अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारतीय जनता ओबीसी मोर्चा द्वारा कांस्टीट्यूशनल क्लब दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ के. लक्ष्मण की अध्यक्षता में “ओबीसी बुद्धिजीवी सम्मेलन” का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र यादव (श्रम और रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री) शामिल हुए । भूपेन्द्र यादव ने कहा कि आज केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग को मिल रहा है। कांग्रेस सरकार ने सामाजिक समरसता के नाम पर सिर्फ राजनीति की और 30 सालों तक ओबीसी समाज के अधिकारों का हनन किया। बैठक में यादव ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने 1950 से 1974 तक “काका कालेकर ” कमीशन की रिपोर्ट को यह कहकर दबा दिया कि अभी ये समय की जरुरत नहीं है।
भूपेन्द्र यादव ने कहा कि मंडल आयोग का गठन कांग्रेस की सरकार में हुआ लेकिन उम्मीद देकर ओबीसी समाज को अधिकारों से वंचित करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। उसी के चलते आयोग की फाइल कई सालों तक अंधेरी कोठरी में पड़ी रही। इतना ही नहीं मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद एक दंतहीन आयोग की स्थापना की गई, जिसे किसी भी तरह की संवैधानिक ताकत नहीं दी गई । उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ओबीसी समाज के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। भूपेन्द्र यादव ने कहा कि आज ओबीसी समाज को संवैधानिक दर्ज़ा सिर्फ इसलिए मिल पाया है क्योंकि आज केंद्र में मोदी की सरकार है। ओबीसी समाज के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में बराबर की भागीदारी मिले इसके लिए मोदी सरकार ने केंद्रीय ,नवोदय विद्यालय एवं नीट के परिक्षाओं में 27% आरक्षण लागू करके ओबीसी समाज की भागीदारी को बढ़ाया है। जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं और ओबीसी समाज के सभी बुद्धिजीवी से उम्मीद करता हूं कि आप जरुर इन बातों को लेकर जनता के बीच में जाएंगे और प्रधानमंत्री द्वारा ओबीसी समाज के लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को जन जन तक पहुंचाने का काम करेंगे। भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर के लक्ष्मण ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी समाज के विरुद्ध काम किया है। चाहे वो काका कालेकर कमीशन की रिपोर्ट को दबाना हो या फिर मंडल आयोग की सिफारिशों को रोकना हो। क्षेत्रीय दल जो अपने आप को ओबीसी समाज का ठेकेदार समझते है उन्होंने कभी भी ना तो मंडल कमीशन को लागू कराने की मांग की और ना ही इस बारे में कभी आवाज उठाने की जहमत उठाई है। उल्टा राजीव गांधी ने तो इसका खुलेआम विरोध भी किया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लक्ष्मण ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने सरकार बनने के पहले दिन से ही ओबीसी समाज के उत्थान के लिए अनोकों कार्य किए, जिसमें ओबीसी मंडल कमीशन को संवैधानिक दर्जा देना, नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों में ओबीसी छात्रों को 27% को आरक्षण देना और नीट की परीक्षा में भी ओबीसी के हक के 27% को लागू करना शामिल है। उन्होंने कहा कि पहली बार मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी मंत्रियों को जगह देकर ओबीसी समाज को नेतृत्व देकर सर्व समाज को सम्मानित करने का काम किया है। के लक्ष्मण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर पिछड़े वर्ग का दर्द समझते हैं और उन्हीं के लिए काम करते हैं इसके लिए हम प्रधानमंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। हम आने वाले समय मे “ओबीसी समाज बुद्धिजीवी सम्मेलन”पूरे देश भर में करेंगे और जन जन तक सरकार के ओबीसी समाज के लिए किए गए उत्थान के कार्य को जन जन तक पहुँचने का काम करेंगे।आज हुए “ओबीसी बुद्धिजीवी सम्मेलन” में समाज के प्रतिनिधित्व के तौर पर कुछ मुख्य लोग, जिनमें पूर्व सांसद शशिकला , पूर्व सांसद डॉ. के. वर्धन, पूर्व में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति रहे जायसवाल शामिल हुए । सम्मेलन में ओबीसी मोर्चे के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी उपस्थित रहे जिनमें ओबीसी मोर्चा के तीनों महामंत्री संगम लाल गुप्ता, यशपाल सुवर्णा एवं निखिल आनंद, ओबीसी मोर्चा के उपाध्यक्ष व सांसद नायाब सिंह सैनी , कृष्णा गौड़ , वैल्जीभाई, अजय निषाद , मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अजय सहरावत, सोशल मीडिया प्रभारी राहुल नागर व कार्यालय मंत्री संजय गुर्जर भी उपस्थित रहे। मंच का संचालन राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष गजेंद्र यादव ने किया व पंकज चौधरी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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