अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ियों से संबंधित मुद्दे उठाए। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, मुकुल वासनिक, पवन खेड़ा, नाना पटोले, प्रवीण चक्रवर्ती और गुरदीप सप्पल जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे। बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए डॉ. सिंघवी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के साथ सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण माहौल में विस्तृत चर्चा की है। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष कुछ गंभीर मुद्दे उठाए और पारदर्शिता तथा विभिन्न शंकाओं को दूर करने के लिए विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा।डॉ. सिंघवी ने बताया कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के संज्ञान में लाया कि किस तरह महाराष्ट्र में मतदाता सूची से लाखों मतदाताओं के नाम हटाए गए। प्रतिनिधिमंडल ने बूथ और निर्वाचन क्षेत्रवार विस्तृत डेटा की मांग की, जो अभी उपलब्ध नहीं है। उससे पता चलेगा कि महाराष्ट्र में इतनी बड़ी संख्या में जो मतदाताओं को कम किया गया, उसका आधार क्या है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, चुनाव के शुरुआती दिनों में कांग्रेस और उसके सहयोगियों को महाराष्ट्र के विधानसभा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर चुनावी धोखाधड़ी करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा अपनाए जा रहे विभिन्न तरीकों के बारे में कई जमीनी स्तर की रिपोर्टें मिलीं। इनमें से महाराष्ट्र भर में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम मनमाने ढंग से हटाए जाने और फिर प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 10,000 मतदाताओं के नाम जोड़े जाने के मामले शामिल थे। जुलाई 2024 से नवंबर 2024 के बीच महाराष्ट्र में मतदाता सूची में अनुमानित 47 लाख मतदाताओं की अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। यह ध्यान देने योग्य है कि जिन 50 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 50,000 मतदाताओं की वृद्धि हुई, उनमें से 47 निर्वाचन क्षेत्रों में सत्तारूढ़ गठबंधन ने जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया के बारे में आयोग से विस्तृत जानकारी मांगी है। डॉ. सिंघवी ने कहा कि महाविकास आघाड़ी द्वारा उजागर किए गए चुनावी धोखाधड़ी और मतदाता सूचियों में हेराफेरी के इन मामलों की पुष्टि इस तथ्य से होती है कि 17 अक्टूबर 2024 को तुलजापुर विधानसभा क्षेत्र के एक मतदाता पंजीकरण अधिकारी ने धाराशिव साइबर पुलिस स्टेशन में दो अक्टूबर 2024 और 16 अक्टूबर 2024 के बीच बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता पंजीकरण की रिपोर्ट करते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की। शिकायतकर्ता के अनुसार, अलग-अलग फोटो, नाम और फर्जी पते वाले व्यक्तियों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाए गए थे। शिकायत की आगे की जांच करने पर पता चला कि ये व्यक्ति अपने बताए गए आवासों पर कभी नहीं मिले। मतदान प्रतिशत के महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दे पर डॉ. सिंघवी ने कहा कि पार्टी ने कुल मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में बड़े फेरबदल का मुद्दा उठाया है। जो शाम पांच बजे 58.22 प्रतिशत, रात 11.30 बजे 65.02 प्रतिशत और अंत में दो दिन बाद 66.05 प्रतिशत बताए गए। 76 लाख वोट मतदान के आखिरी घंटे में डाले गए, जो अविश्वसनीय और चुनावी इतिहास में अनसुना है। 23 नवंबर को मतगणना से कुछ घंटे पहले ही लगभग दस लाख मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई।सिंघवी ने कहा कि 118 ऐसे निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां लोकसभा चुनाव की तुलना में विधानसभा चुनाव में 25,000 अधिक वोट डाले गए। इतने अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में इस तरह का उछाल चौंकाने वाला है और गंभीर जांच की आवश्यकता है। इतना ही नहीं, इन 118 निर्वाचन क्षेत्रों में से सत्तारूढ़ गठबंधन ने 102 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की, जो गंभीर सवाल और संदेह पैदा करता है।
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