अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद उत्साहित कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार को घेरने और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में मंगलवार को पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक हुई। इस दौरान लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।बैठक के उपरांत सोशल मीडिया पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, सेबी और अडानी के बीच सांठगांठ के चौंकाने वाले खुलासे की गहन जांच की जरूरत है। शेयर बाजार में छोटे निवेशकों का पैसा खतरे में नहीं डाला जा सकता। मोदी सरकार को तुरंत सेबी अध्यक्ष का इस्तीफा मांगना चाहिए और इस मामले में जेपीसी का गठन करना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि पार्टी का ध्यान बेलगाम बेरोजगारी और अनियंत्रित मुद्रास्फीति तथा घरेलू बचत में कमी जैसे गंभीर मुद्दों पर केंद्रित है। सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात किया है।खरगे ने कहा कि संविधान पर हमला लगातार जारी है। उन्होंने साथ ही कहा कि जातीय जनगणना लोगों की मांग है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के किसानों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देशभक्त युवाओं पर थोपी गई अग्निपथ योजना को खत्म किया जाना चाहिए।रेल सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि रेलों का पटरी से उतरना आम बात हो गई है, जिससे करोड़ों यात्रियों को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि जलवायु संबंधी आपदाएं और ढहता बुनियादी ढांचा भी चिंता का कारण है। खरगे ने कहा कि हम इन मुद्दों को लेकर एक राष्ट्रीय अभियान तैयार करेंगे और लोगों के पास जाएंगे।वहीं बैठक के उपरांत पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बैठक में कांग्रेस ने अडानी महाघोटाले के संदर्भ में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को दोहराया है। जिस तरीके से नए खुलासे आए हैं, ये और भी जरूरी है कि जेपीसी का गठन हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना करना जरूरी है। संविधान के अनुसार जातिगत जनगणना की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। इसी के साथ संविधान के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय से जुड़े प्रावधानों का पालन और सम्मान हो।वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आने वाले समय में कांग्रेस इन तीन मुद्दों को लेकर अलग-अलग राज्यों में जनता को लामबंद करके का अभियान आयोजित करेगी। कांग्रेस ने 22 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। पहला प्रदर्शन प्रदेश की राजधानियों में किया जाएगा, जहां कांग्रेस कार्यकर्ता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालयों के सामने विरोध जताएंगे।कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का आह्वान किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बंद हों ताकि वे सुरक्षा, सम्मान और सद्भाव का जीवन जी सकें। बैठक में केरल के वायनाड में हुई विनाशकारी भूस्खलन त्रासदी पर भी गहरा दुख व्यक्त किया गया और अपनी संवेदना व्यक्त की गई। इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की राहुल गांधी की मांग को फिर से दोहराया गया।
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