अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आदरणीय साथियों, आप सभी का इस विशेष प्रेस वार्ता में मैं हार्दिक स्वागत करता हूं। कल वित्त मंत्री जी ने कुल 12 ट्वीट किए हैं। पता नहीं कौन सी उन पर बाध्यता थी वो ट्वीट करने की, पर एक ट्वीट बड़ा रोचक था। उसमें उन्होंने पेट्रोल और डीजल पर जो एक्साइज ड्यूटी केन्द्र सरकार ले रही है, वो घटाई। पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी जो पहले मौजूदा थी, उससे केन्द्र सरकार ने 8 रुपए घटाई, डीजल पर 6 रुपए घटाई और हमारा एक कैल्क्युलेशन हमने किया है और आपको वो कैल्क्युलेशन आपको जरुर दूंगा। मुझे उम्मीद थी कि आज जब मैं इस प्रेस वार्ता के लिए आ रहा होऊंगा तो भारतीय जनता पार्टी का प्रचार- प्रसार डिपार्टमेंट पूरी दिल्ली में थैंक्यू मोदी जी के पोस्टर जरुर लगाएगा। पर लगता है आज रविवार है, तो वो छुट्टी पर हैं।
तो उन थैंक्यू मोदी जी वाले लोगों से मैं ये पूछना चाहता हूं, ये कौन सा गणित है कि आप पहले पिछले 60 दिनों में पेट्रोल के दाम 10 रुपए बढ़ा दो और फिर पेट्रोल के ऊपर एक्साइज ड्यूटी आप 8 रुपए घटा दो। वो कौन सा गणित है कम करने का, जिसमें 60 दिनों में डीजल के दाम में आप पिछले 60 दिनों में 10 रुपए बढ़ा दो और 7 रुपए कम कर दो? ये कौन सा गणित है? ये तो मुझे एक बड़ा रोचक किस्सा याद आता है कि एक दुकान पर हमेशा सेल लगी हुई होती थी। तो हमने पूछा उससे कि भाई साहब ये सेल आपके 24 घंटे, 365 दिन सेल क्यों। बोले पहले बढ़ा देते हैं, फिर सेल दे देते हैं। पहले 25 प्रतिशत बढ़ा दो, फिर 15 प्रतिशत सेल दे दो, फिर 10 प्रतिशत से फिर भी आगे हो और उसके लिए देश को बोलना थैंक्यू मोदी जी कि आपके पास ऐसा हुनर है कि आप चीज को घटा कर भी बढ़ा देते हो। उस हुनर को कल वित्त मंत्री जी ने हमारे सामने उस हुनर को रखा।
कुछ आंकड़े देता हूं साथियो – अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर केन्द्र सरकार 9 रुपए 48 पैसे प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लेती थी। जो आज मई, 2022 में कम करने के बावजूद, ये कम करने के बावजूद भी 19 रुपए 90 पैसे है। मतलब 2014 की तुलना में पेट्रोल पर आज भी केन्द्र सरकार 10 रुपए 52 पैसे प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी ज्यादा ले रही है अर्थात् जो 2014 में जो एक्साइज ड्यूटी थी, उससे दोगुनी से भी ज्यादा more than twice, still Government of India is charging the excise duty on Petrol, तो ये तो हुई पेट्रोल की बात। डीजल इसमें और भी रोचक है। अप्रैल, 2014 में केन्द्र सरकार 3 रुपए 56 पैसे प्रति लीटर डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लेती थी। मोदी जी की जो थैंक्यू मोदी जी पॉलिसी के तहत आज 15 रुपए 80 पैसे प्रति लीटर हुई है, कम करने के बावजूद। अर्थात् 3 रुपए 56 पैसे जो हम लेते थे, वो आज 15 रुपए 80 पैसे है अर्थात् 4 गुना से भी ज्यादा more than four times, उसके लिए थैंक्यू मोदी जी। लगाओ पोस्टर थैंक्यू मोदी जी के कि पहले से आपने चार गुना ज्यादा डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ले ली, इसके लिए देश आपका आभारी है मोदी जी।
पहले से पेट्रोल पर आपने दोगुनी से ज्यादा एक्साइज ड्यूटी आज भी ले रहे हैं, उसके लिए थैंक्यू मोदी जी। अब गैस पर आ जाते हैं, क्योंकि गैस पर भी थैंक्यू तो बोलना पड़ेगा। मई, 2014 में गैस सिलेंडर और यहाँ पर उज्जवला, नोन उज्जवला, वो कोई डिस्टिंक्शन नहीं है। गैस सिलेंडर देश के हर व्यक्ति को मिलता था 414 रुपए में। आज उज्जवला स्कीम के तहत गैस सिलेंडर मिल रहा है कम करने के बावजूद 803 रुपए में अर्थात् लगभग दोगुनी आपने गैस की कीमतें कर दी और वो भी सिर्फ उज्जवला के लिए, नोन उज्जवला के लिए तो 1,003 ही है, इसके लिए भी थैंक्यू मोदी जी। हमारा भी थैंक्यू स्वीकार कीजिए कि आपके पास इतना बड़ा हुनर है कि आपने गैस की कीमतें कम करने के बावजूद भी दोगुनी बढ़ा दी। This is an art that you are reducing, but, still it is increasing. आप कम कर रहे हैं पर फिर भी बढ़ रहे हैं। आपने 200 रुपए कम किए फिर भी गैस की कीमतें दोगुनी से ज्यादा हो गई हैं और ऐसा क्यों हुआ, ये आप लोगों को समझना पड़ेगा। ऐसा इसलिए हुआ गैस की कीमतों में कि जब केन्द्र सरकार ने give it up स्कीम चालू की थी ना, give it up तो केन्द्र सरकार ने भी सब्सिडी को give it up कर दिया। जो लोगों को गैस सिलेंडर पर सब्सिडी 2014 के पूर्व की सरकारें दिया करती थी, मोदी जी ने कहा आप भी दे दो, हम भी दे दें, give it up, तो उन्होंने सब्सिडी को give it up कर दिया। इसका आंकड़ा है मेरे पास।
2014 में गैस पर सब्सिडी केन्द्र सरकार वहन करती थी 36,500 करोड़। 2013-14 में ये आंकड़ा था 46,458 करोड़ और आज हो गया शून्य, क्योंकि मोदी जी ने सब्सिडी देना बंद कर दिया और उज्जवला स्कीम के तहत सिलेंडर की कीमत आज 803 है और नोन उज्जवला के लिए 1,003 है। दोनों में ही नोन उज्जवला के लिए जो 2014 में सिलेंडर की कीमत थी, उससे दोगुनी से ज्यादा कर दी और उज्जवला वालों के लिए दोगुनी तक की सीमित रखा। उसके लिए आपको बहुत-बहुत थैंक्यू। फिर वित्त मंत्री जी ने एक और आंकड़ा दिया। बोले इन्फ्लेशन, महंगाई हमने बढ़ने ही नहीं दी। कोई भी आवश्यक वस्तु के दाम हमने बढ़ने नहीं दिए। वित्त मंत्री जी प्याज आप तो नहीं खाती, आपने देश को बताया, पर गर्मी में नींबू की शिकंजी तो कभी कभार तो पीती होंगी मैडम, शिंकजी। 300 रुपए प्रति किलो नींबू बिका है वित्त मंत्री जी और आप कह रही हैं कि महंगाई नहीं है। हमने सप्लाई चैन का कोई डिस्ट्रप्शन नहीं होने दिया। देश में नींबू 300 रुपए किलो बिक गया और वित्त मंत्री जी कह रही हैं कि हमने महंगाई नहीं बढ़ने दी। वित्त मंत्री जी मैं आपके ही डिपार्टमेंट के, आपकी ही सरकार के कुछ आंकड़े आपके सामने रखना चाहता हूं। WPI अप्रैल 2022 में 15.1 प्रतिशत होलसेल प्राइस इंडेक्स और रिटेल इन्फ्लेशन 7.79 प्रतिशत। वित्त मंत्री जी ने अपनी ट्वीट में कहा कि महंगाई नहीं है देश में, there is nothing called as inflation in our country, ये 7.79 तो रिटेल इन्फ्लेशन है। ये मेरा आंकड़ा नहीं है, ये भारत सरकार का आंकड़ा है। WPI आपका 15.1 प्रतिशत है, ये मेरा आंकड़ा नहीं है, ये भारत सरकार का आंकड़ा है। क्या ये आंकड़े देखने के बाद भी वित्त मंत्री जी आपके ट्वीट में जो भाषा थी, कि हमने इन्फ्लेशन को, महंगाई को नहीं बढ़ने दिया। क्या ये आंकड़े गलत है या आपके ट्वीट की भाषा और आपके ट्वीट का मंतव्य गलत है? फिर एक ट्वीट वित्त मंत्री जी ने किया कि हम गरीबों का बहुत ध्यान रखते हैं। बिल्कुल वित्त मंत्री जी, ऑक्स फॉर्म और सीएमआईई की रिपोर्ट तो कोई दूसरी ही चीज बता रही है। ऑक्स फॉर्म की रिपोर्ट कहती है कि वित्त मंत्री जी कि 2021 में 84 प्रतिशत हाउस होल्ड की इंकम घटी और बिलेनियर की ग्रो की। सीएमआईई की रिपोर्ट कहती है कि 2021 में 97 प्रतिशत इंडियन की आय घटी और ऑफकोर्स जो 3 प्रतिशत कौन है, आपको भी पता है, 3 प्रतिशत की बढ़ गई। अब देश के युवा, देश के मध्यम आय वर्गीय परिवार, देश के निम्न आय वर्गीय परिवार, वो इक्वेशन, वो फॉर्मुला आपसे जानना चाहते हैं वित्त मंत्री जी जो उन 3 प्रतिशत लोगों के पास है, जिनकी इंकम बढ़ रही है और 97 प्रतिशत को वो फॉर्मूला दे दीजिए। तो आप कह रहे हैं कि हम पुअर का ध्यान रखते हैं, पर यहाँ तो ऑक्स फॉर्म और सीएमआईई, दोनों की रिपोर्ट कह रही है कि हिंदुस्तान में 97 प्रतिशत लोगों की आय 2021 में घटी, सिर्फ 3 प्रतिशत की बढ़ी। ऑक्स फॉर्म की रिपोर्ट कहती है कि 84 प्रतिशत की घटी, सिर्फ बाकी लोगों की बढ़ी। देश में बिलेनियर की जो ग्रोथ है, सिर्फ उनकी ग्रोथ हो रही है। ना तो मिडिल क्लास की हो रही है, ना लोअर इंकम ग्रुप की हो रही है, ना किसानों की हो रही है, ना मजदूर की हो रही है। तो वित्त मंत्री जी ये जो आपका एक्सपेक्टेशन था कि देश बोलेगा थैंक्यू मोदी जी, वो रियलिटी ये है कि What you have done to India Modi ji? We are asking what you have done to India Modi ji? क्या इसके लिए धन्यवाद दें कि आज भी एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल पर जो 2014 की थी, उससे दोगुनी से ज्यादा आप वसूल कर रहे हैं? क्या इसके लिए धन्यवाद दें कि आज भी एक्साइज ड्यूटी डीजल पर जो 2014 में थी, उससे लगभग 4 गुना आप वसूल कर रहे हैं? क्या इसके लिए धन्यवाद दें कि 2014 में जो गैस सिलेंडर के दाम थे, उससे लगभग दोगुने उज्जवला स्कीम के तहत और नोन उज्जवला सिलेंडर के लिए दोगुने से ज्यादा आप वसूल कर रहे हैं? क्या इसके लिए धन्यवाद दें कि 97 प्रतिशत लोगों की आय घटी, वित्त मंत्री जी कह रहे हैं कि हम पुअर का ध्यान रख रहे हैं? क्या इसके लिए धन्यवाद दें कि देश में नींबू 300 रुपए किलो गर्मी में बिका, होलसेल प्राइस इंडेक्स 15.1 प्रतिशत है, रिटेल इन्फ्लेशन देश में 7.79 प्रतिशत है, क्या इन चीजों के लिए थैंक्यू बोलें? मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी को ये जो आठवीं क्लास की जो ट्रिक्स है कि पहले 40 प्रतिशत बढ़ाओ, फिर 25 प्रतिशत कम कर लो, तो 15 प्रतिशत तो अभी बढ़ा हुआ ही है ना। अभी तक मार्च में जो कीमतें थी, पेट्रोल – डीजल की उससे ज्यादा है। तो क्या मार्च में कीमतें ज्यादा थी कि कम थी? उस समय भी ज्यादा थी। अगर आपको सब्सटेंशियल राहत देनी है तो 2014 के लेवल पर पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम करिए और उसको करने के लिए आप वो नहीं कर पाएंगे, क्योकि उसके लिए देश आपको थैंक्यू वास्तव में बोलेगा, पर आपको कृत्रिम, आर्टिफिशियल थैंक्यू चाहिए। पोस्टर लगा-लगा कर अपनी वाहवाही लुटानी है। जबकि पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम 2014 लेवल से ज्यादा हैं।
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