अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: अखिल भारतीय मछुआरा कांग्रेस के मछुआरा नेताओं के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मछुआरों की चिंताओं और मत्स्य क्षेत्र के मुद्दों को उठाएगी। मछुआरा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज एआईसीसी मुख्यालय में संपन्न हुई। राहुल गांधी ने अखिल भारतीय मछुआरा कांग्रेस के अध्यक्ष से पूछा एंव पार्टी सांसद टी एन प्रतापन तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड), मछली पकड़ने पर सब्सिडी पर विश्व व्यापार संगठन के नए विनियमन, भारतीय समुद्री मत्स्य विधेयक और ब्लू इकोनॉमी कार्यक्रम जैसे मत्स्य पालन मुद्दों पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे। मछुआरा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्य कारिणी की बैठक ने भारत सरकार को विश्व व्यापार संगठन के नए नियमन से वापस लेने की मांग की, जो मछली पकड़ने में सब्सिडी को हटाने का आह्वान करता है। विश्व व्यापार संगठन के नए नियम पारंपरिक मछुआरों के जीवन और आजीविका को नष्ट कर देंगे।
विश्व व्यापार संगठन समझौते का हमारे आर्थिक ढांचे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि भारत में मत्स्य पालन की सबसे बड़ी आबादी है। प्रतापन ने बताया कि विकासशील देशों की मत्स्य पालन अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाले समझौते को मंत्री स्तर के शिखर सम्मेलन में ले जाया जा रहा है और भारत सरकार द्वारा इस पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है। मछुआरा कांग्रेस नीली अर्थव्यवस्था, विश्व व्यापार संगठन के नियमन और भारतीय समुद्री मात्स्यिकी विधेयक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी। प्रतापन ने कहा कि भारत सरकार मात्स्यिकी क्षेत्र में कॉर्पोरेट एजेंडा लागू कर रही है, जिससे समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन दोनों क्षेत्रों को नुकसान होगा।समारोह की अध्यक्षता प्रतापन ने की। एआईसीसी सचिव जेडी सीलम, आर्मस्ट्रांग फर्नांडो, ऑस्टिंग गोमेज़ और निंगोमबेन बुपेंडा मैतेई ने भी सत्रों को संबोधित किया।
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