अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे लिए जनतंत्र, संविधान और कानून सर्वोपरि हैं। एलजी को भी इसका सम्मान करना चाहिए। हो सकता है, कि केंद्र में हमारी सरकार व दिल्ली में हमारा एलजी हो और यहां ‘आप’, कांग्रेस या भाजपा की सरकार हो, तो हमारा एलजी इस तरह तंग नहीं करेगा। मैंने जितनी अच्छी शिक्षा अपने बच्चों को दी, उतनी ही अच्छी शिक्षा में दिल्ली के हर बच्चे को देना चाहता हूं। गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा से रोकने की मानसिकता सामंतवादी सोच की वजह से है। इसी कारण हमारा देश पीछे रह गया।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं पिछले दिनों एलजी से मिलने गया था। मैंने संविधान, कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिखाकर उनसे पूछा कि इसमें कहां लिखा है कि एलजी को चुने हुए मुख्यमंत्री के काम रोकने का अधिकार है तो एलजी ने कहा कि मैं प्रशासक हूं। मुझे राष्ट्रपति ने भेजा है। मैं कुछ भी कर सकता हूं। एलजी ने एक चौकाने वाली बात कही कि बीजेपी की एमसीडी में 20 सीट भी नहीं आ रही थी, मेरी वजह से 104 सीट आईं। लोकसभा चुनाव में सातों सीट बीजेपी की आएगी और तुम्हें विधानसभा चुनाव नहीं जीतने दूंगा। एलजी दिल्ली को ठप कर ‘‘आप’’ को बदनाम करने आए हैं। इससे पहले, विधायक आतिशी ने सदन में फिनलैंड में शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए न भेजने के खिलाफ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया। सौरभ भारद्वाज ने प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनि मत से पास कर दिया गया।
दिल्ली विधानसभा में सदन को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं आज बड़े दुख और भारी मन के साथ अपनी बातें रख रहा हूं। मुझे इस बात का दुख है कि भारतीय जनता पार्टी के मेरे साथी सदन में माजूद नहीं हैं। यह बेहद गंभीर विषय है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश में चर्चा हो रही है कि किसी भी राज्य या देश के अंदर जनता द्वारा चुनी हुई सरकार की चलनी चाहिए या किसी एक व्यक्ति विशेष की चलनी चाहिए। यह बेहद गंभीर विषय है। पिछले दिनों कई सारे मुद्दे उठे और उन पर चर्चा हुई। इसके उपर मैं तीन-चार दिन पहले एलजीसे भी मिलने गया था। मेरी एलजी से जो बातचीत हुई, उसे मैं इस सदन के सामने विस्तार से सभी विधायकों के सामने रखना चाहूंगा। मेरी इच्छा थी कि भाजपा के भी साथी यहां होते और वे भी मेरी बात सुनते, ताकि इस चर्चा को एक ठोस रूप दिया जा सकता। समय बड़ा बलवान होता है। इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। कोई अगर सोचे कि मेरी सरकार बन गई है और हमेशा मेरी ही सरकार रहेगी, तो ऐसा नहीं होने वाला है। आज मेरी सरकार है, कल हमारी सरकार नहीं होगी। हमारी सरकार 5 साल है, 10 साल है, 15 साल है, 20 साल है, लेकिन कभी न कभी तो बदलेगी। आज उनकी सरकार है, लेकिन हमेशा उनकी सरकार नहीं होगी। एक दिन बदलेगी ही। आज दिल्ली में हमारी सरकार है और उनके एलजी हैं। केंद्र में उनकी सरकार है। कल अगर भगवान ने चाहा, ऐसा भी हो सकता है कि केंद्र में हमारी सरकार हो, दिल्ली में हमारे एलजी हों और हो सकता है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस या भाजपा की सरकार हो। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उस समय हमारा एलजी इस तरह से तंग नहीं करेगा। हम चुनी हुई सरकार की इज्जत करते हैं, जनता की इज्जत करते हैं, जनता के वोट की इज्जत करते हैं। जनतंत्र और संविधान की इज्जत करते हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में दो करोड़ लोग रहते हैं। मैंने हमेशा कहा है कि दो करोड़ लोग हम एक परिवार हैं। मैंने हमेशा इसको एक परिवार माना है। इस परिवार में लोगों के जब भी कोई सुख-दुख होते हैं, हम हमेशा सुख-दुख में काम आते हैं। इन दो करोड़ लोगों में जो बच्चे हैं, वो मेरे भी बच्चे हैं। मैं उनको हर्षिता और पुलकित से अलग नहीं समझता हूं। उनको मैं अपना बच्चा समझता हूं। मैं जितनी अच्छी शिक्षा हर्षिता और पुलकित को दी है, उतनी अच्छी शिक्षा मैं दिल्ली के एक-एक बच्चे को देना चाहता हूं। उसी मकसद से हम लोगों ने शिक्षा के उपर इतना बल दिया है। क्योंकि हमें लगता है कि अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे दी, तो बच्चों का भविष्य बनेगा और बच्चों का भविष्य बनेगा, तो देश का भविष्य बनेगा।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments