अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के लिए अभी तक रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की शर्त होती थी, लेकिन अब से आरडब्ल्यूए की आवश्यकता नहीं होगी। कॉलोनी का कोई भी व्यक्ति कॉलोनी को नियमित करने के लिए आवेदन करेगा तो उसे अप्रूव कर दिया जाएगा।मनोहर लाल ने कहा कि सभी 88 शहरी स्थानीय निकायों में सर्वे के आधार पर शहरों में लगभग 46 लाख प्रॉपर्टी आई. डी. बनाई गई हैं। इन प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित जो भी त्रुटियां हैं, उन्हें आगामी एक माह में अधिक से अधिक कैंप लगाकर दुरुस्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रॉपर्टी आई.डी. के लाभार्थियों के साथ सीधा संवाद कर रहे थे। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भी ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े और प्रॉपर्टी आईडी की प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। संवाद के दौरान लाभार्थियों ने प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित कठिनाईयों को दूर करने और पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। लाभार्थियों ने कहा कि पहले रजिस्ट्री करवाने और प्रॉपर्टी आईडी लेने के लिए भी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन सारी प्रक्रियाओं के ऑनलाइन होने से हम लोगों को बड़ी राहत मिली है और आज घर बैठे ही प्रॉपर्टी आईडी प्राप्त कर रहे हैं।मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में सर्वे शुरू किया था। इस सर्वे के आधार पर लगभग 46 लाख प्रॉपर्टी आई.डी. बनाई गई हैं। इनमें से नियमित कॉलोनियों में 36 लाख संपत्तियां पाई गई और अनअप्रूव्ड एरिया या अनियमित कॉलोनियों में 10 लाख संपत्तियां पाई गई। इन प्रॉपर्टी आई. डी. को नवंबर, 2022 में पोर्टल पर अपलोड किया गया, ताकि संपत्ति मालिक स्वयं अपनी प्रॉपर्टी आईडी को सत्यापित कर सके। हांलांकि केवल 1.50 लाख प्रॉपर्टी मालिकों ने ही प्रॉपर्टी आईडी को सत्यापित किया।मनोहर लाल ने कहा कि प्रॉपर्टी आई.डी. के विवरण में कुछ सम्पत्तियों की आई.डी. में त्रुटियां पाई गई, इस कारण संपत्ति धारकों द्वारा आपत्तियां दर्ज करवाई गई। इन आपत्तियों को दूर करने के लिए शहरों में विशेष कैंप लगा रहे हैं। अभी तक लगभग 8 लाख 35 हजार आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इन आपत्तियों में से 5 लाख 64 हजार आपत्तियां दूर की जा चुकी हैं। गत शनिवार और रविवार दो दिन भी प्रॉपर्टी आईडी की त्रुटियों को ठीक करने के लिए विशेष कैंप लगाए गए थे, जिसमें लगभग 20 हजार आपत्तियां प्राप्त हुई और 19,000 आपत्तियों को ठीक किया जा चुका है। आगामी एक माह में अधिक से अधिक कैंप लगाकर प्रॉपर्टी आईडी से जुड़ी आपत्तियों को खत्म करके प्रॉपर्टी आईडी को दुरुस्त किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी की पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य अवैध कॉलोनी बसाने के परिचालन को समाप्त करना है। इसके लिए सख्त कदम उठाते हुए अनियमित क्षेत्र के अंदर रजिस्ट्रियां बंद करनी पड़ी। रजिस्ट्री बंद करने के बाद अनियमित कॉलोनियां अब आगे नहीं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने का अभियान चलाया है। अभी तक 2000 कॉलोनियों की और से नियमित करने के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनका सर्वे किया जा रहा है। वर्ष 2016 में लगभग 700 कॉलोनियों को अप्रूव किया था। इस वर्ष में 1000 से अधिक कॉलोनियों को नियमित करने का लक्ष्य रखा है। सर्वे के बाद कॉलोनियों को अप्रूव किया जाएगा। पहले नियमित करने के लिए शर्त थी कि हर कॉलोनी में आरडब्ल्यूए का कोई न कोई स्वरूप होना चाहिए। लेकिन आज से आरडब्ल्यूएस की आवश्यकता नहीं रहेगी। मनोहर लाल ने कहा कि भविष्य में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा जब भी नये सेक्टर डेवलप किए जाएंगे, तो प्रारंभ में हर एकड़ या एरिया का अलग नंबर या किला नंबर होगा। लेकिन प्लॉट काट कर बेचे तभी जाएंगे, जब हर प्लॉट की पहले से प्रॉपर्टी आईडी बनी होगी। इसी प्रकार, कोई डेवलपर भी अगर मकान बना कर बेचेगा तो बेचने से पहले कितने मकान बने हैं, उनके हिसाब से सभी की प्रॉपर्टी आईडी पहले से बनाएगा।उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी से प्रॉपर्टी की पहचान बनेगी, चाहे प्रॉपर्टी वैध कॉलोनी में हो या अवैध कॉलोनी में। प्रत्येक प्रॉपर्टी को एक नंबर मिलेगा। कई मंजिला मकान बने हुए हैं, उनमें भी हर मंजिल की भी अलग प्रॉपर्टी आइडी होगी, जिसका मालिक अलग है, उसकी प्रॉपर्टी आइडी भी अलग होगी।उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य जमीनों को झगड़ों को खत्म करने का है। चाहे वे रिहायशी, औद्योगिक प्लॉट्स हों, चाहे कृषि भूमि या पैतृक संपत्ति के बंटवारे में भी जो समस्याएं आती हैं, उन समस्याओं को कैसे समाप्त किया जाए, इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमीनों से जुड़े कार्य पहले मानवीय हस्तक्षेप से होते थे और इनमें भ्रष्टाचार भी चलता था, लेकिन अब धीरे धीरे इनको सबको समाप्त किया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रॉपर्टी आईडी के बाद उस संपति का नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना होता है। इसके लिए कौन-कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, उसकी सूची स्थानीय निकायों के कार्यालयों में चस्पा करें। साथ ही, तहसीलों में रजिस्ट्री करवाने के लिए भी किन-किन दस्तावेजों की जरूरत है, इसकी सूची भी कार्यालयों में चस्पा करें। उन्होंने कहा कि अनेक प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड में फ़ोन नंबर नहीं हैं। इसलिए फोन नंबर को एकत्र करने के लिए लगभग 1000 कर्मियों को सर्वे की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी, जो-जो घर जाकर सर्वे करेंगे।
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