अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में भारी बारिश के चलते पैदा हुए हालात और यमुना में बढ़े जलस्तर पर सोमवार को दिल्लीसचिवालय में सभी विभागों के साथ आपात बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकार हर स्थिति से निपटने को तैयार है। पिछले 40 साल में पहली बार दिल्ली में इतनी बारिश हुई है। दिल्ली का सिस्टम कई बार 100-125 एमएम बारिश संभाला चुका है, लेकिन 153 एमएम बारिश संभालने के लिए तैयार नहीं था। इस वजह से लोगों को परेशानी हुई। सीएम ने कहा, बारिश के चलते हो रहे जलभराव और सड़कों में बने गड्ढों को ठीक करने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। पीडब्ल्यूडी के 680 पम्प लगातार काम कर रहे हैं। 326 अतिरिक्त पंम्प लगाए गए हैं और 100 मोबाइल पम्प भी काम कर रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने साफ किया कि दिल्ली में अभी बाढ़ का खतरा नहीं है। दिल्ली में अभी यमुना का जल स्तर 203.58 मीटर तक पहुंचा है और मंगलवार की सुबह तक जलस्तर 205.5 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। अगर यमुना का जल स्तर 206 मीटर को पार करता है तो हम तट के पास रह रहे लोगों को राहत केंद्रों में शिफ्ट करना शुरू कर देंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में हुई आपात बैठक में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, पर्यावरण मंत्री मंत्री गोपाल राय, पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी, जल मंत्री सौरभ भारद्वाज के अलावा एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय और संबंधित विभागों के अफसर मौजूद रहे। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंत्रियों और अधिकारियों से भारी बारिश से दिल्ली में पैदा हुए हालात का विस्तार पूर्वक जायजा लिया और लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। आपात बैठक के उपरांत सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता कर भारी बारिश के चलते हो रहे जलभराव और यमुना के बढ़ते जल स्तर को लेकर अहम जानकारी साझा की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में अप्रत्याशित बारिश हुई है। बताया जा रहा है कि पिछले 40 साल में पहली बार इतनी ज्यादा बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत आसपास के एरिया से भारी बारिश की खबरें आ रही हैं। निश्चित तौर पर बारिश से लोग काफी परेशान हैं। यह एक ऐसा समय है, जब हम सभी को मिलकर एक-दूसरे की मदद करनी है। यह वक्त एक-दूसरे पर उंगली उठाने का नहीं है। पूरे उत्तर भारत में प्रभावित इलाकों की सभी सरकारे अपने-अपने स्तर पर लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं। सभी सरकारों, सभी पार्टियों और जनता को मिलकर लोगों को राहत पहुंचाने की जरूरत है।
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