अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी का आज की प्रेस वार्ता में मैं दिल से स्वागत करता हूं। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे साथ मेरे लैफ्ट में कर्नल रोहित चौधरी बैठे हुए हैं, जिन्होंने 26 साल तक हमारी फौज में सेवा की है और बड़े महत्व के प्वाइंट्स पर इन्होंने सेवाएं की हैं, जम्मू और कश्मीर में एक लंबे दौर तक रहे। नॉर्थ ईस्ट स्टेट में उन्होंने सेवाएं दी और खासकर मिसाइल का जो काम होता है, वो मिसाइल वाले फील्ड में भी हमारी फौज में कर्नल रोहित चौधरी ने अपनी सेवाएं दी हैं। इसके साथ-साथ मेरे एक्सट्रीम लैफ्ट में विंग कमांडर अनुमा आचार्य बैठी हैं। जिन्होंने 24 साल तक एयरफोर्स में हमारी फौज में सेवाएं दीं और वो जो दौर शुरू हुआ कि जब महिलाएं एयरफोर्स में ऑफिसर के तौर पर रिक्रूट होने लगीं, उस वक्त में शुरू के दौर में विंग कमाडंर अनुमा आचार्य फौज में भर्ती हुई थी और लंबे अर्से तक उन्होंने सेवाएं दी हैं। कांग्रेस पार्टी के लिए देश का हित दल के हित से हर वक्त ऊपर रहा है। हमने कभी भी सेना के नाम पर, आतंकवाद के नाम पर, विदेश नीति के नाम पर राजनीति नहीं की है।
आप सभी को याद होगा भाजपा की अगुवाई वाली सरकार थी, रघुनाथ मंदिर पर हमला हुआ, अक्षरधाम पर हमला हुआ, पार्लियामेंट पर हमला हुआ, यहाँ से आतंकवादियों को कंधार छोड़ने गए और कांग्रेस पार्टी ने उस वक्त की सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आतंकवाद से लड़ने में साथ दिया। हमने उस वक्त राजनीति नहीं की, ना ही हमने सरकार पर अटैक किया। आज भी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए, राष्ट्रहित में, देशहित में, दल के हित से ऊपर उठकर हम काम करते रहे हैं। हमें फ़ख़्र है, हमें नाज़ है, हमारे सेना के जवान, अर्धसेना के जवान बड़े मुश्किल दौर में राष्ट्र की सुरक्षा, हमारी सुरक्षा में तैनात रहते हैं और उसमें किसी को खरोंच भी आती है, हर देशवासी को दर्द होता है, दुख होता है।आपको याद होगा कि पुलवामा का हमला हुआ, सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। आपके ही लोगों ने, मीडिया के साथियों ने तब हमारे नेता राहुल गांधी जी से पूछा था कि क्या इंटेलीजेंस फेल्योर नहीं है? क्या इसको हवाई मार्ग से नहीं लाया जा सकता था? चुनाव सामने था, राजनीति हो सकती थी, पर एक मैच्योर पॉलिटिशियन होने के नाते राहुल जी ने कहा था कि वक्त इन चीजों का नहीं है, ये वक्त कुछ और हैं और संवेदनाएं जताई उन 40 जवानों के परिवार के प्रति और ऐसी घटना के लिए चिंता व्यक्त की, पर कोई पॉलिटिकल बात नहीं की। लेकिन आज हम, आपका भी सवाल होगा कि जिस कांग्रेस पार्टी ने पुलवामा पर स्टैंड लिया कि हम कुछ नहीं कहेंगे, आज हम आपके साथ जिन्होंने फौज में लंबी सेवाएं दी हैं, उनके साथ बैठकर पुलवामा की बात क्यों करते हैं? आपके भी सवाल होंगे। मैं ज़रूर इस सवाल का आपको जवाब देना चाहता हूं कि हमने नहीं कहा था और अब भी हम चुप रहते, लेकिन जब 18वें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, 18वें स्थल सेना के मुखिया सबसे बड़ी पोस्ट आर्मी की, उसके ऊपर जिन्होंने सेवाएं दी, ऐसे जनरल शंकर रॉयचौधरी जी ने जो बात रखी है, वो बात हमारे ज़ज़्बात को, हमारे दिल-ओ-दिमाग को हिलाने वाली है।जो जवान अपनी जान की बाज़ी लगाकर सरहद पर हर दिक्कत का सामना करता है, अगर उस जवान को दिक्कतें आती हैं या 40-40 अर्धसेना के जवान सीआरपीएफ के शहीद होते हैं और उस पर जब 18वें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, 18 वें स्थल सेना के मुखिया जनरल शंकर रॉयचौधरी जी ने कहा कि ये गलत हुआ था। ये 40 जवानों की जान बच सकती थी। जब जनरल साहब कहते हैं कि इतना बड़ा काफिला पाकिस्तान से सटे हुए हाईवे से ले जाना अपने आप में वल्नरेबल था, नहीं ले जाना चाहिए, इनकी जान बच सकती थी। एयरलिफ्ट करने की मांग आई थी, सीआरपीएफ से कि हमें ऐसे रिस्की रूट पर मत ले जाइए, हमें एयरक्राफ्ट से लिफ्ट कर लीजिए, क्यों नहीं किया गया? जनरल शंकर रॉयचौधरी साहब, जिनका करियर बहुत अच्छा रहा, हम सबको उन पर फ़ख़्र है, वो कहते हैं कि 40 जवानों की जान गई, इसके लिए जिम्मेदार प्रधानमंत्री जी और एनएसए, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर, वो है और इनका इंटेलीजेंस फैल्योर है। हमने कभी पॉलिटिकल बात नहीं की, पर एक जनरल साहब जिनका डॉट लैस करियर रहा है, जब वो कहते हैं, तब हम चुप नहीं रह सकते हैं। ये काम वो आर्मी का या मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस का नहीं था, क्योंकि ये सीआरपीएफ के जवान थे।मतलब तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह का रोल था, प्रधानमंत्री का था। मैं यही कहना चाहता था कि ये जो जिम्मेदारी होम की थी, आज जिसके पास डिफेंस है, क्यों ये नहीं किया गया मैं, जिन्होंने सेना में लंबी सेवाएं की हैं उनसे, कर्नल रोहित चौधरी जी से बात कर रहा था, मैं हमारी विंग कमांडर अनुमा आचार्य जी से बात कर रहा था, वो कह रहे थे कि अर्धसेना के बल को ले जाने लाने के लिए आर्मी के पास जो हवाई जहाज है वो और एयर इंडिया के हवाई जहाज पास्ट में भी कोरियर सेवा कहते हैं इसे, इसके लिए इस्तेमाल होते थे और ये हो सकता था और वो क्यों नहीं हुआ, इसके लिए जिम्मेदार कौन है? ये सवाल हैं, मैं कर्नल रोहित चौधरी जी और विंग कमांडर अनुमा आचार्य जी से भी रिक्वेस्ट करूंगा कि वो आपके सामने अपनी बात रखेंगे।आपके कोई सवाल होंगे, तो उनका भी यहाँ पर स्वागत रहेगा। पर साथ ही साथ में एक आखिरी बात सुओ-मोटो जो मुझे करना है, वो कहना चाहूंगा कि अभी गृहमंत्री अमित शाह जी गए और एक पॉलिटिकल स्टेटमेंट किया उन्होंने। एक इंच भी हमारी जमीन ना किसी ने ली है, ना किसी को लेने देंगे। कुछ चैनल ने तो बार-बार चलाया अमित शाह जी का स्टेटमेंट। मैं आपको भारतीय जनता पार्टी के सीनियर एमपी तापिर गाव जी जो कि इसकी नेशनल एग्जिक्यूटिव के भी मेंबर हैं, उनका एक ट्वीट है, वो पढ़कर सुनाना चाहता हूं कि हमारे वहाँ से चीन की पीएलए हमारे लोगों को उठा कर ले जाती है, भाजपा के नेता कहते हैं। वो आगे बढ़कर कहते हैं कि “Chinese #PLA has abducted Sh Miram Taron” 17 साल के लड़के लो लेकर गए,उसके आगे कहते हैं । China has constructed inside Indian territory, Lungta Jor area, एरिया का नाम भी वो बताते हैं, “Lungta Jor area (China built 3-4 kms road inside India in 2018)” भारत के अंदर 3 से 4 किलोमीटर का इन्होंने रास्ता बना दिया है और वो मोदी जी के शासन में वो साल भी लिखते हैं, in 2018. आगे लिखते हैं “Under Siyungla area (Bishing village) of Upper Siang dist, Arunachal Pradesh.”कौन सही है, इनके जो नेशनल एक्जिक्यूटिव के मेंबर बहुत ही सीनियर मेंबर पार्लियामेंट, जो वहीं रहते हैं, वो सच बोल रहे हैं या गृहमंत्री जी कह रहे हैं कि एक इंच जगह नहीं दी? दोनों एक ही शतरंज के चट्टे-बट्टे हैं, सत्ता पक्ष के ही दोनों लोग हैं। नेशनल एग्जीक्यूटिव के मेंबर हैं एमपी के साथ-साथ बीजेपी के।तो इसका भी जवाब वो दें क्योंकि हमारी सेना के एक भी जवान की दिक्कत हर देशवासी के लिए चिंता का विषय है। 45 साल में चीन के बॉर्डर पर 45 साल हमारे एक भी जवान को खरोंच नहीं आई थी और मोदी जी के टैन्योर में बिहार रेजिमेंट के 20 जवान शहीद हो गए और फिर जो स्टेटमेंट आया, जिससे देश को नुकसान हुआ- यहाँ मित्रों, ना कोई आया है, ना कोई गया है, तो फिर ये 20 जवान बिहार रेजिमेंट के मेरे कैसे शहीद हो गए? तो ये हकीकत कुछ आपके सामने रखी हैं। मैं गुजारिश करुंगा कर्नल रोहित चौधरी जी को कि वो आपके सामने अपनी बात रखें। कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि शक्ति सिंह गोहिल सर, प्रेस के मेंबर्स, विंग कमाण्डर अनुमा आचार्य जी, विनीत जी। ऑनरेबल प्रेस के मेंबरों, जैसा कि आपको जानकारी है कि कुछ दिन पहले हमारे जो जम्मू-कश्मीर के कॉन्स्टिट्यूशनल हैड थे, फार्मर गवर्नर सत्यपाल मलिक जी, पुलवामा इंसिडेंट के समय, उनका एक इंटरव्यू आया और उस इंटरव्यू के जरिए उन्होंने पुलवामा में जो घटना घटी, जो हमारे 40 जवान शहीद हुए, उसके बारे में बहुत ही सीरियस सवाल देश के सामने रखे और उन्होंने ये माना कि ये एक बहुत बड़ी इंटेलीजेंस फेल्योर हुआ, ऑपरेशनल फेल्योर हुआ और कॉम्पीटेंस की तरफ इशारा किया सीआरपीएफ के लिए और मिनिस्ट्री ऑफ होम के लिए।उन्होंने ये कहा कि 5 एयरक्राफ्ट की ज़रूरत थी और उनको एयरक्राफ्ट अगर दिए जाते तो आज ये घटना नहीं घटती और हमारे जो 40 जवान शहीद हुए हैं वो आज हमारे बीच में होते। ये बहुत ही सीरियस और दु:खद सिनेरियो है जहां पर एक कॉन्स्टीट्यूशनल हेड आकर ये बात उठा रहा है कि ये एक फेल्योर हुआ और उसके बारे में उन्होंने उस समय उठानी चाही, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने उन्हें कहा चुप रहें ये कोई और बात है, कोई और चीज़ है और वही चीज़ अजीत डोभाल जी, जो नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर थे उन्होंने भी यही चीज़ कही और इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए हमारे डिस्टिंग्विश्ड फॉर्मर आर्मी चीफ जरनल शंकर रॉयचौधरी, उन्होंने भी इसके ऊपर संज्ञान लेते हुए अपना वक्तव्य दिया है और ये कहा है कि 2,500 सुरक्षाकर्मियों को 78 गाड़ियों के अंदर आप जम्मू से श्रीनगर ला रहे हैं, रोड ओपनिंग की ड्रिल हैं, रोड ओपनिंग पार्टीज़ होती हैं, कोई भी बड़ी कॉन्वॉय अगर चलती है तो उसके अंदर एंटी आईडी जैमर्स पहले चलते हैं, रोड की सेनिटाइजेशन चलती है और जितने भी लेट्रल्स, आर्टीरियल रोड्स, लिंक रोड्स हाईवे को ज्वॉइन करते हैं उन्हें कवर किया जाता है ताकि कोई मिलिटेंट या कोई मिसएडवेंचर एक्टिविटी न कर सके और सत्यपाल मलिक जी ने भी ये अपने वक्तव्य में कहा है कि लिंक रोड पर कोई जिप्सी नहीं थी, कोई मैन पावर नहीं थी, कोई डिफेंस फोर्सेज नहीं थी, तो ये एक बहुत ही बड़ी ऑपरेशनल लैप्स है।जनरल शंकर रॉयचौधरी ने ये कहा कि अगर जहाज सीआरपीएफ को दिए जाते तो आज ये दुर्घटना नहीं घटती। इसके अलावा उस समय इंटेलीजेंस की जो इनपुट्स पिछले 1 महीने से, 2 जनवरी, 2019 से लेकर 13 फरवरी, 2019 तक लगातार आ रही थी कि कोई भी मिलिटेंट एक्टिविटी हो सकती है, वारदात हो सकती है, सॉफ्ट टारगेट हैं कॉन्वॉयज़, उनके ऊपर मिलिटेंट एक्टिविटी हो सकती है, अटैक हो सकता है, ऐम्बुश हो सकता है, उसके बावजूद उसके ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया गया।इसके अलावा सत्यपाल मलिक जी ने भी कहा और उसको रीइंफोर्स किया जनरल शंकर रॉयचौधरी जी ने कि 300 किलो आरडीएक्स अगर एक गाड़ी के अंदर 10 से 12 दिन वहां पर घूम रहा है, तो इसका मतलब ये बहुत बड़ी एक साजिश थी और एक बहुत बड़ी इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी फेल्योर था। हम लोगों ने उस इलाके में काम किया है अगर 10-15 किलो आरडीएक्स भी आसपास कहीं पता चलता है किसी इलाके के अंदर है, तो पूरी की पूरी सिक्योरिटी फोर्सेस अलर्ट हो जाती है और उस एक्सप्लोसिव को और उसके सोर्स को ढूंढने की कोशिश करती हैं और निष्क्रिय करने की कोशिश करती हैं, लेकिन मुझे अचरज है इस बात का कि 300 किलो आरडीएक्स 10 से 12 दिन तक एक गाड़ी के अंदर घूम रहा है और सिक्योरिटी फोर्सेस को या इंटेलिजेंस नेटवर्क को ये जानकारी नहीं हुई और, अगर ये पुख्ता जानकारी आगे पास की जाती और इनको, मिलिटेंट्स को अगर पकड़ा जाता तो आज ये सभी शहीद जवान हमारे बीच होते।
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