अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता प्रो गौरव वल्लभ ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा- आज की विशेष प्रेस वार्ता जिस तरह से रुपया डॉलर के मुकाबले हर दिन नए कीर्तिमान बना रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है, इस संदर्भ में है और बहुत चौंकाने वाली चीजें और आंकड़े आपके सामने रख रहे हैं। साथियों, आज रुपया जब हम अभी प्रेस से मैं बात कर रहा हूँ, इस समय एक यूएस डॉलर 80.86 पर पहुंच गया है, मतलब 81 में केवल 14 पैसे कम। 14 पैसे और कम होते ही रुपया 81 रुपए हो जाएगा। 75 रुपया हुआ था, तो हमें लगा कि इस मार्गदर्शक मंडल में जाकर रुपया ठहर जाएगा, पर रुपया तो मार्गदर्शक मंडल से भी सुपर मार्गदर्शक मंडल में पहुंचने की तैयारी कर रहा है और हर दिन नए-नए रिकॉर्ड, नए-नए स्तंभों को पार कर रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे हुए बैठी हुई है।
साथियों, आपने हाथ पर हाथ धरी सरकार तो सुना होगा, पर रुपए को गिराने में सरकार लगी हुई है और मैं आपके सामने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का 22 अगस्त का एक नोटिफिकेशन लेकर आया हूँ और इसका जवाब वित्तमंत्री और आरबीआई के गवर्नर दोनों को देना चाहिए इमीजिएटली। इस 22 अगस्त के नोटिफिकेशन के अनुसार एक बिलियन डॉलर तक कोई भी भारत का व्यक्ति या कंपनी जिसने 3 साल तक उसका प्रॉफिट रहा हो, उस कंपनी में, तो वो भारतीय रुपए को डॉलर में कंवर्ट करा सकता है। जब रुपया गिर रहा था, तो हमें लगा कि रुपए को डॉलर की जो मार्केट में डिमांड है, जो उसको सप्लाई से क्रश किया जाएगा, उसको रोका जाएगा, पर सरकार ने उल्टा किया, सरकार ने एक बिलियन डॉलर तक कोई भी भारतीय कंपनी और कौन-कौन सी कंपनियाँ हैं, मुझे नहीं पता पर अंदाजा हम सबको है। एक बिलियन डॉलर यानि 8,081 करोड़ तक कोई भी भारतीय कंपनी जिसका तीन साल का प्रॉफिट रहा हो, वो रुपए को डॉलर में कंवर्ट करा सकती है।
जब डॉलर बाजार से उठ जाएगा, तो डॉलर और मजबूत होगा, रुपया कमजोर होगा, पर भारत के वित्तमंत्री को ये समझ नहीं आया। जो बात आपको मुझे, हर आठवीं क्लास के बच्चों को समझ में आ सकती है कि अगर डॉलर की मजबूती को रोका जाए, अगर मार्केट में डॉलर की डिमांड को कम किया जाए, तो रुपया गिरना रुकेगा। पर भारत सरकार ने 22 अगस्त को ये नोटिफिकेशन जारी किया, जिसकी कॉपी मैं आपको दिखा रहा हूँ, जिसके अनुसार इस नोटिफिकेशन को हम कहते है, कैपिटल अकाउंट कंवर्टेबिलिटी और बड़े ही सरल शब्दों में बता रहा हूँ कि भारत की कोई भी कंपनी अगर उसका तीन साल तक प्रॉफिट है, तो वो रुपया ले जाकर डॉलर में कंवर्ट करके बाहर विदेश में निवेश कर सकती है। कौन सी कंपनियाँ हैं, निर्मला सीतारमण जी? किनके दबाव में ये नोटिफिकेशन आया है? कहीं किसी को तीन नंबर से दो नंबर बनाने के चक्कर में तो ये काम नहीं हुआ? देश आपसे ये सवाल पूछ रहा है और जब रुपया दिन ब दिन गिर रहा था,
उस समय इस नोटिफिकेशन का, इस कैपिटल अकाउंट कंवर्टेबिलिटी का क्या आशय है, इसका क्या रीजन है, निर्मला सीतारमण जी, और प्रधानमंत्री जी, जवाब दीजिए। जब रुपया गिरता है साथियों, तो हमारे देश में इंपोर्ट तो हो जाते हैं महंगे और हम क्या-क्या इंपोर्ट करते हैं- पेट्रोल, क्रूड ऑयल। हम क्या-क्या इंपोर्ट करते हैं- आवश्यक दवाईयाँ। हम क्या-क्या इंपोर्ट करते हैं- आवश्यक उपकरण। कहाँ हमारी डॉलर की जरुरत पड़ती है- जो हमारे देश के लाखों बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं, उनके माता-पिता को, उनकी फीस डॉलर में जमा करानी पड़ती है, जो एक साल पहले 75 रुपया एक डॉलर लग रहा था, वहाँ अगर 1,000 डॉलर भेजने हो तो आज 81,000 डॉलर लगेंगे। एक साल में रुपया 7 प्रतिशत से ज्यादा गिरा है और सरकार ने क्या प्रतिक्रिया दी कि कोई भी कंपनी एक बिलियन डॉलर तक रुपया को डॉलर में कंवर्ट करना चाहे तो कर ले, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ये अलाऊ कर दिया है। इससे रुपया गिरने से रुकेगा नहीं,और ज्यादा गिरता जाएगा। क्या मोदी सरकार की मंशा रुपया को और पेट्रोल के भाव को बराबर करने की है कि देश में कोई कन्फ्यूजन न हो। 110 रुपए लीटर का पेट्रोल और 110 रुपए का एक डॉलर। क्या मोदी सरकार की ये मंशा है? और अगर ये मंशा नहीं है, तो इस नोटिफिकेशन का क्या तात्पर्य है? उन मध्यम आय वर्गीय परिवारों की क्या गलती है, जिन्होंने अपने बच्चों को, होनहार बच्चों को बाहर पढ़ाने का, उच्च शिक्षा दिलाने के लिए बाहर भेजने का फैसला किया, वो आपकी गलत नीतियों का परिणाम क्यों भोगें? उन लोगों की क्या गलती है, जो रोज पेट्रोल-डीजल अपनी गाड़ी में भरवाएंगे और आप कह दोगे कि अब क्रूड ऑयल रुपए में बढ़ गया तो डॉलर के मुकाबले रुपया गिर गया। मैं याद दिलाना चाहूँगा मोदी जी, आप ही का शब्द है, कि जैसे-जैसे रुपया गिरता है, देश की साख गिरती है। मोदी जी कहाँ ले जा रहे हो, देश की साख को? रोज गिरावट के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हो आप। ये गिरावट को रोकने के लिए ये जो नोटिफिकेशन है, ये किसके दबाव में आपने जारी किया? कौन-कौन वो लोग हैं, जिन्होंने 22 अगस्त से लेकर आज तक इस नोटिफिकेशन के जरिए रुपए को डॉलर में कंवर्ट करके पैसा बाहर भेजा, इसकी जानकारी देश के सामने रखिए और मध्यम आय वर्गीय परिवार और निम्न आय वर्गीय परिवार एक-एक पैसा जोड़कर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर भेजते हैं, वो आपकी गलत नीतियों का परिणाम क्यों भोगें? क्यों पिछले 6 महीनों में रुपया 7 प्रतिशत तक गिरा है, इन सवालों के जवाब मोदी जी को और निर्मला सीतारमण जी को देश को देना चाहिए।
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