अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोरोना संकट की घड़ी में विपक्षी पार्टी के नेताओं को बेवजह राजनीति न करने की सलाह देते हुए कहा कि यह घड़ी साथ मिलकर इस माहामारी से लडऩे की है। जैसा कि नेता प्रतिपक्ष सहित सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में सभी ने सरकार के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया था, परंतु कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा व पूर्व विधायक रणदीप सिंह सुरजे वाला जले पर नमक छिडकऩे की बात कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना माहमारी से लडऩे के लिए किए गए प्रबंधों की देश में सराहना होती देख वे स्वयं ही ईष्या के कारण ऐसे बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशसवासियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग,प्रदेश की जनता ने जिस सूझबूझ से सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर सरकार का साथ दिया है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। जिसके फलस्वरूप हरियाणा में काफी हद तक कोरोना को नियंत्रित किया जा सका है।
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर कटाक्ष करते हु्रए कहा कि पता नहीं वे किस मुंह से सरकार से हिसाब मांगने की बात कर रहे हैं। प्रदेश की जनता, सामाजिक संस्थाओं व सरकार के सभी मंत्री और विधायकों व पूर्व विधायकों ने आगे बढ़ कर हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में अंशदान दिया है। जबकि रणदीप सुरजेवाला हरियाणा विधानसभा से 1 लाख 68 हजार मासिक पेंशन ले रहे हैं और पिछली बार विधायक रहते हुए पाँच साल के कार्यकाल में केवल 7 बार हरियाणा विधानसभा सत्र में आए और उन्होंने कुल 1 करोड़ 12 लाख रुपये लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी कर के वह अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता और संदिग्ध मंशा का परिचय दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में लाखों राशन व खाने के पैकेट गरीब लोगों को बांटे जा रहे हैं और रणदीप सुरजेवाला ने पता नहीं इसमें योगदान दिया भी या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कांग्रेस सरकार द्वारा की गई पिछले 10 वर्षों की गलतियों को पहले भी सुधारा और अब भी सुधार रहे हैं। उन्होंने कहा कि अतिथि अध्यापकों के बारे में कांग्रेस सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एफिडेविट दिया था कि वे अतिथि अध्यापकों को एक दिन भी सेवा में नहीं रखेंगे जबकि हमारी सरकार ने अतिथि अध्यापकों की सेवाएं बरकरार रखी और 4 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियां रुकने के कारण पिछले दो महीने से राजस्व प्राप्तियां न के बराबर रही हैं और कर्मचारियों को वेतन, पेंशन व सरकार के अन्य खर्चों के लिए हर माह लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल, 2020 को मंत्रिमंडल बैठक में हमने आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कुछ निर्णय लिए है, इससे लगभग 70 से 80 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने 15 पैसे प्रति किलोमीटर बस किराया, 1 रुपये प्रति लीटर डीजल व 1.10 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल में वैट वृद्धि तथा सब्जी मंडियों में सब्जी व फलों पर 2 प्रतिशत कर लगाने का निर्णय लिया है। इसे भी विपक्षी पार्टियां बेवजह मुद्दा बना रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के नाते हम तो जनता के ट्रस्टी के रूप में कार्य कर रहे हैं, सरकार के इस निर्णय से जो भी राजस्व संग्रहण होगा वो भी जनता के हित में जनता के लिए ही खर्च किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 मई तक चलने वाले लॉकडाउन-3.0 अवधि के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोग सरकार का सहयोग करेंगे और ऐसी उनको हरियाणा की जनता से उम्मीद भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बताई गई दो गज दूरी बनाए रखने के बारे में ध्यान रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन-3.0 के दौरान ग्रीन, ऑरेंज व रेड जोन तीन क्षेत्रों में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के सहयोग से व केंद्र सरकार की हिदायतों के अनुसार औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियां संचालित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन में हरियाणा परिवहन की बसों को सवारियों की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत के साथ चलाने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, मॉल, सिनेमा घर, जिम, धार्मिक स्थान बंद रहेंगे। बाकी सब बाजार व दुकानें खोली जाएंगी और इनमें सोशल डिस्टेंसिंग की पालना जरूरी होगी।ऑरेंज जोन में केवल बसों को चलाने की अनुमति नहीं होगी बाकि ग्रीन जोन वाली सभी गतिविधियां संचालित होंगी। रेड जोन में नाई, स्पा-सैलून, ऑटो, टैक्सी इत्यादि के संचालन पर प्रतिबंध रहेगा। आवागमन की गतिविधयां प्रतिबंधित रहेंगी। कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं की ही अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि सभी जोन में 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे व 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही, सांय 7 बजे से प्रात: 7 बजे तक भी किसी को भी ज़रूरी काम के अलावाघरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।