अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली में महिलाओं के लिए बसों का सफर सुरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा निर्णय लिए हैं। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि दिल्ली में चल रही सभी डीटीसी व क्लस्टर बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही पैनिक बटन और जीपीएस आधारित ऑटोमैटक व्हीकल लोकेशन सिस्टम भी लगाया जाएगा। साथ ही महिलाओं में सुरक्षा का भाव बढ़ाने के लिए बसों को वन ऐप से जोड़ा जाएगा। जिससे महिलाएं बस की लाईव लोकेशन की जानकारी भी मिलेगी। इस योजना के तहत 100 बसों में इस माह के अंत में सीसीटीवी, पैनिक बटन व जीपीएस आधारित ऑटोमैटक व्हीकल लोकेशन सिस्टम लग जाएगा। सभी बसों में सात माह के अंदर यह सिस्टम लग जाएगा। इसके लिए एक कमांड सेंटर भी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन के साथ प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि दिल्ली में पुराने डीटीसी और क्लस्टर बसों में सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन और जीपीएस आधारित ऑटोमैटिक व्हीकल लोकेशन सिस्टम लगे हैं। इसी तरह पुराने बस में भी यह सिस्टम लगाने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इससे दिल्ली में महिला यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी। साथ ही वह ऐप से बस की सूचना भी ले सकेंगी।
5500 बसों में लगेगा सिस्टम: अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम काफी समय से इस योजना को लागू करने के प्रयास में थे। पहले के तीन टेंडर पिछले तीन-चार साल में फेल हो गए। अब टेंडरिंग प्रक्रिया सफल हो गई है। कैबिनेट ने इस पर कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के तहत, दिल्ली में लगभग 5500 डीटीसी और क्लस्टर बसों में सीसीटीवी, पैनिक बटन (प्रत्येक बस में 10) और जीपीएस आधारित स्वचालित वाहन स्थान प्रणाली स्थापित की जाएगी। अगर कोई भी व्यक्ति पैनिक बटन दबाता है, तो तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट किया चला जायेगा और उसे तत्काल मदद दी जाएगी। पूरी प्रणाली को नियंत्रित करने और निगरानी करने के लिए एक केंद्रीकृत कमांड रूम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के दो प्रमुख लाभ हैं। पहला, सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन खतरों को रोकने और बसों में महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेंगे। दूसरा, यात्रियों को जीपीएस आधारित स्वचालित वाहन स्थान प्रणाली द्वारा संचालित मोबाइल ऐप पर बसों के आगमन का स्थान और अपेक्षित समय की जानकारी मिल जाएगी। यह सुविधा नहीं होने की वजह से अभी तक यात्रियों को बसों के आगमन का समय और स्थान के बारे में सही पता लगा पाना मुश्किल था। अब यह दिल्ली के लोगों के लिए एक पुरानी बात हो जाएगी।
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150 करोड़ की लागत आएगी
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दिसंबर के अंत तक 100 बसों पर इन सुविधाओं को शुरू करने की योजना बना रहे हैं। 5500 बसों में परियोजना को पूरा करने और ऐप-आधारित स्वचालित वाहन स्थान प्रणाली को पूरी तरह कार्यात्मक बनाने में छह महीने लगेंगे। इस परियोजना की कुल लागत 150 करोड़ रुपये आंकी गई है। ऐप लगभग बन कर तैयार हो चुका है। एक बार पूरी व्यवस्था लागू होने के बाद, बसों की जानकारी – स्थान, आगमन का समय आदि, शहर भर के बस स्टॉप पर प्रदर्शित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना यात्रियोंकी, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारे उपायों का एक महत्वपूर्ण कारण बनेगा।
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बस मार्शल की वजह से सुरक्षित हुआ बसों का सफर
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बसों में मार्शल नियुक्त होने से बसों का सफर सुरक्षित हुआ है। मार्शलों की वजह से कई घटनाएं रूक गई हैं। साथ ही कई घटनाओं का पर्दाफाश बस मार्शलों की वजह से हुआ है।
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बस की ले सकेंगे लाईव जानकारी
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जीपीएस आधारित ऑटोमैटक व्हीकल लोकेशन सिस्टम के माध्यम से सभी बसों को वन एप से जोड़ा जाएगा। जिससे कोई भी यात्री किसी बस की लाईव लोकेशन ले सकेगा। साथ ही बस स्टाँप पर डिस्प्ले की व्यवस्था होगी। जिससे स्टाँप पर खड़े यात्री को बस की लोकेशन की जानकारी मिल सकेगी।