अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश की संपत्ति पर हरियाणा की अढाई करोड़ जनता का हक है और इसे सुरक्षित रखना हरियाण सरकार की जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आज विधानसभा में हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली विधेयक, 2021 पारित किया गया है। मुख्यमंत्री आज विधानसभा बजट सत्र की समाप्ति के उपरांत मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह कानून बहुत पहले ही बन जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राज्य की संपत्ति है चाहे वह निजी हो या सरकारी हो, उसे सुरक्षित रखना राज्य सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सम्पति के नुकसान से किसी को भी फायदा नहीं होता, बल्कि संपत्ति की क्षति होने से आर्थिक नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने व शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है। यह विधेयक सम्पति को नुकसान पहुंचाने वालों की जिम्मेदारी को निर्धारित करने के साथ-साथ पीडि़त पक्ष को मुआवजा दिलवाना भी सुनिश्चित करेगा। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा इस विधेयक का विरोध करने के सम्बन्ध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मनोहर लाल ने कहा कि इस विरोध के पीछे कांग्रेस की औछी मानसिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विधेयक का वर्तमान में आंदोलनरत किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सम्पति को नुकसान पहुंचाने वालों के मन में भय पैदा करना आवश्यक है और यही हमारी संवैधानिक कानूनी व्यवस्था है।
महफिल में चल रही थी मेरे कत्ल की तैयारी —–
मीडियाकर्मियों द्वारा वर्तमान बजट सत्र के संदर्भ में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि साढे छ: साल के कार्यकाल में यह विशेष सत्र रहा। इस दौरान विपक्ष द्वारा लाए गये अविश्वास प्रस्ताव पर शायराना अंदाज में कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि ‘महफिल में चल रही थी मेरे कत्ल की तैयारी, जब पहुंचा तो बोले बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी’ —और अविश्वास प्रस्ताव भारी मतों से गिर गया।