अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भूपेश बघेल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड, देश की आजादी की लड़ाई में जिस अखबार ने प्रमुख भूमिका निभाई थी, वो जब घाटे में आई तो कांग्रेस पार्टी ने उसे मदद की और उस प्रकरण में आज हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल जी को ईडी ने तलब किया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब से बनी है, पिछले 8 साल से विपक्ष के या जहाँ विपक्षी सरकारें हैं, वहाँ सेंट्रल एजेंसियों के द्वारा लगातार विपक्ष के नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। पिछले 8 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी शासित एक भी राज्य में उनके समर्थक दलों पर या उनके दल के नेताओं पर कोई भी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया है। तो लगातार सेंट्रल एजेंसी का दुरुपयोग किया जा रहा है, विपक्ष को दबाने की कोशिश की जा रही है और जो विपक्ष के लोगों पर छापा पड़ता है, बताया जाता है बहुत बड़ा प्रकरण है और वही नेता जब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाते हैं, तब वो मामला रफा-दफा हो जाता है, चाहे महाराष्ट्र की बात हो, चाहे असम की बात हो,
चाहे पश्चिम बंगाल की बात हो। लेकिन अब लगातार केरल से लेकर कश्मीर तक सभी विपक्षी नेताओं पर ये शिकंजा कसने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इस देश में प्रजातंत्र है, लोकतंत्र है और लोकतंत्र में इस प्रकार से नेताओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करके उसे दबाया नहीं जा सकता, उसे कुचला नहीं जा सकता और आज जिस प्रकार से नेशनल हेराल्ड के मामले में हमारे पार्टी के नेता को तलब किया गया है, उसके खिलाफ में हजारों कार्यकर्ताओं ने पूरे देशभर में धरना प्रदर्शन किया है। दिल्ली में, यहाँ 24 अकबर रोड़, जो हमारा कांग्रेस का दफ्तर है, वहाँ ना नेताओं को बाहर निकलने दिया जा रहा था, ना कार्यकर्ताओं को अंदर आने दिया जा रहा था।
लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है और इसका हम विरोध करते हैं। अशोक गहलोत ने कहा कि बघेल साहब ने ठीक कहा, नेशनल हेराल्ड अखबार की 1937 में स्थापना हुई और तब से ही कांग्रेस पार्टी इसकी सहायता करती आई है और आप मीडिया के तमाम साथियों को मालूम है कि आज भी प्रिंट मीडिया जहां-जहां छप रहा है, उसकी क्या स्थिति है। अधिकांश जगहों पर, अगर ईमानदारी की बात करें तो घाटे में चलती है और नेशनल हेराल्ड के बारे में कांग्रेस की नीतियां, उसके कार्यक्रम, उसके सिद्धांतों के बारे में, उसको प्रमोट करने के बारे में जो भावना व्यक्त की गई थी, उसी के अकोर्डिंग आज तक सहायता होती आई है।
आजादी के बाद वो अखबार धीरे-धीरे कमजोर हो गया, हालात बहुत गंभीर थे, बंद करने की नौबत आ गई, उसको रिवाइव करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने उनको मदद की। मुकदमा बना कर जिस रुप में, जबसे भारतीय जनता पार्टी आई है सत्ता में, मोदी जी ने पहले ही कह दिया कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे। तो उनके दिल में जो आग लगी हुई है, 76 साल में आज आधुनिक भारत बना है तो कांग्रेस की देन है। आजादी के पहले और आजादी के बाद में जो त्याग, बलिदान, कुर्बानी हुई है, वो कांग्रेस नेताओं ने की है, ये नहीं भूलना चाहिए, मोदी जी को भी। उन्होंने कभी याद नहीं किया इंदिरा गांधी जी की शहादत को, जिन्होंने खालिस्तान बनने नहीं दिया, देश को एक रखा, अखंड रखा, वो खुद शहीद हो गई, राजीव गांधी जी शहीद हो गए। सरदार बेअंत सिंह जी थे, नेस्तोनाबूद कर दिया आतंकवाद को, वो भी शहीद हो गए।
ये सत्ता में बैठे हुए लोगों को इतना गरुर है, घमंड है, भ्रम है, इनको जनता की परवाह ही नहीं है। धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने का काम करते हैं, उसमें जरुर कामयाब हो गए हैं। उसकी एक सीमा होती है। और तमाम जो महंगाई हो, बेरोजगारी हो, आग लग रही है पूरे मुल्क के अंदर, दंगे हो रहे हैं, झगड़े हो रहे हैं, तनाव हो रहा है, उन्हें चिंता नहीं है। राहुल गांधी जी ने कहा, सोनिया गांधी जी कह रही हैं लगातार, विपक्ष कह रहा है प्रधानमंत्री जी को अपील करनी चाहिए पूरे मुल्क से, संदेश देना चाहिए कि आप शांति, भाईचारा, सद्भाव बनाए रखें और हिंसा को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, वो कहते हुए भी संकोच है मोदी जी को और अमित शाह जी को और उसके बदले में आप ईडी के छापे डलवा रहे हैं पूरे देश के अंदर, इंकम टैक्स के छापे डलवा रहे हैं, सीबीआई को एक्टिव कर रहे हो, पूरे मुल्क में आतंक मचा रखा है इस सरकार ने।
कई अधिकारी कहते हैं हम लोगों को कि साहब हम क्या करें, हमारी मजबूरी है, कुछ मिला नहीं है यहाँ पर, छापे के अंदर, रेड हमने की, अचानक आदेश आया, करनी पड़ी हमें, जबकि उसकी तैयारी की जाती है, लंबी तैयारी होती है, असेस्मेंट होता है, कहाँ पर रेड होनी है, क्यों होनी है, क्या संभावना हैं, उसके बजाए सीधा रेड होने लग जाती है। इस प्रकार के हालात में ये मुल्क चल रहा है। बहुत ही चिंतित हैं, पूरे देश का चाहे व्यापारी हो, उद्यमी हो, बोल नहीं रहे हैं क्योंकि उनके यहाँ इंकम टैक्स के छापे पड़ जाते हैं। सरकारों में जो क्राइसिस पैदा करते हैं लोग, पहले मध्य प्रदेश में, फिर राजस्थान में, तब भी इन्होंने ये काम किया। एक साथ में छापे पड़ने लग गए। हम सब लोग बैठे देखते रह गए। ईडी का छापा पड़ गया हमारे खुद के परिवार के घरों में। एक मजाक बना रखा है देश को और पूरा मुल्क देख रहा है। कांग्रेस के राज में हमेशा हमारी लीडरशिप देखती थी, फिर इशू बन गया मीडिया के अंदर और लोग क्या कहेंगे और मुख्यमंत्री के इस्तीफे, रेल मंत्री का इस्तीफा और तो और लॉ मिनिस्टर का इस्तीफा हो जाता था। इनके लिए चाहे लोग कुछ भी कहें, परवाह ही नहीं इनको तो। हिंदू के नाम पर हमें चुनाव जीतना है, हम क्यों परवाह करें। ये हालात ऐसे बन गए हैं।
आज मैंने रिक्वेस्ट की ईडी के डायरेक्टर को, सीबीआई के डायरेक्टर को और इंकम टैक्स के सीबीडीटी के चेयरमैन को, मैं आपसे मिलना चाहता हूं और मैं मेरी भावना व्यक्त करना चाहता हूं कि पूरे मुल्क के लोगों की भावना क्या है, तीनों हमारी प्रीमियर एजेंसी है देश की, मानी हुई। अगर वो कमजोर होती है, तो आप सोच सकते हैं, क्या परिणाम निकलेंगे उसके। तो मैंने रिक्वेस्ट की कि मुझे आप मिलने का वक्त दें, मैं खुद मिलने आऊंगा और मैं क्या फील करता हूं एक नागरिक के नाते भी और राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाते भी, मैं बताऊंगा आपको कि देश और प्रदेश के लोग क्या सोचते हैं आपके बारे में। कितनी आपकी क्रेडिबिलिटी समाप्त होती जा रही है, आप लोगों की अंतरात्मा क्या कहती है, उस पर आप गौर करें और देशहित के अंदर अगर आपको दबाव देकर, जो आपके ऊपर दबाव बना कर जो रेड कराई जा रही है लोगों के ऊपर, उस पर विचार करें। ये मेरी मंशा थी। मुझे पहले खुशी हुई कि तत्काल फोन आने लग गए मेरे पास टाइम देने के लिए, सीबीडीटी की चेयरमैन साहब से भी और बाद में ज्वाइंट डायरेक्टर सीबाआई से भी और फिर कहा गया कि साहब आपको आने की जरुरत नहीं है, हम तो खुद आपसे मिलेंगे आकर जयपुर के अंदर। तो आप सोच सकते हैं कि इन हालातों में मुल्क चल रहा है।
राहुल गांधी जी को, सोनिया गांधी जी को, जिनके परिवार ने आनंद भवन देश को समर्पित कर दिया, गांधी जी ने आनंद भवन में रहकर पूरी जंग लड़ी हो देश के लिए, इस परिवार ने सबकुछ कुर्बान कर दिया देश के लिए, उस परिवार के ऊपर इस प्रकार का ईडी का नोटिस देना बहुत ही शर्म की बात है। पूरा मुल्क देख रहा है इस बात को। यही पार्टी, भारतीय जनता पार्टी इनका नाम जनसंघ था, 1977 में 78 के अंदर, इन्होंने मर्ज कर दिया भारतीय जनता पार्टी के अंदर। उस समय मोरारजी भाई देसाई प्रधानमंत्री बने, उस वक्त ये पार्टी सत्ता में थी, उनके साथ में। इंदिरा गांधी जी जीत कर आई थी चिकमगलूर से, बाय इलेक्शन, उनको भी लोकसभा से निष्कासित कर दिया था, जेल में भेज दिया गया था। उस वक्त भी आज की तरह माहौल था। हम लोग जेल गए थे, आज वो माहौल मैं फिर देख रहा हूं देश के अंदर कि किस प्रकार का रिएक्शन है लोगों के अंदर, पूरे देश के जिलों के अंदर, प्रदेशों के अंदर। आज जो लोग आए हैं, एकजुटता दिखाने के लिए आए हैं राहुल गांधी जी के प्रति और सोनिया गांधी जी के प्रति और ये सब आए इसलिए कि पूरे मुल्क की भावना क्या है इन प्रीमियर एजेंसी के बारे में, ईडी के बारे में, वो भी एक मैसेज देने के लिए आए हैं। मैं समझता हूं कि सद्बुद्धि आएगी नेताओं के अंदर। दबाव नहीं बनाएंगे एजेंसियों पर। एजेंसी वाले खुद भी अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनेंगे और फिर एक्ट करेंगे। कब तक आप तंग करेंगे बुला-बुलाकर। मोती लाल वोरा को बुलाकर तंग किया, जो 90 साल के थे। क्या नहीं किया इन लोगों ने, खरगे साहब को बुला लिया। अरे दुनिया के मुल्कों के अंदर जब तक कोई अपराधी नहीं बनता है, घोषित नहीं होता है, तब तक उनका सम्मान देखा जाता है, व्यवहार किया जाता है। पुलिस या ईडी वाले खुद जाकर बयान ले सकते हैं उनके घर पर जाकर, बुलाने की क्या जरुरत है, इस प्रकार से। खरगे साहब को बुलाया गया, मोती लाल वोरा जी को तंग किया गया। क्या तरीका हो रहा है देश के अंदर। हालात बड़े गंभीर है। मैं इस मौके पर देश की युवा पीढ़ी से कहना चाहूंगा- आप लोग समझ जाइए, आने वाला भविष्य आपका है देश के अंदर। लोकतंत्र खतरे के अंदर है, संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, कानून का राज समाप्त हो रहा है, बुल्डोजर चल रहे हैं। कुछ लोग खुश हो सकते हैं, सीमित समय के लिए, लेकिन बुल्डोजर कभी आपके घर पर भी चल सकता है। ये कानून का राज कहाँ रहेगा, इस प्रकार की हरकतें करेंगे तो।
हालात पूरे मुल्क में बहुत गंभीर हैं। मीडिया की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, मीडिया खुद भी दबाव के अंदर है, मीडिया के मालिक दबाव के अंदर है। मजबूरी कह लें, कब सीबीआई आ जाए, कब ईडी वाले पहुंच जाए हमारे यहाँ पर, कब इंकम टैक्स का छापा पड़ जाए, पूरा मीडिया दबाव में है। मैंने देखा लेखक, पत्रकार और साहित्यकार, जो आर्टिकल लिखते हैं, धीरे-धीरे वो भी थकने लग गए हैं, ऐसा माहौल देश में बन गया है।तो मुझे बहुत चिंता लगी हुई है कि आज ऐसे लोग हैं मीडिया के अंदर भी जो हिम्मत कर रहे हैं, बोलने की, कहने की, लिखने की, कब तक करेंगे वो लोग। लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं ये लोग और जिस प्रकार से जिस दिशा में मुल्क जा रहा है, कोई नहीं कह सकता है कि ये मुल्क किस दिशा में जाएगा किसी को नहीं मालूम, ये हालात हैं, इसलिए हम आपके बीच में आए हैं। आज राहुल गांधी जी को आप बताइए सुबह से बैठा रखा है उनको, क्या तुक है उनकी। अगर लोन दे दिया तो, लीगली लोन दिया है, कोई बुरा नहीं किया है, लोन माफ करती है एआईसीसी, उसके ऊपर है, उनका खुद का अखबार है, 1937 से शुरु हुआ अखबार, पंडित नेहरु के जमाने से, उन्होंने खुद ने शुरु किया इसको। उसके बाद आप बताइए इस प्रकार की हरकतें करना उचित नहीं है। मुकदमा चल रहा है, कोर्ट के अंदर। उसके बावजूद भी इन्होंने इस प्रकार से नोटिस देकर ईडी को घुसा दिया। मैं समझता हूं कि पूरा देश देख रहा है और आने वाले वक्त के अंदर, हम पीछे नही हटने वाले हैं, हमारे कार्यकर्ताओं में पूरा जोश है और कार्यकर्ताओं में आक्रोश है, तो जो नतीजे सबके सामने आएंगे, इनको भुगतने पड़ेंगे, मैं कह सकता हूँ। एक प्रश्न के उत्तर में गहलोत ने कहा कि मैं नहीं था वहाँ पर, चाहे हिंदू हो या मुस्लिम हो, मेरा मानना है कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। मैंने कहा राजस्थान के अंदर भी हमारे वहाँ कोई भी जाति, कोई धर्म, कोई वर्ग के लोग, कोई राजनीतिक पार्टी के लोग अगर हिंसा करेंगे, तो शक्ति से निपटेंगे। एक अन्य प्रश्न पर कि आज के कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर बीजेपी ये आरोप लगा रही है कि एक परिवार को और उनकी दो हजार करोड़ की प्रॉपर्टी को बचाने के लिए कांग्रेस सड़कों पर आई है, क्या कहेंगे, श्री गहलोत ने कहा कि आपको मैं ये कहना चाहूँगा ये जो कंपनियाँ बनी हैं, इन कंपनियों से सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी एक रुपया भी इससे ले नहीं सकते। ये नॉन प्रॉफिटेबल कंपनियाँ हैं, इसमें कोई भी इसका डायरेक्टर एक रुपया भी नहीं ले सकता है। ये सब इनको मालूम है, प्रधानमंत्री को मालूम है, गृहमंत्री को मालूम है, वित्तमंत्री को मालूम है, एजेंसी को मालूम है। उसमें से कोई लाभ प्राप्त कर ही नहीं सकते है, केवल शेयर का आदान प्रदान होता है, जो हर एजेंसी में होता है। हिंदुस्तान में, इंडस्ट्रियलिस्ट के पास में किसी के पास सौ, किसी के पास एक सौ पच्चीस, किसी के पास एक सौ पचास कंपनी होती है, दो-तीन कंपनी बनी हुई है, उसको लेकर तंग किया जा रहा है।
एक अन्य प्रश्न पर कि कांग्रेस को ईडी की जांच पर आपत्ति क्यों है, गहलोत ने कहा कि आपत्ति कोई नहीं है। गलत तरीके से ईडी को घुसाया गया है, नंबर एक। नंबर दो, जो आप कह रहे हो न, ये आपके मित्र लोंग होंगे, जो उसके अंदर, जो बेचारे 20-20 साल से तनख्वाह नहीं पा रहे थे, उसके अंदर, अगर सबको वीआरएस देकर उनकी बकाया अदायगी का भुगतान करके उनको खुश करके घर भेजा गया तो इसमें किसी को क्या आपत्ति है। इसी से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में गहलोत ने कहा कि कागजों में कैसे नहीं थे! वो जांच होने दो, कौन मना कर रहा है। अगर कोई बेईमानी हुई है, कहीं पर, तो उसके लिए अलग से कार्रवाई हो, कौन मना कर रहा है, एफआईआर हो उसके लिए तो। ये सभी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। ये टोटली कोई भी प्रॉफिट कोई कमा ही नहीं सकता इसके अंदर, वो कंपनी यही है। एक अन्य प्रश्न पर कि आज तो आपने शक्ति प्रदर्शन किया, आगे कोर्स ऑफ एक्शन क्या होगा और क्या 23 को एक बार फिर कांग्रेस पार्टी सड़कों पर होगी, गहलोत ने कहा कि आप थोड़ा धैर्य रखिएगा। आप देखेंगे, स्टेप बाई स्टेप जो तरीका इन्होंने एडॉप्ट किया है, उसी ढंग से कांग्रेस जवाब देने में सक्षम है।मल्लिकार्जुन खरगे ने जोड़ा कि मैं आपके सामने स्टेटमेंट इसलिए नहीं दे रहा हूँ, इसीलिए तो हमारे सीनियर लीडर अशोक गहलोत जी और बघेल साहब यहाँ पर आए हैं, वो सब विस्तार से बताने के लिए। क्योंकि मैंने इस केस में एविडेंस दिए हैं और मैं एविडेंस देने की वजह से फिर यहाँ पर खुलकर उस विषय पर बोलना उचित नहीं समझता हूँ, इसलिए मैं उसको अवॉइड करूँगा, नहीं तो मैं जो कहना है, कहूँगा, जो विचार उनके हैं, वो मेरे विचार भी हैं और उसी तरीके से वो चल रहे हैं, वो सब कुछ उन्होंने बताया है, जो नॉन प्रॉफिटेबल कंपनी है, उसको लेकर इतना हंगामा कर रहे हैं, ये सारी चीजें उन्होंने बताई, इसलिए मैंने दो बार जाकर ईडी ऑफिस को एविडेंस दिया है, इसलिए अब बोलना उचित नहीं है, फिर कभी और विषय पर मैं बात करूँगा।एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री गहलोत ने कहा कि आप बताइए कि लोकतंत्र में पक्ष भी होता है, विपक्ष भी होता है, तभी लोकतंत्र चलता है। ये जो फासिस्ट लोग बैठे हुए हैं, इनके लिए प्रतिपक्ष तो कुछ है ही नहीं, वरना प्रतिपक्ष की 13 पार्टियों ने सोनिया गांधी जी सहित अपील की प्रधानमंत्री जी से, कृपा करके आप आगे आएं, देश को संबोधित करें कि देश में शांति, सदभाव, भाईचारा बना रहे और हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए और हिंसा को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री को रिक्वेस्ट कर रही हैं, हम लोग सब रिक्वेस्ट करें, चुने हुए मुख्यमंत्री, तो प्रधानमंत्री जी को, गृहमंत्री जी को क्या दिक्कत आ रही है, इस अपील के अंदर, अपने ही देश को, देशवासियों को अहिंसा की अपील न करें, तो वो किसकी अपील करेंगे, इसलिए आज लोग भड़क रहे हैं, दंगे हो रहे हैं, खून-खराबा हो रहा है औऱ बुल्डोजर चलाने का नाटक हो रहा है।