अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
जयराम रमेश, संसद सदस्य, महासचिव (संचार), एआईसीसी द्वारा जारी वक्तव्य:इन सात प्रश्नों पर मन की बात करना प्रधानमंत्री का राजनीतिक कर्तव्य और नैतिक दायित्व है। देश जानना चाहता है कि :-
1. 20 जून, 2020 को आपने ऐसा क्यों कहा कि पूर्वी लद्दाख के भारतीय क्षेत्र में चीन की ओर से कोई घुसपैठ नहीं हुई है?
2. आपने चीनियों द्वारा हमारे सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में ऐसे हजारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में गश्त करने से रोकने की अनुमति क्यों दी, जहां हम मई 2020 से पहले नियमित रूप से गश्त कर रहे थे?
3. आपने 17 जुलाई 2013 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत माउंटेन स्ट्राइक कोर की स्थापना की योजना को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया?
4. आपने चीनी कंपनियों को पीएम केयर्स फंड में अंशदान की अनुमति क्यों दी?
5. आपने पिछले दो वर्षों में चीन से आयात को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ने क्यों दिया?
6. आप इस बात पर जोर क्यों दे रहे हैं कि सीमा की स्थिति और चीन की ओर से हमारे समक्ष आने वाली चुनौतियों पर संसद में बहस न हो?
7. आपने शीर्ष चीनी नेतृत्व से अभूतपूर्व रूप से 18 बार मुलाकात की और हाल ही में बाली में शी जिनपिंग से हाथ मिलाया। इसके तुरंत बाद चीन ने तवांग में घुसपैठ शुरू कर दी और उसकी तरफ से सीमा की स्थिति में एकतरफा बदलाव का प्रयास करना जारी है। आप इस मुद्दे पर देश को विश्वास में क्यों नहीं ले रहे?