमने मौत के आंकड़े दिल्ली वालों से नहीं छुपाए। जितनी मौतें होती थीं, हमने सब आपके सामने इमानदारी रखी। अगर मौतें ज्यादा हो रही थीं, तो ज्यादा बताई और कम हो रही थीं, तो कम बताई। दिल्ली में कितने बेड्स हैं, कितने आईसीयू बेड्स हैं,क्या परिस्थितियां हैं, हर चीज आपके सामने ईमानदारी के साथ रखी है। इसी वजह से जब भी हमने कड़े निर्णय लिए, हमें दिल्ली की जनता का पूरा सहयोग मिला। मैं हमेशा कहता हूं कि हमारी दिल्ली एक परिवार है। दिल्ली के दो करोड़ लोग एक परिवार हैं। जब परिवार में कोई आपदा आती है, तो परिवार के सारे लोग मिल कर उसका सामना करते हैं। अब भी हम सभी मिलकर इसका सामना करेंगे। पहले भी जीत हुई थी और अब भी जीत होगी।सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि आज दिल्ली में क्या परिस्थिति है? पिछले 24 घंटे में दिल्ली में लगभग 23,500 हजार नए केस आए हैं, उसके पिछले 24 घंटे में लगभग 25,500 केस आए थे। पिछले तीन-चार दिन से रोज हम देख रहे हैं कि लगभग 25 हजार के करीब केस आ रहे हैं। पॉजिटिविटी बहुत ज्यादा बढ़ गई है, संक्रमण दर बहुत ज्यादा बढ़ गई है। दिल्ली के अंदर अस्पतालों में उपलब्ध बेड की भारी कमी हो रही है। अगर रोजाना 25-25 हजार मरीज आएंगे, तो कोई भी व्यवस्था चरमरा सकती है। दिल्ली के अंदर बेड की भारी कमी हो रही है। आईसीयू बेड दिल्ली में लग भग खत्म हो गए हैं। आज सुबह मैं एप पर देख रहा था, तो दिल्ली में 100 से भी कम बेड बचे हैं। ऑक्सीजन की भारी कमी हो रही है। कल हम ने केंद्र सरकार को भी लिखा है, उनसे बातचीत चल रही है। परसों रात को एक हादसा होते-होते बचा। एक प्राइवेट हॉस्पिटल में हमें बताया कि परसों रात को 3 बजे के करीब उनके अस्पताल के ऑक्सीजन लगभग खत्म हो गए। वो बोले कि हम तो बहुत बुरी तरह से डर गए। बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। इधर-उधर हाथ पैर मार कर किसी तरह से उन्होंने कहीं से ऑक्सीजन का इंतजाम किया। दवाइयों की कमी हो रही है। रेमडिसविर दवाई की खास कमी हो रही है। सीएम ने कहा कि यह सारे तथ्य मैंने दिल्ली वालों को डराने के लिए नहीं बताए। दिल्ली में यह सारी परिस्थिति है और इन परिस्थितियों में अब हमें अगला कदम क्या उठाना है, इस पर चर्चा करने के लिए मैने यह परिस्थिति बताई है। दिल्ली के अंदर कोरोना की परिस्थिति काफी गंभीर है। अभी तक हमने दिल्ली के अंदर हेल्थ सिस्टम का बड़े अच्छे तरीके से प्रबंधन किया। दिल्ली में चैथी लहर आई है। पहली लहर पिछले साल जून में आई थी, जिसमें 4500 के करीब केस आए थे। फिर दूसरी लहर सितंबर में आई, फिर तीसरी लहर आई, जिसमें 8500 के करीब केस आए थे। दुनिया के बड़े-बड़े विकसित देशों में कई ऐसे शहर हैं, जहां पर 6 हजार केस आए तो उनका पूरा हेल्थ सिस्टम चरमरा गया और ध्वस्त हो गया। दिल्ली में तीसरी लहर में 8500 केस आए, तब भी हमारा हेल्थ सिस्टम ध्वस्त नहीं हुआ। बल्कि हमने और ज्यादा अपनी तैयारियां शुरू शुरू कर दी। आज 25 हजार केस आए हैं, अब दिल्ली का हेल्थ सिस्टम अपनी सीमा तक पहुंच गया है। हमारा हमारा हेल्थ सिस्टम अब बहुत ज्यादा तनाव में है। मैं यह नहीं कहूंगा कि हमारा हेल्थ सिस्टम अभी ध्वस्त हुआ है, लेकिन आज हमारा हेल्थ सिस्टम बहुत तनाव में है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी भी हेल्थ सिस्टम की अपनी एक सीमाएं होती हैं। अनगिनत मरीज तो कोई भी सिस्टम नहीं ले सकता है। पिछले 5 साल में ‘आप’की सरकार ने दिल्ली में बहुत बड़े स्तर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया है। खूब नए हॉस्पिटल खोलें हैं,मोहल्ला क्लीनिक, पॉलीक्लिनिक बनाए हैं। बहुत बड़े स्तर के ऊपर स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम हुआ है। यही कारण है कि आज 25 हजार केस के ऊपर भी दिल्ली का हेल्थ सिस्टम चल रहा है, लेकिन अब इसके बाद अगर तुरंत कुछ कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो यह सिस्टम ध्वस्त हो सकता है और अगर हेल्थ सिस्टम ध्वस्त कर गया,तो मुझे डर है कि कहीं बहुत बड़ी त्रास दी न हो जाए। जैसे मैंने बताया कि कल एक अस्पताल में ऑक्सीजन बिल्कुल खत्म हो गई थी और बहुत बड़ी त्रासदी होते-होते बची थी। हम सभी ने सोशल मीडिया पर बहुत सी वीडियो और तश्वीरें देखी होंगी, दुनिया के कई शहर ऐस हैं, जहां काॅरिडोर में मरीज पड़े हुए हैं, सड़कों पर लोग दम तोड़ रहे हैं। अभी तक तक हमने दिल्ली को उस किस्म की त्रासदी से बचाया है, वैसा नहीं होने दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुबह 11 बजे मेरी और एलजी साहब की बैठक हुई और इन सारे पहलुओं और सारी परिस्थिति के ऊपर काफी विस्तार से बातचीत हुई। उस बातचीत के बाद हमें यह लगा कि दिल्ली का हेल्थ सिस्टम बड़ी मात्रा में और अधिक मरीजों अब लेने में असमर्थ है। अगर हमने अभी लॉकडाउन नहीं लगाया, तो कहीं ऐसा ना हो कि बड़ी त्रासदी हो जाए। हम किसी भी हालत में दिल्ली को उस परिस्थिति में नहीं ले जाना चाहते हैं, जहां कॉरिडोर के अंदर मरीज पड़े हैं और सड़कों पर लोग दम तोड़ रहे हैं। आज सभी परिस्थितियों का जायजा लेने के बाद ‘आप’की सरकार को यह लगता है कि दिल्ली में कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन लगाना जरूरी है। आज रात 10ः00 बजे से अगले सोमवार को सुबह 5ः00 बजे तक 6 दिन के लिए दिल्ली में लाॅकडाउन लगाया जा रहा है। इस दौरान जाहिर है कि जो-जो आवश्यक सेवाएं हैं, वो सभी जारी रहेंगी। खाने-पीने और मेडिकल व्यवस्थाओं की सेवाएं जारी रहेंगी। यह शादियों का सीजन है, लोगों के बड़े मुश्किल से रिश्ते बनते हैं। हम उनके छोड़ना नहीं चाहते हैं, लोगों की शादियां संपन्न हों, लेकिन केवल 50 लोगों की भीड़ के साथ संपन्न हो। इसके लिए अलग से पास दिए जाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने और एलजी साहब ने यह निर्णय तब लिया है, जब हमारे पास कोई उपाय नहीं बचा था। हमारे लिए निर्णय लेना आसान नहीं था,क्योंकि मैं समझ सकता हूं कि लाॅकडाउन के दौरान किस तरह से लोगों के रोजगार खत्म हो जाते हैं। लोगों की कमाई खत्म हो जाती है और खासकर सबसे गरीब तबके के लिए तो बेहद मुश्किल होता है, जो दिहाड़ी करके रोज कमाते हैं। उनके लिए तो बेहद मुश्किल हो जाता है। पिछली बार जब देश में लाॅकडाउन लगा था, हमने देखा कि किस तरह से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव जाने लगे थे। प्रवासी मजदूरों से मेरी खासतौर से हाथ जोड़कर अपील करना चाहता हूं कि यह छोटा सा लाॅकडाउन है, सिर्फ छह दिन का है। आप दिल्ली छोड़ कर मत जाइएगा। आपके आने-जाने में आपका इतना समय, पैसा और काफी उर्जा खत्म हो जाएगी। आप दिल्ली में ही रहिए। मुझे उम्मीद है कि यह छोटा लॉकडाउन है और छोटा ही रहेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि शायद बढ़ाने की जरूरत न पड़े। आप दिल्ली में रहिए, यकीन मानिए हम पूरी ईमानदारी के साथ सब मिलकर लड़ेंगे, तो जल्दी इस मुसीबत से छुटकारा पाएंगे। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि सरकार आपका पूरा ख्याल रखेगी। मैं हूं ना, मुझ पर भरोसा रखिए। मेरी दिल्ली के सभी नागरिकों से अपील है कि यह निर्णय हमने बहुत मुश्किल से लिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि मैं लाॅकडाउन के सख्त खिलाफ रहा हूं। हमेशा से मैंने लाॅक डाउन का विरोध किया है। मेरा यह मानना है कि लॉकडाउन से कोरोना खत्म नहीं होता है, लॉकडाउन से कोरोना की गति कम हो जाती है। मेरा हमेशा से यह मानना है कि किसी भी राज्य या शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था अपनी सीमा तक पहुंच जाए, तो लाॅकडाउन लगाना जरूरी हो जाता है,ताकि मरीजों की संख्या कम हो जाए, ताकि स्वास्थ्य सिस्टम को और दुरुस्त किया जा सके। यह जो 6 दिन का लाॅकडाउन हम लगा रहे हैं, इन छह दिनों के अंदर हम बहुत बड़े स्तर के उपर और दिल्ली में बेड की व्यवस्था करेंगे। केंद्र से मदद मांग रहे हैं, उनसे लगातार संपर्क में हैं। केंद्र सरकार हमारी मदद भी कर रही है,उसके लिए हम केंद्र सरकार के शुक्रगुजार हैं। उनसे ऑक्सीजन की व्यवस्था करेंगे,दवाइयों की व्यवस्था करेंगे। इस लॉकडाउन के समय को हम इन सब चीजों के लिए इस्तेमाल करेंगे। मेरी आप सब लोगों से गुजारिश है कि लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन करें। इस दौरान घर से बाहर न निकलें। पहले भी हमने कई कठिन निर्णय लिए और आपने मेरा पूरा साथ दिया। मुझे पूरी उम्मीद है कि आज भी आप मेरा साथ देंगे। हम मिलकर इसका मुकाबला करेंगे और जरूर जीतेंगे।
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