अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, सर्बानंद सोनोवाल, श्रीमती भारती पवार और रामेश्वर तेली ने आज भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा जान-बूझ कर देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ दिए गए बेहद आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बयान की कड़ी निंदा की। साथ ही, उन्होंने इस बयान के लिए अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी से देश की जनता से माफी मांगने की मांग की। प्रेस कांफ्रेंस में वरिष्ठ सांसद श्रीमती जसकौर मीणा और डॉ हिना गावित भी उपस्थित थीं। प्रेस कांफ्रेंस का संचालन सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने किया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आज हम बहुत ही गंभीर विषय को लेकर भारी मन से प्रेस वार्ता कर रहे हैं। जिस विषय पर बहस होनी ही नहीं चाहिए, उसे कांग्रेस पार्टी ने हवा दी है। देश में सबसे उंचा, सबसे पवित्र और सर्वोच्च संवैधानिक पद, राष्ट्रपति पद होता है और उस पद की गरिमा को कलंकित करने का कुत्सित प्रयास
आज पुनः कांग्रेस पार्टी ने किया है।
देश की राष्ट्रपति के लिए लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जो दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिया, उससे हम सभी देशवासी मर्माहत हैं। अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ जो अमर्यादित टिप्पणी की है, उसकी भारतीय जनता पार्टी घोर निंदा करती है। रिजिजू ने कहा कि जिस दिन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी घोषित हुई, उसी दिन से उनके विरोध में कांग्रेस पार्टी द्वारा अनर्गल टिप्पणियाँ की जाने लगीं। एक कांग्रेस नेता ने तो यहाँ तक कह दिया कि भाजपा ने देश के राष्ट्रपति पद के लिए जिस उम्मीदवार को खड़ा किया है, वह भारत की ‘evil philosophy' का प्रतिनिधित्व करती हैं। अब जब श्रीमती द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बन चुकी हैं, तब कोई टिप्पणी नहीं आनी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ संसद परिसर में काफी अपमानजनक टिप्पणी की। इसके बाद अधीर रंजन चौधरी माफी मांगने से भी कतरा रहे हैं और इस मामले को हल्का बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी कह रहे हैं कि यह तो छोटी बात है, भाजपा इसे बड़ा बना रही है। अधीर रंजन चौधरी ने ऐसी अमर्यादित और अपमानजनक टिप्पणी कर राष्ट्रपति पद की गरिमा को चोट पहुंचाया है और उसे तार-तारकिया है। केवल अधीर रंजन चौधरी ही नहीं, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी को भी पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
रिजिजू ने कहा कि संविधान सभा में यह तय हुआ था कि क़ानून के सामने हर नागरिक के लिए सभी तरह के अधिकार एवं कर्तव्य बराबर हैं। पद पर कोई भी बैठे, उन्हें पद के नाम से ही संबोधित किया जाता है। जब श्रीमती इंदिरा गाँधी देश की प्रधानमंत्री बनीं तो उन्हें प्रधानमंत्री ही कहा गया। अब अधीर रंजन चौधरी कह रहे हैं कि राष्ट्रपति से मिल कर माफी मांग लूंगा। यह इतना छोटा मामला नहीं है। अधीर रंजन चौधरी, पूरी कांग्रेस पार्टी और श्रीमती सोनिया गाँधी अविलंब देश की जनता से माफी मांगे। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता की दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। यह देश के राष्ट्रपति के साथ-साथ देश की मातृशक्ति का अपमान है, आदिवासियों का अपमान है। देश की जनता लोकतंत्र में विश्वास रखती है। अधीर रंजन चौधरी का बयान देश के लोकतंत्र का भी अपमान है। कांग्रेस ने जो अपराध किया है, उसके लिए उसे देश की जनता से माफी मांगनी ही होगी। सोनोवाल ने कहा कि देश में सबसे अधिक समय तक कांग्रेस ने राज किया है। कांग्रेस ने हमेशा ही आदिवासी समुदाय के साथ अन्याय किया है। कांग्रेस नेता के इस बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता उजागर हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार हो रहा है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलते हुए आज कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर तक और अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात तक, देश का सर्वांगीण विकास हो रहा है और सभी वर्ग को समान रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने देश की मातृशक्ति को बल दिया है। आज सबको आगे बढ़ने का समान अवसर मिल रहा है। यह देख कर कांग्रेस की नींद उड़ गई है। इसलिए, कांग्रेस पार्टी साजिशों में लगी हुई है। कांग्रेस पार्टी को देशवासियों से माफी मांगनी ही होगी। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्रीमती भारती पावर ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी के बयान से कांग्रेस की आदिवासी और महिला विरोधी मानसिकता एक बार फिर से उजागर हुई है। देश के शोषितों, वंचितों और महिलाओं का अपमान करने की कांग्रेस की मानसिकता रही है। यह स्पष्ट है कि लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा देश की राष्ट्रपति के लिए बेहद अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया है। आजादी के 75 वर्षों के इतिहास में देश में पहली बार एक गरीब परिवार से आने वाली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी है। यह आदिवासी समाज के साथ-साथ समग्र राष्ट्र को गौरवान्वित करने वाला क्षण है। उनके खिलाफ कांग्रेस ने अपमानजनक टिप्पणी की है। इससे देश की हर महिला और आदिवासी समाज को ठेस पहुंचा है। श्रीमती पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। जनजाति गौरव दिवस मनाने की बात हो, जनजाति कल्याण के बजट में बढ़ोत्तरी की बात हो, आकांक्षी जिलों के विकास की बात, आदिवासी जननायकों के संग्रहालय मनाने की बात हो या फिर आदिवासी गाँवों के विकास तथा आदिवासी छात्रों के लिए एकलव्य विद्यालय स्थापित करने की बात हो, हर कदम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी समाज के विकास को नई धार दी है। श्रीमती पवार ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में हमने कभी नहीं सोचा था कि आदिवासी समुदाय से आने वाली एक महिला को राष्ट्रपति पद पर आसीन होने का अवसर मिलेगा। हम सभी देशवासी और आदिवासी समुदाय के लोग श्रीमती द्रौपदी मुर्मू देश के राष्ट्रपति बनने पर बहुत खुश थे लेकिन उन्हें राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही कांग्रेस ने ‘evil philosophy’ जैसे शब्दों को गढ़ कर न केवल राष्ट्रपति पद को बल्कि देश के आदिवासी समुदाय को भी अपमानित करने का काम किया है। यह देश का अपमान है। क्या आदिवासी लोगों को इस देश में कोई अधिकार नहीं है? कांग्रेस को संविधान और संवैधानिक पद की गरिमा का ख़याल रखना चाहिए। इस कृत्य के लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।
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