अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
श्रीमती प्रियंका गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा बहनों और भाइयों, आप बहुत समय से इंतजार कर रहे हैं। मुझे मालूम है कि मेरी बहनों को घर भी जाना है, खाना पकाना है और काम करने हैं घर के लिए, इसलिए मैं कुछ बातें आपसे जल्दी-जल्दी कर लेती हूं। सुशील पासी जी, किशोरी लाल शर्मा जी, अजीत सिंह जी,अमर सिंह चौधरी जी, पलटू पासी जी, साहिब शरण पासी जी,पंकज तिवारी जी,रमेश शुक्ला जी,निर्मल शुक्ला जी,मनोज यादव जी और कांग्रेस पार्टी के तमाम पदाधिकारी, कार्यकर्ता, जो यहाँ मौजूद हैं, उन सबका बहुत-बहुत स्वागत इस सभा में। मेरे भाइयों और मेरी बहनों, आपका भी बहुत-बहुत स्वागत। देखिए, चुनाव का समय है, आपके सामने हर दल, हर पार्टी के नेता आते हैं। कुछ दिल्ली से भी आते हैं, कुछ रायबरेली से हैं, कुछ मुख्यमंत्री भी आते हैं बाहर से, तमाम जगहों से आकर आपके सामने प्रचार करते हैं, आते हैं कि नहीं (जनसभा से पूछते हुए श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा)? अब देखिए, सब आकर आपके सामने अपनी बात रखते हैं, मैं भी उन्हीं की तरह कुछ बातों को आपके सामने रखूंगी और मुझे आशा है कि आप एकदम ध्यान से समझदारी से सुनेंगे और उनको समझने की कोशिश करेंगे।
देखिए, प्रदेश में, देश में आज दो तरह की राजनीति चल रही है। एक ऐसी राजनीति चल रही है, जो जनता के सामने जो मुद्दे रखती है, उससे जनता का कोई मतलब नहीं है। ये राजनीतिक दल जो धर्म, जाति और साम्प्रदायिकता के आधार पर आपसे वोट लेने के लिए आपके सामने आते हैं, वो एक तरह की राजनीति चला रहे हैं। वो राजनीति क्या है – वो ये है कि उनको मालूम है कि पांच सालों में आपके सामने आएंगे। बसपा की राजनीति देखी है, बसपा के नेता जानते हैं जाति की बात करेंगे, तो वोट उनको जाति के आधार पर मिल जाएंगे। समाजवादी दल के नेता जानते हैं कि अगर धर्म और जाति की बात करेंगे, तो वोट उनको मिल जाएंगे। भाजपा के नेता जानते हैं कि अगर धर्म के आधार पर आपके जज्बातों को वो उभारेंगे, ध्रुवीकरण कराएंगे, तो उनकी नैया पार हो जाएगी और ये सब जो राजनीतिक दल हैं, ये क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। क्या इनकी बातों से, जो मुद्दे ये उठाते हैं, कोई पाकिस्तान की बात करता है, कोई बुल्डोजर चलाने की बात करता है, कोई कहता है कि आप बहुत असुरक्षित हैं, कोई कहता है कि हम किसी की चर्बी निकालेंगे, कोई कहता है कि किसी की गर्मी निकालेंगे, कहते हैं ना। मैं आपसे पूछना चाहती हूं, इन बातों से क्या आपका पेट भरेगा, इन बातों से आपकी तरक्की होगी (श्रीमती प्रियंका गांधी ने जनसभा से पूछते हुए कहा)? अरे, इन बातों से आपका मतलब ही क्या है? क्या कुछ हो रहा है, कहीं दूर किसी और देश में, क्या-क्या बातें हो रही हैं, इससे आपका मतलब क्या है? आज आपकी परिस्थिति क्या है, आप जानते हैं बहुत अच्छी तरह से। आप बहुत समस्याओं से जूझ रहे हैं। लेकिन नेता बातें क्या कर रहे हैं, क्या आपकी समस्याओं की बात कर रहे हैं? क्या नेता यहाँ आकर पूछ रहे हैं कि मेरी बहनें महंगाई का सामना कैसे कर रही हैं? क्या इनके नेता आकर पूछ रहे हैं कि किसानों के कितने कर्ज हैं, छुट्टा जानवर खेत खाए जा रहे हैं, उस समस्या को कैसे हल करें? क्या नौजवानों से ये नेता पूछ रहे हैं कि तुम्हें रोजगार कैसे दें? उठा ही नहीं रहे हैं ये मुद्दे, क्योंकि ये चाहते हैं। ऐसे राजनीति चाहती हैं कि आप गरीब रहें, ऐसी राजनीति चाहती है कि आपके जज्बातों को उभार कर वो खुद आगे बढ़ें। ये राजनीति आपके विकास के लिए नहीं हैं, नेताओं के विकास के लिए है, कुछ राजनीतिक दलों के विकास के लिए है। ये ऐसी राजनीति है, जिससे ये अपनी महत्वाकांक्षाओं को, अपनी इच्छाओं को, अपने विकास को आगे बढ़ा सकते हैं। इसमें पब्लिक की कोई सुनवाई नहीं है। इसमें आपकी कोई सुनवाई नहीं है। एक दूसरी राजनीति है, जिसकी बात हम लगातार कर रहे हैं। हम कह रहे हैं कि जब तक आपका विकास नहीं होगा, जब तक आप आत्मनिर्भर नहीं होंगे, जब तक आप अपने पैरों पर नहीं खड़ें होंगे, तब तक ये देश आगे बढ़ नहीं सकता, तब तक इस प्रदेश का विकास नहीं होगा। हम कह रहे हैं कि चुनाव के समय आपके मुद्दों की चर्चा होनी चाहिए। हम कह रहे हैं कि आपकी सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। जो धर्म की बातें करते हैं, आपको लड़ाने की बातें करते हैं, सबसे पहले उन्हें सेवा का धर्म निभाना चाहिए। सबसे बड़ा धर्म एक नेता का सेवा होता है। उस धर्म को नहीं निभा रहे हैं। आज आपकी परिस्थितियां क्या हैं, मैं पूछ सकती हूं आपसे – मेरी बहनों, गैस सिलेंडर आपको कितने रुपए का मिलता है – 1,000 रुपए का, खरीद पाती हैं, भरवा पाती हैं? मेरे भाई, आज आपके बिजली के बिल कितने बड़े-बड़े आते हैं? बहुत आ रहे हैं, आप भर पा रहे हैं? आपको खाद मिल रही है समय पर, नहीं मिल रही। यहाँ जितने नौजवान हैं, पिछले पांच सालों में सरकार ने कितने रोजगार दिए हैं आपको, दिए हैं- नहीं दिए। यहाँ महिलाएं बैठी हैं, आपको कितने रोजगार दिए? आपके सशक्तिकरण की किसने बात की, नहीं की ना। तो मुझे बताइए परिस्थितियाँ ये हैं कि महंगाई हद से ज्यादा बढ़ गई है। पेट्रोल-डीजल का दाम इतना बढ़ चुका है कि आप सामना कर ही नहीं पा रहे हो इस महंगाई का। जितनी दिहाड़ी है, 200 रुपए दिहाड़ी है, 240 रुपए की एक सरसों के तेल की बोतल है। आप खरीद नहीं सकते। एक दिहाड़ी से एक सरसों के तेल की बोतल मिलती है आपको। मेरे किसान भाई हैं, मैं ललितपुर गई। किसान खाद की लाइन में खड़े हुए मर रहे हैं, जान जा रही है उनकी, वो लाइन छोड़ने से डर रहे हैं कि लाइन छोड़ दी, तो खाद नहीं मिलेगी। आपको अपनी उपज का दाम नहीं मिल रहा, फसल का दाम नहीं मिलता, धान का दाम नहीं मिलता, गेहूं का दाम नहीं मिलता। गन्ने के किसानों को गन्ने का दाम नहीं मिलता। आपका कर्ज माफ नहीं हो रहा। तो इन परिस्थितियों को बदलने के क्या कर रहे हैं, मैं आपसे पूछना चाहती हूं – क्या कर रहे हैं आप? आप भी बार-बार धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर आंखें मूंद कर वोट दे रहे हैं। आप इस राजनीति को उभार रहे हैं, इसकी सहायता, इसका समर्थन कर रहे हैं, तो कब बदलाव लाएंगे और बदलाव कौन लाएगा – बदलाव आप लाएंगे। बदलाव आप ऐसे लाएंगे, जब आप एकदम समझदारी से, अपने विवेक से अपना वोट डालेंगे। आज अगर आपके यहाँ छुट्टा जानवर की समस्या है, बहुत बड़ी समस्या है। लीजिए हमारे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री आ गए और एकदम सही समय पर आए हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ में इनसे पूछिए कि जब सरकार की नीयत सही होती है तो क्या नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ में जब इनकी सरकार आई, कांग्रेस की सरकार आई, इन्होंने शपथ ली, 3 घंटे के अंदर-अंदर सारे किसानों के कर्ज माफ होने शुरु हुए। आवारा पशु की समस्या है, छत्तीसगढ़ में इन्होंने उस समस्या को सुलझाया। कैसे – इन्होंने कहा कि जो इन छुट्टे जानवरों की देखभाल करेगा, उससे सरकार दो रुपए किलो में गोबर खरीदेगी। उस गोबर को लेकर उससे गोबर गैस बनाई जाएगी। वर्मीकम्पोस्टिंग कराई जाएगी, सरकार के काम आएगी, जनता के काम आएगी। छुट्टा जानवर की देखभाल होगी, जो देखभाल कर रहे हैं, वो कमाई भी कर लेगा। इनके यहाँ छुट्टे जानवर की जो समस्या है, वो तकरीबन सुलझ गई है। आपके यहाँ जो भाजपा की सरकार है, पांच सालों से देख रही है कि आप रात को चौकीदारी कर रहे हैं अपने खेतों की, लेकिन छुट्टे जानवर की समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने इतना काम नहीं किया है, एक योजना नहीं बनाई है। इनकी गौशालाओं में गाय धूप में खड़ी रहती है, ऊपर छत नहीं है, पीने का पानी नहीं है, चारा नहीं हैं। मैंने वीडियो देखे हैं, आपने भी देखे होंगे, किस तरह से जब गाय के घाव हो जाते हैं, तो जंगली कुत्ते उसको काट रहे हैं। सारे वीडियो सबने देखे हैं। मैं पूछना चाहती हूं, कौन सा धर्म निभा रहे हैं?धर्म निभा रही है कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में, जिसने छुट्टे जानवर की देखभाल की योजना बनाई है, जो सफल हुई है। जिसने किसानों का कर्ज माफ किया है, जो रोजगार देती है। आज सरकार में 12 लाख पद खाली हैं। एक रोजगार नहीं दिया, 12 लाख पद खाली हैं। 5 सालों में इनको उत्तर प्रदेश में 12 लाख बेरोजगार लड़के-लड़कियां नहीं मिली। मुझे तो हर जगह मिल रही हैं। उठाइए हाथ कितने बेरोजगार हैं (श्रीमती प्रियंका गांधी ने जनसभा से पूछते हुए कहा)? हजारों तो यहाँ बैठे हुए हैं। तो पद क्यों नहीं भरे हैं? ये पद खाली क्यों रखे हैं? इस सरकार ने ऐसी योजनाएं क्यों बनाई हैं, जिससे आप आत्मनिर्भर नहीं हों? ऐसी योजनाएं बनाई हैं, मैं बताती हूं – आपको एक बोरा राशन मिलता है या नहीं – नहीं मिलता, चलो लेकिन कहीं- कहीं ये एक बोरा राशन दे देते हैं। कहीं-कहीं ये कहते हैं कि खाता खोलो, थोड़े बहुत हम हजार-दो हजार रुपए भेज देंगे, हर दो –तीन महीने। कहीं कह देते हैं कि लो एक गैस सिलेंडर ले लो मुफ्त। यही है इनकी योजनाएं। अब इन योजनाओं को समझो – आपको एक मुफ्त गैस सिलेंडर दिया, उसके बाद आप भर नहीं पाए। उसके बाद आप नया खरीद भी नहीं पाए, ठीक है। दूसरी योजना को समझिए, एक बोरा राशन दे दिया, मैं नहीं कह रही हूं कि ये गलत है, अच्छा है राशन दे रहे हैं। लेकिन आप अपने पैरों पर क्या उस राशन के आधार पर खड़े होंगे? आपको उस एक बोरे राशन पर निर्भर क्यों बना रहे हैं, क्यों चाहते हैं कि आपके बच्चे और आप उस एक बोरे राशन के लिए इंतजार करें, क्यों चाहते हैं, सोचिए। जो इनकी योजनाएं हैं, मुफ्त गैस सिलेंडर, राशन, थोड़े बहुत पैसे दे दिए, जिसके लिए आप दिन-रात इंतजार करेंगे कि हाँ, मुझे राशन का बोरा मिलेगा, उसी से आप खुश हो जाएंगे। ये सिर्फ वोट लेने की योजनाएं हैं। ये सिर्फ आपको गरीब रखनी की योजनाएं हैं। आपके भविष्य की योजनाएं नहीं हैं। इससे आप अपने पैरों पर कभी खड़े नहीं हो सकते। आप हमेशा के लिए निर्भर रहेंगे उन पर। यही चाहते हैं, ये आपको सशक्त नहीं बनाना चाहते। आपको अपने पैरों पर खड़ा नहीं करना चाहते, क्योंकि जिस दिन आप सशक्त हो जाएंगे, आपको रोजगार मिल जाएगा, आप आत्मनिर्भर बनेंगे, आप सशक्त बनेंगे, उस दिन आप सवाल उठाना शुरु करेंगे। उस दिन ये तमाम नौजवान जो आज बेरोजगार घूम रहे हैं, उनके अंदर वो गुस्सा नहीं होगा, जिसका इस्तेमाल ये सरकार करती है। जिसका इस्तेमाल एक ऐसी राजनीति करती है, जो आपके जज्बातों को चुनाव के समय धर्म और जाति के आधार पर उभार कर वोट लेती है आपसे। आप जब सक्षम हो जाएंगे, तो कोई आपकी सुरक्षा की बात इसलिए नहीं करेगा, क्योंकि आप अपनी सुरक्षा खुद करेंगे। जब आप रोजगार पाएंगे, जब आप कमाएंगे, तो आप अपना सम्मान खुद करेंगे, इनकी जरुरत नहीं पड़ेगी। आज ये सुरक्षा, सम्मान, धर्म की बात क्यों करते हैं, क्योंकि विकास की बात करने की हिम्मत नहीं है। क्योंकि ये आपको गरीब रखना चाहते हैं, इनकी पूरी सरकार सिर्फ बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए चल रही हैं। जितनी भी संस्थाएं थी, जिनसे आपको रोजगार मिलता था, सरकारी संस्थाएं, बीएचईएल जैसे, रेलवे जैसे, एनटीपीसी जैसे उनको या बेच डाला या बेच डालने की योजना बना चुके हैं और किसको बेच रहे हैं – अपने बड़े-बड़े उद्योगपति मित्रों को।
काले किसान विरोधी कानून लाए, उन कानूनों का मतलब क्या था – मतलब मैं बताती हूं – किसान मेहनत करेगा, किसान खून बहाएगा, किसान पसीना बहाएगा, कमाई कौन करेगा – उनके बड़े-बड़े उद्योगपति मित्र। यही थे वो किसान कानून। इसलिए किसान ने विरोध किया, आंदोलन किया। इनकी जो सरकारें हैं, वो गरीबों की सुनवाई नहीं करते। जब आप, इस देश के किसान आंदोलन कर रहे थे, एक साल के लिए आप दिल्ली के बॉर्डर पर खड़े रहे। ये प्रधानमंत्री जी, जो 16,000 करोड़ रुपए के हवाई जहाज खरीद कर पूरी दुनिया में घूम रहे हैं, ये प्रधानमंत्री अपने घर से निकल कर,10 किलोमीटर चलकर आपके पास नहीं आए पूछने के लिए कि आपके हालात कैसे हैं, आप आंदोलन क्यों कर रहे हैं? कह रहे हैं कि कानून आपके लिए हैं। फिर क्या हुआ – चुनाव आने लगा। चुनाव में दो महीने बचे थे। घबराने लग गए कि ये तो किसान हिल ही नहीं रहे हैं। अचानक टीवी पर आए, माफी मांगी, आंसू बहाए। कहा कि ये कानून गलत थे, हम इन कानूनों को वापस ले रहे हैं। पांच सालों से नहीं सूझा आपको कि कानून गलत थे? क्या 700 किसानों को शहीद होने की जरुरत थी, आपको यह बात समझने के लिए? क्या आपके मंत्री के बेटे ने जब 6 किसानों को कुचल डाला, तब आपको समझ नहीं आया कि कुछ गलत है? उस मंत्री के साथ आप आज भी मंच पर खड़े हैं, उससे अभी तक आपने इस्तीफा नहीं लिया। उसके बेटे को आपने जमानत भी दिलवा दी, उसको रिहा भी करवा दिया। क्या आपको समझ में नहीं आया कि ये कानून गलत थे? कोई सुनवाई नहीं है जी। गरीबों की कोई सुनवाई नहीं है। प्रयागराज में एक पासी परिवार की हत्या हो गई। निर्ममता से ऐसी हत्या इतने क्रूर तरीके से हुई। जब मैंने उसका वीडियो देखा, मेरा दिल दहल गया। मैं उस परिवार से मिलने गई। मैंने पूछा क्या सरकार से कोई मदद मिली है – नहीं मिली। क्या पुलिस प्रशासन ने एफआईआर दर्ज की, आपको कोई मदद की – नहीं की। क्यों नहीं की, क्योंकि जिसने ये अपराध किया है, वो भाजपा के नेताओं के करीबी हैं। जब एक दलित महिला का बलात्कार हुआ हाथरस में। हम उस परिवार से मिलने गई। पूरी पुलिस की सेना खड़ी है हमें रोकने के लिए, लेकिन वो पुलिस वाले तब नहीं थे, जब उस लड़की का बलात्कार हो रहा था। उसके परिवार की मदद नहीं की उन्होंने। जब हम परिवार के सदस्यों से मिलने गए, उन्होंने भी हमें बताया कि हमें मदद नहीं मिल रही है, दीदी। उल्टा अब हम पर पहरेदारी हो रही है। अपराधी वीडियो पर वीडियो बना रहे थे कि देख लेना हम क्या करेंगे। पुलिस प्रशासन ने रोका नहीं।जब अरुण वाल्मीकि के परिवार के 18 सदस्यों को आगरा में उठाकर पुलिस स्टेशन ले जाया गया और वहाँ पर उनको तीन दिन के लिए रखकर पीटा, मारा, एक की जान ले ली। एक महिला को इतना पीटा कि वो कांप रही थी, जब मुझसे बात की। उसका डेढ़ महीने का बच्चा था। तो कहाँ थी ये सरकार, कहाँ थी उसकी पुलिस, कहाँ था प्रशासन? किसकी सुरक्षा की बात करते हैं? जब महिला असुरक्षित है, दलित असुरक्षित है, किसान असुरक्षित है, नौजवान असुरक्षित है, किसकी सुरक्षा की बातें कर रहे हैं? अपनी सुरक्षा की बातें कर रहे हैं। ये अपनी सुरक्षा चाहते हैं, अपने लिए सत्ता चाहते हैं। किसी भी हालत में, कुछ भी करके सत्ता में रहना चाहते हैं। अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं। ये है ये सरकार और ये मत समझिए कि समाजवादी दल और बसपा कोई अलग राजनीति कर रहे हैं। जब आप पर संकट आया, आपने संघर्ष किया तो कहाँ थे इनके नेता? तीन सालों से अपने घर से नहीं निकले, किसानों से मिलने नहीं गए। जिन पर अत्याचार हुआ था, उनसे मिलने नहीं गए। नौजवान जब आंदोलन कर रहा था परीक्षाओं के लिए, तब उनसे मिलने नहीं गए, निकले ही नहीं। कोरोना हुआ, घर में में दुबके रहे। कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता सड़क पर उतरा। कोरोना में लंगर करवाया। ऑक्सीजन को उपलब्ध करवाया, जहाँ से भी मिल सकता था, लेकर आया। कांग्रेस का कार्यकर्ता, कांग्रेस का नेता आपसे तीन सालों के लिए, आपसे कंधे से कंधा मिलाकर आपकी आवाज उठा रहा है। कह रहा है कि प्रदेश की राजनीति बदलो। जनता की आवाज सुनो, जनता बहुत ऊब चुकी है। बहुत परेशानियां हैं, सामना नहीं कर पा रही है। जनता की मदद करो, लेकिन ये राजनीतिक दल, इनके नेता कोई नहीं सुन रहा है। सिर्फ कांग्रेस पार्टी के 19,000 कार्यकर्ता आपके लिए जेल गए हैं पिछले डेढ़ सालों में।
कांग्रेस पार्टी क्या कह रही है – कह रही है कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में आपके कर्ज माफ किए गए, किसानों के, उस तरह से उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार आएगी, आपके सारे कर्ज माफ किए जाएंगे। कांग्रेस कह रही हैं कि आपके जो बिजली के बिल आ रहे हैं, उनको आधा करेगी। कांग्रेस पार्टी कह रही है कि जिन जरुरतमंद परिवारों को, जिन छोटे बिजनेस वालों को कोरोना के समय बिजली के बिल भरने पड़े, उनका बकाया हम साफ करवाएंगे। कांग्रेस पार्टी मेरी अपनी बहनों के लिए कह रही है कि आपको सशक्त करने का काम करेगी। 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है। ऐसी महिलाएं लड़ रही हैं, जिनपर बहुत भयंकर अत्याचार हुए हैं। वो जीतें, हारें, कोई बात नहीं, वो खड़ी होकर लड़ रही हैं, क्योंकि हमने उनसे कहा है कि जो अत्याचार आप पर हुआ, जिस अपराधी ने किया, उस अपराधी को सत्ता बचा रही है। तुम सत्ता को अपने हाथों में लो, अपनी लड़ाई लड़ो, हम तुम्हारे साथ खड़े हैं। हम अपनी बहनों के लिए कह रहे हैं कि जब आपकी सेहत खराब होती है और आप ब्लॉक अस्पताल में जाते हैं, आपको पुरुष डॉक्टर मिलता है। कई बार आप अपनी बात बता भी नहीं सकते। हम चाह रहे है कि हर अस्पताल में आपके लिए अलग से, हर ब्लॉक के अस्पताल के लिए एक महिला डॉक्टर, एक महिला नर्स होनी चाहिए। हम कह रहे हैं कि हम कराएंगे। हम कह रहे है कि महिलाओं की शिक्षा के लिए हर जिले में हम केन्द्रीय विद्यालय जैसे सिर्फ महिलाओं के लिए पाठशालाएं लगवाएंगे, जिसमें आपको सिर्फ शिक्षा नहीं, लेकिन रोजगार लेने का हुनर दिलवाएंगे। हम ये कह रहे हैं कि आपको ये एक गैस सिलेंडर देते हैं, हम तीन देंगे, ठीक है, लीजिए। लेकिन आपको सशक्त करके रहेंगे। हम कह रहे हैं कि पुलिस में 25 प्रतिशत भर्तियां महिलाओं की होंगी, क्योंकि जब आप पर अत्याचार हो, तो आपको पुलिसकर्मी महिला मिले। हम कह रहे हैं कि हर तरह का अत्याचार महिला पर होता है, सब जगह अन्याय है। ये मेरी पुलिसकर्मी बहन खड़ी हैं, इनकी जो पोस्टिंग होती है। आपका जिला कहीं हैं, आप रहते कहीं हैं और आपकी पोस्टिंग कहीं और हो रही है। कल मैं पुलिसकर्मी महिला से मिली। उसका घर अलीगढ़ में है और उसकी पोस्टिंग यहाँ रायबरेली में है, तो कैसे काम करेगी बेचारी? आपके लिए भी हम कह रहे हैं, आपके साथ अन्याय हो रहा है। हम आपकी पोस्टिंग आपके घर के जिले में कराएंगे।
हम कह रहे हैं कि जितने भी सरकारी रोजगार हैं, उनमें से 40 प्रतिशत महिलाओं को दिलवाएंगे, पहले के आरक्षण के तहत। नौजवानों के लिए हमने पूरा विधान निकाला है। उसका नाम है भर्ती विधान। उसमें क्या लिखा है, सुन लीजिए कि अगर एक नौजवान खासतौर से पिछड़े वर्ग, अति पिछड़े वर्ग और दलित वर्ग का हो और अपना छोटा कारोबार शुरु करना चाहता है, छोटा सा बिजनेस बनाना चाहता है तो हमारी सरकार 5 लाख रुपए आपको देगी, 1 प्रतिशत ब्याज पर, ताकि आप अपने पैरों पर खडे हों पाएं, ताकि आपका आत्मसम्मान हो, आपके परिवार को आप पर गर्व हो कि आप कमा रहे हैं। हम कह रहे है कि 12 लाख सरकारी पद खाली हैं, उनको सबसे पहले हम भरेंगे। पूरा खाका तैयार किया है कि कौन सा पद कहाँ हैं, किस तरह से हम उनको भरेंगे। हम कह रहे हैं कि 8 लाख रोजगार हम अलग से पैदा करेंगे। जहाँ जो हुनर हैं, वहाँ पर पूरी सुविधा मिलेगी उस हुनर के लिए। मुरादाबाद में पीतल का हुनर है मिसाल के तौर पर। हम कह रहे है कि मुरादाबाद में जो पीतल का काम करना चाहता है, जो नौजवान एक छोटे सा पीतल का बिजनेस शुरु करना चाहता है या कोई कर रहा है, उसके लिए हम पूरी सुविधाएं उपलब्ध करेंगे। हम कह रहे हैं कि ये जो भर्ती के इम्तिहान हैं, जो परीक्षाएं हैं, जिसको दे देकर आप थक गए हैं, आपके करियर बर्बाद हो गए हैं। आप सालों इंतजार करते हैं, नियुक्तियां नहीं होती, क्योंकि इस सरकार ने उसमें भी घोटाला किया है। हम कह रहे हैं कि उसको हम पारदर्शी बनाएंगे। एक जॉब का कैलेंडर बनाएंगे, जिस दिन परीक्षा होगी, जिस दिन रिजल्ट आएगा, जिस दिन नियुक्ति होगी, वो सारा उस कैलेंडर पर होगा और हम एक ऐसा कानून लाएंगे कि कोई अधिकारी उससे इधर-उधर होने की कोशिश करे, तो उस पर सख्त कार्यवाई होगी। तो सारी योजनाएं हमने बनाई हैं और हम चाहते हैं इनको आपके लिए उपलब्ध करेँ। क्यों, क्योंकि हमारी सोच ये है कि एक सरकार को जनता के लिए काम करना चाहिए। यही हमारा सबसे बड़ा धर्म है। तो मैं यहाँ खड़े होकर आपसे आग्रह करना चाहती हूं कि अब जो चुनाव आ रहा है, इसमें अपना वोट व्यर्थ मत कीजिए। बहुत हो गया है, बहुत देख लिया है आपने। ये धर्म और जाति की राजनीति आपका पेट नहीं भर रही है, आपको कमाने नहीं दे रही है। आपको दबाने की राजनीति है, आपको गरीब रखने की राजनीति है, इसमें से निकलिए। एक ऐसी राजनीति लाइए अपने प्रदेश में, अपने देश में जो सिर्फ और सिर्फ आपके लिए काम करे, आपके लिए समर्पित हो। आपको आगे बढ़ने का काम करे। आपके विकास की बात करे। आपके मुद्दों की बात करे। अगर आप सुशील पासी जी को, हमारे प्रत्याशी को जिताएंगे इस चुनाव में, तो आप एक ऐसी राजनीति का संदेश यहाँ से पूरे प्रदेश और पूरे देश में देंगे। हमारी सरकार आई तो हम ये सारी चीजें, ये सारी योजनाएं आपके लिए, आपके विकास के लिए लागू करेंगे। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने बहुत ध्यान से मेरी बातें सुनी। इन बातों को मन में जरुर रखना। जब आप वोट डालने जाएंगे, तो याद रखना कि मैंने क्या कहा है। जो आप पर बिती है पिछले पांच सालों में, उसे याद रखना, भूलना मत। उसी के आधार पर आप वोट देना, क्योंकि किसी ने आपके साथ न्याय नहीं किया। आपके साथ, आपके विकास का काम आपके लिए समर्पण नहीं दिखाया है, इन्होंने। तो ये बातें समझ लीजिए और इस चुनाव में भारी बहुमत से कांग्रेस के प्रत्याशियों को आप जिताइए ताकि यहाँ पर, उत्तर प्रदेश में एक नई राजनीति, एक नई सरकार आए।
धन्यवाद। जय हिंद।