अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:आईआईएम अहमदाबाद से पांच दिवसीय ट्रेनिंग लेकर लौटे एमसीडी स्कूलों के प्रिंसिपल ने बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर अपने अनुभवों को साझा किया। प्रिंसिपल्स ने ट्रेनिंग पर भेजने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद किया और कहा कि हमें वहां जाकर बहुत कुछ सीखने को मिला। हमने जो सीखा है, उसे अपने स्कूलों में प्रयोग करेंगे। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है और हम टीचर्स का सम्मान करते हैं। मुझे नहीं लगता है कि एमसीडी में आज तक प्रिंसिपल को इतनी वैल्यू मिली होगी। क्योंकि पहले एमसीडी की प्राथमिकताओं में स्कूल सबसे नीचे आता था। उन्होंने कहा कि एमसीडी स्कूलों में कई समस्याएं हैं, इन्हें दूर कर हम दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह शानदार बनाएंगे। इन तमाम समस्याओं के रहते हुए भी आप सभी को बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी है। इस दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी और एमसीडी मेयर डॉ. शैली ओबरॉय भी मौजूद रहीं।
आईआईएमए से लौटे एमसीडी के प्रिंसिपल्स को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप सभी के उत्साह को देखकर मुझे यकीन हो गया है कि आपका आई आईएम अहमदाबाद जाना सफल रहा। आपके अनुभवों को सुनकर भी बहुत अच्छा लगा। दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रिंसिपल यूके और कैंब्रिज भी जा चुके हैं। पिछले दिनों दिल्ली सरकार में यह बात उठी थी कि हम टीचर्स और प्रिंसिपल को ट्रेनिंग दिलाने में इतना पैसा क्यों खर्च कर रहे हैं? ऐसा करते हैं कि आईआईएम से प्रोफेसर्स को बुला लेते हैं और एक-एक प्रोफेसर को स्कूलों में भेज देते हैं और वो टीचर्स को प्रशिक्षित कर देंगे। मुझे नहीं लगता है कि प्रोफेसरों को बुलाकर वो हासिल हो पाता, जो आज प्रिंसिपल हासिल करके आए हैं। प्रिंसिपल वहां के वातावरण को देखे, क्लास रूम में गए और पांच दिनों तक एक साथ रहे। अगर हम वहां से एक प्रोफेसर बुला लेते तो ये अनुभव नहीं मिलते।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप लोगों को जो अनुभूति हुई है, वो महत्वपूर्ण है। हमने टीचर्स को ये अहसास कराया है कि पूरे सिस्टम के अंदर हम आपका सम्मान करते हैं। हमारे लिए आपकी एक वैल्यू है। मुझे नहीं लगता है कि एमसीडी के अंदर प्रिंसिपल को आजतक ये वैल्यू मिली हो। पहले एमसीडी की प्राथमिकताओं में स्कूल सबसे नीचे आता था। इसी तरह जब हमने दिल्ली सरकार को संभाला था, तब यहां भी शिक्षा को सबसे कम प्राथमिकता दी जाती थी। मैं पहले एक एनजीओ के जरिए झुग्गियों में काम करता था। उस दौरान में एमसीडी और दिल्ली सरकार के स्कूल देखे हैं। तब ये स्कूल बहुत बुरे हालात में होते थे। शिक्षक जिन हालातों के अंदर काम कर रहे थे, उन हालातों में बहुत कुछ नहीं किया जा सकता। एक आदमी चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने आईआईएम अहमदाबाद भेज कर आपको ये महसूस करा दिया कि शिक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। हमने इंजीनियर या किसी और आईआईएम अहमदाबाद नहीं भेजा, बल्कि शिक्षकों को भेजा। हमारी विचारधारा ये है कि जब तक इस देश के अंदर एक-एक बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता। पूरी दुनिया में कोई भी ऐसा विकसित देश नहीं है, जो विकसित हुआ हो और वहां के बच्चे पढ़े-लिखे न हों। वो इसलिए विकसित देश बने, क्योंकि वहां के बच्चे पढ़े-लिखे हैं। पहले उन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दी। मानव संसाधन सबसे महत्वपूर्ण है। अगर हमने अपने सारे बच्चों को ठीक से पढा दिया, तो एक पीढ़ी के अंदर हम इस देश से गरीबी दूर कर सकते हैं और अपने देश को नंबर-1 बना सकते हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चार बड़े-बड़े फ्लाईओवर, चार बड़े-बडे स्टेडियम या चार बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बना लेने से देश विकसित नहीं होगा। देश तभी आगे बढ़ेगा, जब एक-एक बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी। इसलिए हम शिक्षा को पहली प्राथमिकता देते हैं। सीएम ने कहा कि आप सभी से बात करने से निकला है कि समस्या का समाधान अपने अंदर ही है। दूसरा ये कि जो भी अवसर हमें मिला है, उन्हीं के आधार पर जो समाधान निकले, वो हमें करना है। आम आदमी पार्टी के सभी लोग बहुत ही मामूली पृष्ठभूमि से आए हैं। उपर वाले की कृपा और जनता के आशीर्वाद से हमें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। सीएम ने कहा कि हमारे सामने तमाम समस्याएं हैं। केंद्र सरकार तंग करती है, काम नहीं करने देती हैं। लेकिन इन समस्याओं के बावजूद हम शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेज ही सकते हैं। इन तमाम समस्याओं के बावजूद हम जितना काम कर सकते हैं, वो कर रहे हैं। इसी तरह आप प्रिंसिपल भी हैं। एक प्रिंसिपल के पास 4-5 हजार बच्चों को देख रहा है। मैं समझ सकता हूं कि एमसीडी स्कूलों में पीने के पानी, टॉयलेट, सफाई और सिक्युरिटी गार्ड आदि की समस्याएं हैं। इन सारी समस्याओं को दूर करेंगे और सारे स्कूलों को भी ठीक करेंगे। दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह एमसीडी के स्कूल भी बनाएंगे, लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा। स्कूल ठीक करना आसान है, लेकिन बच्चों को अच्छी पढ़ाई देना बड़ा मुश्किल है। जब हम लोगों ने दिल्ली सरकार संभाला तब शिक्षा का बजट 5 हजार करोड़ रुपए होता था, हम लोगों ने इसे बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रुपए कर दिया। सीएम अरविंद केजरीवाल कहा कि एक आम आदमी अपने बच्चे को बिल्डिंग देखकर स्कूल नहीं भेजता है, बल्कि पढ़ाई के लिए भेजता है। अगर पढ़ाई ही नहीं होगी तो अच्छी बिल्डिंग का क्या फायदा है? हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि हम अपने टीचर्स को प्रेरित कैसे करें? टीचर्स में ये प्रेरणा इन ट्रेनिंग सेशन से आई। इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें की गई। एमसीडी स्कूलों में सौ तरह की समस्याएं होंगी, लेकिन इन समस्याओं के रहते हुए भी आपको बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी है। क्योंकि वो बच्चे अपने मां-बाप की उम्मीद हैं। पैसे वालों के बच्चे को बड़े होकर बिजनेस संभाल लेंगे। लेकिन अगर आपने इन गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ा दिया तो बहुत बड़ा पुण्य का काम होगा और देश भी तरक्की करेगा। ऐसा करके आप देश सेवा भी करेंगे।
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