अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: देश भर में साइबरस्पेस संबंधी खतरों व यौन शोषण बारे बच्चों और किशोरियों को शिक्षित करने के उदेश्य से ऑनलाइन स्टाकिंग और जैन्डर सनसिटाइजेशन मॉड्यूल स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार किया जाना चाहिए।यह और अन्य सिफारिशें आज ‘‘महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा‘‘ विषय पर पंचकूला में आयोजित किए गए दो दिवसीय सम्मेलन के समापन अवसर पर की गई। इसका आयोजन हरियाणा पुलिस द्वारा ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरएंडडी), नई दिल्ली और इंडियन पुलिस फाउंडेशन इंस्टीट्यूट के सहयोग से किया गया।
एक्सपर्ट समूहों मंत्रणा के दौरान जो अन्य सिफारिशें सामने आईं, उनमें महिलाओं और बच्चों की तस्करी के मामलों को संगठित अपराध में शामिल करना, बाल व किशोर यौन शोषण से संबंधित मामलों को तेजी से निपटाने के लिए विशेष अदालतों का गठन, ऑनलाइन खतरों के बारे में जागरूकता, सार्वजनिक परिवहन में पैनिक बटन को अनिवार्य करना, यौन शोषण को लेकर माता-पिता और शिक्षक, काउंसलर, सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ न्यायिक अधिकारियों का संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम सहित पुलिस के लिए प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण शामिल हैं। इन सभी सिफारिशों पर एक रिपोर्ट भारतीय पुलिस फाउंडेशन द्वारा तैयार की जाएगी जिस पर देशव्यापी क्रियान्वयन के लिए बीपीआरएंडडी विचार करेगी। समापन सत्र को संबोधित करते हुए, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विजय वर्धन ने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन का आयोजन महिलाओं की सुरक्षा के लिए बेहतर रणनीति तैयार करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर बोलते हुए इंडियन पुलिस फाउंडेशन इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष एन. रामाचंद्रन ने पांच अलग-अलग समूहों के निष्कर्षों को साझा किया, जिसमें प्रमुख सरकारी, गैर-सरकारी, शिक्षा विदों और अन्य संबंधित हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 50 क्षेत्र विशेषज्ञ शामिल रहे। आईजीपी विकास अरोड़ा, जो बीपीआरएंडडी, नई दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने देश भर में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए ब्यूरो द्वारा उठाए गए कार्यक्रमों और परियोजनाओं के बारे में जानकारी साझा की। इससे पहले,पुलिस महानिदेशक, मनोज यादव ने सम्मेलन के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि विजय वर्धन का स्वागत करते हुए प्रतिभागियों को संबोधित किया। सीपी पंचकूला सौरभ सिंह द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर एडीजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव, श्रीमती विमला मेहरा, आईपीएस (सेवानिवृत्त), आईजी करनाल रेंज, श्रीमती भारती अरोड़ा, आईजी चारू बाली, एसपी क्राइस्ट अगेंस्ट वुमन, श्रीमती मनीषा चैधरी, विभिन्न जिलों के एसपी, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, शैक्षिक विद्वानों, छात्रों और नागरिक हितधारकों भी उपस्थित थे।