अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण बढ़ने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में ऑक्सीजन को लेकर चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को परेशानी का काफी सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में बेड की किल्लत से नए मिलने वाले अधिकतर मरीजों को घर में ही आइसोलेट होने की सलाह दी जा रही है। ऐसे मरीजों को घर पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है,उनके परिजन शहर के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं हो पा रहा है।
ग्रेटर नोएडा के डेल्टा-2 सेक्टर के निवासी संदीप सिंह हाथ में खाली ऑक्सीज़न का खाली सिलेंडर लेकर निराश होकर वापस लौट रहे है। कहते है कि वे अपने दोस्त संजीव कुमार के लिए ऑक्सीज़न लेने आए थे। संदीप सिंह कहते है उनके साथी कि तबीयत काफी खराब और ऑक्सीज़न लेबल 80 पर आ गया। ऑक्सीजन का लेवल कम होते ही वे बेड की तलाश में पहले बेड के लिए अस्पतालो का चक्कर काटते रहे लेकिन किसी अस्पताल में बेड नहीं मिल पाया। बेड नहीं मिलने पर वे घर पर ही अपने दोस्त का इलाज कर रहे है लेकिन घर पर इलाज करते-करते ऑक्सीजन लेवल कम होने पर मुश्किल बढ़ गई हैं। वह ऑक्सीजन के लिए शहर का चक्कर काटते हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई, शहर के सूरजपुर में स्थित इनोक्स एयर प्रॉडक्ट का प्लांट लगा हुआ है इसकी जानकारी मिली लेकिन यहाँ पर स्टॉक खत्म हो गया है। ऑक्सीज़न नहीं मिला पाने अब सबकुछ राम भरोसे है।
ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना है इसको देखते हुए नोएडा कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके बाद कोविड अस्पताल में ही हवा से ऑक्सीजन बनाई जा सकेगी। प्लांट लगाने के लिए अस्पताल की प्रभारी चिकित्सक ने शासन को पत्र लिखा है। डॉ.रेनू अग्रवाल ने बताया कि आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए कोविड अस्पताल में दो तरह की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। पहला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाना और दूसरा आक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाना। जहां ऑक्सीजन प्लांट लगने से मरीजों को लिक्विड आक्सीजन की कमी से परेशान नहीं होना पड़ेगा, तो वहीं ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट के माध्यम से हवा द्वारा ऑक्सीजन तैयार की जाएगी। ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट शुरू करने के लिए एयर कंप्रेशर मशीन की भी जरूरत होगी। एयर कंप्रेशर मशीन व आक्सीजन जेनरेटर लगाने के लिए शासन स्तर पर पत्र लिखा गया है। प्लांट तैयार होते ही मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से निजात मिल जाएगी और मरीजों को भी राहत मिलेगी। मरीजों को ऑक्सीजन के लिए रेफर नहीं करना पड़ेगा। इमरजेंसी में 24 घंटे ऑक्सीजन उपलब्ध रहेगी।
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