अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस ने महादेव एप मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा और ईडी का सबसे बड़ा गठबंधन सामने आया है। भाजपा के बयान के बाद ईडी का बयान आना इस साझेदारी के पहलू को दिखाता है। इस दौरान कांग्रेस ने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को पहले चुनाव आयोग ने मिलने का समय दिया, फिर कहा कि वह अभी व्यस्त हैं। सात नवंबर को प्रथम चरण की वोटिंग के बाद चुनाव आयोग द्वारा इस मामले में निर्णय लेना महत्व नहीं रखता है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेस नेताओं डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद, प्रमोद तिवारी व रंजीत रंजन ने कहा कि भाजपा के निर्देश पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि को गिराने के लिए जानबूझकर साजिश की जा रही है।
कांग्रेस सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि महादेव ऐप मामले में एक व्यक्ति का बयान आया है, जो कभी खुद को मैनेजर तो कभी मालिक बताता है। इस मामले में भाजपा के बयान के बाद ईडी का बयान आया, जो इनकी साझेदारी का पहलू जगजाहिर करता है। इससे स्पष्ट है कि ये सब चीजें, राजनीतिक द्वेष, निराधार तरीके से की जा रही हैं। यह साफ हो गया है कि आने वाले चुनाव में भाजपा और ईडी का सबसे बड़ा गठबंधन है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने 24 अगस्त को महादेव ऐप का पूरा कच्चा-चिट्ठा खोला और 30 अगस्त को ऐप को बैन करने की सीधी मांग की। तब भी मोदी सरकार ने ऐप को बैन नहीं किया। अब चुनाव से एक हफ्ते पहले केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री पर आधारहीन आरोप लगाए। सिंघवी ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मुलाकात की मांग रखी थी। कांग्रेस नेताओं को आयोग ने आज बुलाया भी था, लेकिन आज हमें बताया गया कि आयोग व्यस्त है और वे कांग्रेस नेताओं को आठ या नौ नवंबर को बुलाएंगे। छत्तीसगढ़ में सात नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण की वोटिंग है। कांग्रेस चुनाव में पारदर्शिता की बात कर रही है। ऐसे मामलों में तुरंत निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। इस मामले में चुनाव आयोग द्वारा निर्णय लेने का औचित्य सात नवंबर से पहले का है। सिंघवी ने कहा कि देश के आईटी मिनिस्ट्री के मंत्री महादेव ऐप पर अजीबोगरीब बयान देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार पर दोषारोपण करते हैं। वे कहते हैं कि राज्य की तरफ से ऐप को बैन करने का कोई अनुरोध नहीं आया। उन्होंने सवाल किया कि जिस ऐप पर ईडी जांच कर रही है, उसे बैन करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का अनुरोध क्यों चाहिए। ये बयान तो चोर की दाढ़ी में तिनका जैसा मालूम होता है।प्रमोद तिवारी ने कहा कि खुद को महादेव ऐप का मैनेजर बताने वाला आदमी दुबई में बैठकर एक वीडियो रिलीज करता है। वीडियो में वह ऐसे मुख्यमंत्री के खिलाफ बोल रहा है, जिसने उसके खिलाफ इतनी कड़ी कार्रवाई की, कि उसे भागकर दुबई जाना पड़ा। फिर इस वीडियो के तुरंत बाद भाजपा अपनी प्रेस रिलीज जारी करती है। वहीं रंजीत रंजन ने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री की छवि को खराब करने के लिए जानबूझकर किया जा रहा है, क्योंकि भाजपा छत्तीसगढ़ के साथ राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में हार रही है। भाजपा घबराई हुई है। महादेव ऐप से जुड़े वीडियो में जिस व्यक्ति का नाम आ रहा है और जिस गाड़ी में पैसों की बात हो रही है, ये दोनों भाजपा से जुड़े हुए पाए गए हैं।
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