अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: हरियाणा सरकार की ई-पहलों में एक और पहल जोड़ते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को गुरूग्राम के पुलिस आयुक्त कार्यालय में ‘स्मार्ट ई-बीट‘ सिस्टम का शुभारंभ किया और इस सिस्टम से जुड़े पुलिस के 119 मोटरसाईकिल राइडर्स को झंडी दिखाकर रवाना किया।इस मौके पर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूग्राम में स्मार्ट पुलिसिंग इनीशिएटिव के तहत ई-बीट सिस्टम की शुरूआत की गई है जिससे बीट सिस्टम भी डिजिटाईज्ड हो गया है। उन्होंने बताया कि यह एक ऐप आधारित सिस्टम है और बीट पर तैनात मोटरसाइकिल राइडर पुलिसकर्मी की हाजिरी भी इस ऐप पर लगेगी और उनकी मॉनिटरिंग भी आसानी से की जा सकेगी। अब तक बीट पर लगाए गए पुलिसकर्मी मैनुअल तरीके से अपनी हाजिरी लगाते थे और उनकी मॉनिटरिंग नहीं हो पाती थी। यह एक जीआईएस आधारित सिस्टम है जिसके शुरू होने से इसकी मॉनिटरिंग ज्यादा प्रभावी तरीके से हो पाएगी। उसके बाद उनकी लोकेशन की मॉनीटरिंग आसानी से की जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि यह नई प्रणाली गुरूग्राम के शहरी क्षेत्र में स्थित सभी 33 पुलिस थाना क्षेत्रों को कवर करेगी। इनमें 119 मोटरसाईकिल राइडर तैनात होंगे और प्रत्येक मोटर साइकिल राइडर पर दो पुलिसकर्मी होंगे। इस लिहाज से दिन में तीन शिफ्टों में 714 पुलिसकर्मी राइडर पर ड्यूटी देंगे। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम पुलिस ने शहर में 2056 संवदेनशील लोकेशन अथवा बिंदुओ की पहचान की है जिनमें मुख्य रूप से एटीएम , पैट्रोल पंप, वरिष्ठ नागरिक के निवास स्थान,स्कूल , कॉलेज, धार्मिक स्थल, अपराध प्रभावित क्षेत्र आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को भविष्य में एमरजेंसी रिस्पांस स्पोर्ट सिस्टम से जोड़ा जाएगा ताकि फोन नंबर-112 पर मिलने वाली कॉल पर ईआरवी के अलावा ये राइडर भी मदद के लिए पहुंच सके क्योंकि कई बार गाड़ियों की तुलना में मोटरसाईकिल जल्दी पहुंच पाती है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्मार्ट ई-बीट सिस्टम की विवरिणका भी जारी की।
इससे पहले ई-बीट सिस्टम पर प्रेजेंटेशन देते हुए गुरुग्राम की पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन ने बताया कि पहले इस पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ईस्ट गुरुग्राम तथा मानेसर क्षेत्र में लागू किया गया था। उसमें सामने आई कमियों को दूर करते हुए इसी महीने इस ई-बीट सिस्टम का विस्तार करते हुए इसे साउथ गुरूग्राम तथा वेस्ट गुरुग्राम में भी लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि इस नए सिस्टम के अंतर्गत हर राइडर को अपने मोबाइल फोन में ई-बीट ऐप डाउनलोड करना होता है। जिस एरिया में उनकी ड्यूटी लगाई गई है वहां जाकर वे राइडर इस ऐप पर पंच करके अपनी हाजिरी लगाते हैं। उन्होंने बताया कि संवेदनशील स्थानों की पहचान करके उन्हें चेक करने की जिम्मेदारी इन राइडरों को दी जाती है। पुलिस आयुक्त ने यह भी बताया कि इस ऐप में असामाजिक तत्वों तथा चोरी हुए वाहनों का डाटा भी डाला गया है ताकि ये राइडर चोरी हुए वाहनों की तलाश करने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम सुरक्षित , डिजीटल , स्मार्ट तथा रीयल टाइम पैट्रोलिंग सोल्यूशन के तौर पर काम करेगा। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीगण भी पैट्रोलिंग पर ज्यादा प्रभावी ढंग से निगरानी रख पाएंगे। इससे शहरवासियों में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और इससे पारदर्शिता के साथ जिम्मेदारी भी तय की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि यह ऐप ऑफलाइन मोड में काम करता है और नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती। यह एक नेक्स्ट जनरेशन पेट्रोलिंग एप्लीकेशन ऐप है जिस पर मॉनिटरिंग डैशबोर्ड पर यह प्रदर्शित होगा कि राइडर ने कितने बिंदु अथवा स्थल चेक किए , कितनो पर वे नही गए, कितने घटनास्थलों पर राइडर पहुंचे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के पब्लिक सेफ्टी एडवाइजर अनिल राव, मीडिया एडवाइजर अमित आर्य, सोहना के विधायक संजय सिंह, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, मंडलायुक्त राजीव रंजन, पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन, उपायुक्त निशांत कुमार यादव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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