अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ओखला लैंडफिल साइट का दौरा कर कूड़े के निपटान की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। सीएम ने पाया कि यहां कूड़ा हटाने का काम लक्ष्य से पीछे चल रहा है। इस पर कहा कि कूड़ा हटाने के काम में तेज़ी लाने के लिए एक और एजेंसी हायर की जाएगी। अब तक यहां से 18 लाख टन कूड़ा हटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन अभी केवल 12 लाख टन ही हटाया जा सका है। सीएम ने कहा कि दूसरी एजेंसी हायर करने की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं होने की वजह से इसमें देरी हो रही है। स्टैंडिंग कमेटी का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जैसे ही कोर्ट का आदेश आएगा, कमेटी गठित कर दूसरी एजेंसी हायर कर ली जाएगी। हमें पूरी उम्मीद है कि दोनों एजेंसी मिलकर काम करेंगी तो मई 2024 तक 30 लाख टन कूड़ा हटाने के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय, डिप्टी मेयर आले मोहम्मद समेत एमसीडी के वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे।
ओखला लैंडफिल साइट का जायजा लेने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ओखला लैंडफिल साइट पर कुल 45 लाख टन कूड़े का पहाड था। 7 नवंबर 2022 से ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े के पहाड़ को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लक्ष्य रखा गया था कि मई 2024 तक यहां से 30 लाख टन कूड़ा हटा लिया जाएगा। लेकिन ओखला लैंडफिल साइट पर कूड़ा हटाने की कार्रवाई तय लक्ष्य से पीछे चल रही है। अभी तक ओखला लैंडफिल साइट से 18 लाख टन कूड़ा हटा लिया जाना चाहिए था, लेकिन अभी केवल 12 लाख टन कूडा ही हटाया जा सका है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े का निस्तारण तय लक्ष्य से पीछे चलने के पीछे कई कारण बताया। उन्होंने कहा कि यहां से कूडा हटाने के लिए एक और एजेंसी हायर करने की कार्रवाई चल रही है। क्योंकि मौजूदा एजेंसी अकेली है और अपने टारगेट भी पूरा नहीं कर पा रही है। इसलिए एक और एजेंसी हायर करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। चूंकि दिल्ली नगर निगम में अभी तक स्टैंडिंग कमेटी नहीं बनी है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है और आर्डर रिजर्व्ड है। स्टैंडिंग के बिना ये कंट्रैक्ट किसी दूसरी एजेंसी को नहीं दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद जैसे ही स्टैंडिंग कमेटी बनेगी, वैसे ही एक और एजेंसी को हायर कर लिया जाएगा। इसके बाद दोनों एजेंसी मिलकर काम करेंगे और हमें उम्मीद है कि अगले मई 2024 तक 30 लाख टन कूड़ा हटाने का टारगेट पूरा हो जाएगा। दिल्ली सरकार और एमसीडी पूरी तरह से लगी हुई हैं कि कूड़े का पहाड़ जल्द से जल्द खत्म किया जा सके। पिछले सप्ताह हम लोग भलस्वा लैंडफिल साइट गए थे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों से निकलने वाले नैनो पार्टिकल से प्रदूषण होने पर सहमति जताई और कहा कि दिल्ली में पीडब्ल्यूडी की 1480 किलोमीटर सड़कें हैं। हम लोग प्लान कर रहे हैं कि पीडब्ल्यूडी की सभी सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग की जाएगी तो कूड़ा उपर नहीं उठेगा। सड़कों की धुलाई भी की जाएगी। पहले मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें दिल्ली सरकार द्वारा खरीदे जाने का प्लान था। लेकिन अब ये काम एमसीडी को दिया जा रहा है। इसका कैबिनेट नोट तैयार है। एक-दो हफ्ते में हो जाएगा। इसके बाद एमसीडी स्वीपिंग का काम शुरू करेगी। हम पहले पीडब्ल्यूडी की सड़कों से शुरुआत करेंगे। इसके बाद एमसीडी की सड़कों पर भी करेंगे। उधर, दिल्ली की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा कि दिल्ली को कूड़ा मुक्त करने के लिए दिन-रात काम चल रहा है। कूड़े के पहाड़ों को अब कोई भी दिल्लीवासी देंखे तो साफ कह सकते हैं कि अब हाइट काफी कम हो गई है। कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए 24 घंटे लगातार काम चल रहा है। साथ ही, सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर अतिरिक्त एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया भी चल रही है। तीनों कूड़े के पहाड़ों पर जल्दी दो-दो एजेंसी कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल खुद पूरे कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अभी तक सीएम केजरीवाल दो लैंडफिल साइट का निरीक्षण कर चुके हैं। अब जल्द तीसरी लैंडफिल साइट का निरीक्षण करेंगे। आम आदमी पार्टी की तरफ से दी गई दिल्ली को कूड़ा मुक्त करने की गारंटी जल्द पूरी होगी।
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