Athrav – Online News Portal
दिल्ली नई दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

गांधी जी और मेरी तुलना की, ये बिल्‍कुल गलत है-राहुल गांधी को सुने इस लाइव वीडियो में


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- अशोक गहलोत जी, डोटासरा जी, सचिन पायलट जी, स्‍टेज पर काँग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता, भाईयों और बहनों, हमारे प्‍यारे कार्यकर्ता, प्रेस के हमारे मित्रों आप सबका यहां बहुत-बहुत स्‍वागत, नमस्‍कार। कैसे हैं आप लोग? राम-राम सा। देखिए अभी, डोटासरा जी ने गांधी जी और मेरी तुलना की, ये बिल्‍कुल गलत है। गांधी जी की जगह कहीं है और मेरी जगह कहीं और है और तुलना करना नहीं चाहिए। क्‍योंकि वो महान व्‍यक्ति थे, उन्‍होंने अपनी पूरी जिंदगी देश की आजादी के लिए दी, 10-12 साल जेल में काटी तो उनकी जगह कोई और भर नहीं सकता है और उनके साथ मेरा नाम भी नहीं लेना चाहिए, पहली बात।

अ‍ब दूसरी बात, मैं मेरे काँग्रेस पार्टी के जो मित्र आए हैं, उनसे थोड़ी कड़ी बात कहना चाहता हूं। देखिए, जो राजीव गांधी जी ने किया, इंदिरा गांधी जी ने किया, वो शहीद हुए, उन्‍होंने जो करना था किया और अच्‍छा किया। मगर काँग्रेस पार्टी को हर मीटिंग में ये दोहराना नहीं चाहिए। देखिए महात्‍मा गांधी जी ने जो किया, वो कर दिया। जो इंदिरा गांधी जी ने, जवाहर लाल नेहरू जी ने, राजीव गांधी जी ने, सरदार पटेल जी ने जो किया, कर दिया, वो अच्‍छा है। मगर हमें ये बोलना चाहिए कि हम जनता के लिए क्‍या करने जा रहे हैं, ये ज्‍यादा जरूरी है। तो मेरे दिल में बात आई, कभी-कभी मैं, जो आता है, कह देता हूं। तो मैं आपसे माफी मांगता हूं। 2-3 चीजें मैं आपसे कहना चा‍हता हूं। ये यात्रा हमने शुरू की, इसका लक्ष्‍य भारत को जोड़ने का था। कन्‍याकुमारी से कश्मीर, ये यात्रा चलेगी और ये 2-3 मुद्दों को उठाने के लिए हम चल रहे हैं।

एक आंकडा मैं आपको देना चाहता हूं, जिससे आपको सब बात समझ आ जाएगी। हिन्‍दुस्‍तान के 100 सबसे अमीर लोगों के पास उतना ही धन है, जितना हिन्‍दुस्‍तान के 55 करोड़ लोगों के हाथ में है। हिन्‍दुस्‍तान का आधा धन सिर्फ 100 लोगों के पास है और इन 100 लोगों के लिए हिन्‍दुस्‍तान चलाया जाता है, अगर आप उससे भी गहराई में जाना चाहते हैं तो आप उन 100 लोगों को भी छोड़ दीजिए। उनमें से 4-5 ऐसे लोग हैं, जिनको आज आप हिन्‍दुस्‍तान के महाराजा कह सकते हो, राजा कह सकते हो। पूरी की पूरी सरकार, पूरा मीडिया, सारे ब्यूरोक्रेटस इनके इशारे से काम करते हैं, नरेंन्‍द्र मोदी जी भी इन्‍हीं के इशारे से काम करते हैं, जो ये कहते हैं वो नरेन्‍द्र मोदी हिन्‍दुस्‍तान के प्रधानमंत्री करते हैं। इन्‍होंने कहा कि जो छोटे व्‍यापारी हैं, जो मिडिल साइज व्‍यापारी हैं, उनको खत्म करना है। इन्‍होने नरेन्‍द्र मोदी जी को इशारा दिया और नरेंन्‍द्र मोदी जी ने एक के बाद एक निर्णय लेने शुरू कर दिए।

नोटबंदी, भाईयों और बहनों ये पॉलिसी नहीं है, ये हथियार है। ये हिन्‍दुस्‍तान के छोटे व्‍यापारियों को, मिडिल साईज बिजनेस चलाने वालों को, ये दुकानदारों को खत्‍म करने का हथियार है। दूसरा हथियार- गलत जीएसटी। आज मुझे सड़क पर बताया गया कि अगर कोई व्‍यापारी गुड़, बेसन अगर 25 किलो से कम बेचता है, तो उस पर जीएसटी लागू हो जाती है, मगर यदि 25 किलो से ज्‍यादा बेचता है, उस पर जीएसटी नहीं लगती। तो जहाँ भी ये छोटे व्‍यापारियों को मार सकते हैं, खत्‍म कर सकते हैं ये पूरा का पूरा दम लगाकर कर देते हैं। लक्ष्‍य है कि जो हिन्‍दुस्‍तान के छोटे व्‍यापारी हैं, जो देश को रोजगार देते हैं, इनको खत्‍म कर दिया जाए और हिन्‍दुस्‍तान के सबसे बड़े 3-4 पूँजीपतियों को देश का पूरा का पूरा धन दे दिया जाए। तो यात्रा का पहला लक्ष्य इसका जो नतीजा आ रहा है, जो 5-7 पूँजीपतियों को पूरा का पूरा देश का धन दिया जा रहा है, इसका नतीजा है कि देश युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रहा है।मेरे से कन्याकुमारी से यहाँ तक हजारों युवा मिले हैं और सारे के सारे मुझे कहते हैं, हमें बीजेपी के, नरेन्द्र मोदी जी के हिंदुस्तान में रोजगार नहीं मिल सकता है। हमने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, आज हम ओला चलाते हैं, ऊबर चलाते हैं या फिर मजदूरी करते हैं। तो ये हालत हिंदुस्तान की है। जो गरीब लोग हैं, वो बेरोजगार हैं, उनको रास्ता नहीं दिख रहा, उनके सपने पूरे नहीं होते और 5-6 अरबपति हैं, उनको सब कुछ मिल जाता है। एयरपोर्ट्स मिल जाते हैं, पोर्ट्स मिल जाते हैं, सड़क भी वही बनाते हैं, खेती भी वो करना चाहते हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर भी वो बनाते हैं, टेलिफोन का सिस्टम भी वो चलाते हैं, सारा का सारा उनके हाथ में है और इससे देश को बहुत गहरी चोट पड़ रही है। तो पहला मुद्दा भारत जोड़ो यात्रा का बेरोजगारी के खिलाफ़ खड़े होने का है। हर किसान मुझे यही कहता है, महंगाई बढ़ती जा रही है। यहाँ हमारी माताएं-बहनें आई हैं, सबसे बड़ी चोट इनको पड़ती है। आप मुझे बताइए, यूपीए के समय गैस सिलेंडर का क्या दाम था? क्या दाम था? (जनता ने कहा- 400 रुपए) 400 रुपए। आज क्या दाम है? (जनता ने कहा-1,100 रुपए), 1,100 रुपए। पेट्रोल का क्या दाम था, (जनता ने कहा- 60 रुपए प्रति लीटर), आज क्या दाम है (जनता ने कहा- 110 रुपए)। डीजल का क्या दाम था? (जनता ने कहा- 55 रुपए)। आज क्या दाम है? (जनता ने कहा- 93 रुपए) ये। तो पूरा हिंदुस्तान जानता है, मगर आपको एक और सवाल पूछना चाहिए। ये जो पैसा आपकी जेब में से निकल रहा है, सिलेंडर का पैसा, पेट्रोल का पैसा, डीजल का पैसा, ये कहाँ जा रहा है? ये किसकी जेब में जा रहा है? ये किसके हाथों में जा रहा है? ये वही 5 पूँजीपतियों के हाथ में जा रहा है। सारा का सारा धन आपकी जेब में से निकाला जाता है, किसानों के परिवारों की जेब में से निकाला जाता है और इन्हीं 5 लोगों को दिया जाता है, ये दूसरा मुद्दा है। इंटर्नेशनल मार्केट में तेल के दाम गिरे हैं, मगर हिंदुस्तान में तेल के दाम, पेट्रोल के दाम कभी नहीं गिर सकते। इस देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ते जाएंगे। इंटर्नेशनल मार्केट में जहाँ से हम खरीदते हैं, वहाँ पर दाम घटते जा रहे हैं और हिंदुस्तान में दाम बढ़ते जा रहे हैं, फायदा किसको, उन्हीं 2-3 उद्योगपतियों को, अरबपतियों को। तो दूसरा मुद्दा महंगाई का मुद्दा है और इससे सब गरीब लोगों को चोट पहुंचती है। किसानों को, मजदूरों को, छोटे व्यापारियों को, स्मॉल और मीडियम बिजनेस चलाते हैं, उनको, सबको चोट पहुंचती है।

तीसरा मुद्दा, जो नफरत का मुद्दा है। आरएसएस और बीजेपी उनकी योजनाएं, डर फैलाने की योजनाएं हैं। नोटबंदी का लक्ष्य हिंदुस्तान की जनता के दिल में डर फैलाने का था। गलत जीएसटी, छोटे व्यापारियों को डराने की योजना है। जो आज बेरोजगारी है, उससे डर बढ़ता जा रहा है और इस डर का फायदा सिर्फ बीजेपी और आरएसएस को होता है, क्योंकि वो इस डर को नफ़रत में बदलते हैं। उनका काम ही डर को नफ़रत में बदलने का है। उनके पूरे-पूरे संगठन यही काम करते हैं। देश को बांटने का काम करते हैं, नफ़रत फैलाने का काम करते हैं और डर फैलाने का काम करते हैं और इसलिए भारत जोड़ो यात्रा का तीसरा लक्ष्य और शायद सबसे जरुरी लक्ष्य देश में जो डर फैलाया जा रहा है, नफ़रत फैलाई जा रही है, उसके खिलाफ़ खड़े होना है।

भाईयों और बहनों, मैं आपसे पूछता हूँ, आपके परिवार में अगर लड़ाई हो, भाई, भाई से लड़े, बेटा, पिता से लड़े, माता, बेटी से लड़े, तो क्या उस परिवार को फायदा मिलता है, फायदा होता है, परिवार को कभी? ऐसा कोई परिवार है, जो बांटा गया, जिसमें लड़ाई हुई, जिसमें नफ़रत है और वो आगे बढ़ गया, कोई है ऐसा परिवार? एक परिवार नहीं मिलेगा आपको। तो अगर परिवार को नफ़रत और हिंसा से फायदा नहीं होता, तो देश को कैसे होगा। तो भाईयों और बहनों, देश कमजोर हो रहा है और इस कमजोरी का फायदा देश के दुश्मन उठाएंगे। इस कमजोरी का फायदा, जो देश का भला नहीं चाहते हैं, वो उठा रहे हैं। इसलिए हमने देश को जोड़ने की यात्रा कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की यात्रा, श्रीनगर में तिरंगा फहराने की यात्रा हमने शुरू की है और ये यात्रा श्रीनगर तक जाएगी। मैं एक और बात कहना चाहता हूँ। देखिए, राजस्थान में, महाराष्ट्र में मैं चला और जब मैं आपसे मिलता हूँ, आप दो नारे इस्तेमाल करते हो, सड़कों पर। एक आप कहते हो, राम-राम सा, जो मैंने अभी पहले बोला। राम-राम सा, सही? दूसरा आप कहते हो, जय सियाराम, सही? अब मैं आरएसएस-बीजेपी वालों से पूछना चाहता हूँ, आप जय श्री राम बोलते हो, मगर आप जय सियाराम क्यों नहीं बोलते हो? आपने सीता मां को इस नारे से क्यों निकाला? आप सीता मां का अपमान क्यों करते हो? आप हिंदुस्तान की नारी का अपमान क्यों करते हो? मैं उनसे कहता हूँ, ‘हे राम’ नारे का प्रयोग कीजिए। ‘जय सियाराम’ बोलिए, क्योंकि यही हिंदुस्तान का, राजस्थान का इतिहास है और इस नारे से इस देश को शक्ति मिलती है, सही बात है न, सही बात है न? (जनता ने कहा- हाँ) तो इन्होंने देखिए, क्या चालाकी की। इनके संगठन में आपको एक महिला नहीं मिलेगी। आरएसएस में एक महिला नहीं मिलेगी, आपको। ये महिलाओं को दबाते हैं। महिलाओं को दबाते हैं ये लोग। अपने संगठन में एक महिला को नहीं आने देते। इनके जो प्रचारक होते हैं, एक महिला नहीं मिलेगी आपको और फिर जो हमारी संस्कृति है, जय सियाराम, उसको भी ये बदलने की कोशिश कर रहे हैं और सीता मां का अपमान करते हैं। तो जब भी ये आपके पास आते हैं, इनसे आप कहो, आरएसएस के लोगों से कहो कि ये बंद करें और सीता मां का अपमान न करें और जय सियाराम बोला करें और हे राम बोला करें और जो राम भगवान ने कहा था। भाईयों और बहनों, राम ने अन्याय कभी किया? कभी किया अपनी जिंदगी में भगवान राम ने अन्याय? क्या भगवान राम ने हिंदुस्तान में हिंसा फैलाई थी क्या, नफ़रत फैलाई थी क्या- न। भगवान राम ने सबका आदर किया था। गलत जीएसटी तो लागू नहीं की थी न, नोटबंदी तो नहीं की थी न, क्योंकि भगवान राम गरीबों के थे। 5 पूंजीपतियों के नहीं थे। वो किसान के थे, मजदूर के थे, छोटे व्यापारियों के थे और वो सुनते थे। अगर कोई गरीब व्यक्ति उनके पास जाता था, वो सुनते थे। जो गरीब व्यक्तियों के दिल में था, वो सुनते थे, गले लगते थे। तो जो भगवान राम ने किया, वो ये लोग करते नहीं है। जो ये करते हैं, उनके खिलाफ करते हैं और फिर नारा लगाते हैं। तो इनसे ये भी कहो, जो भगवान राम ने किया था, जो इज्ज़त भगवान राम ने हर व्यक्ति को दी थी, जो भाईचारा, जो मोहब्बत भगवान राम ने इस देश में फैलाई थी, वो उनको करना चाहिए। नफ़रत नहीं फैलानी चाहिए, डर नहीं फैलाना चाहिए और सही नारे का प्रयोग करना चाहिए।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

नमस्कार। जय हिंद।

Related posts

आम आदमी पार्टी पूरी तरह से किसानों के साथ, हम किसानों की सेवा के लिए 24 घंटे उपलब्ध हैं -सतेंद्र जैन

Ajit Sinha

नई दिल्ली: डीएमआरसी ने एसबीआई कार्ड के साथ मिलकर ‘दिल्ली मेट्रो – एसबीआई कार्ड’ लॉन्च किया। 

Ajit Sinha

वीडियो: राष्ट्पति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ सारा विपक्ष हैं = राहुल गांधी

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x