अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: पंजाब की कांग्रेस सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव में जनता के हाथों करारी हार के डर से पंजाब में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हर संभव कोशिश की। पंजाब की कांग्रेस सरकार ने ऐसा करने में इस बात की भी परवाह नहीं की कि देश के प्रधानमंत्री को देश के महान सपूत सरदार भगत सिंह और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देनी है और राज्य में प्रमुख विकास कार्यों की आधारशिला रखनी है। अपनी निकृष्ट सोच और ओछी हरकतों से पंजाब की कांग्रेस सरकार ने दिखा दिया है कि वह विकास विरोधी है और हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी उनके दिल में कोई सम्मान नहीं है।
यह घटना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में एक बहुत बड़ी चूक थी। यह बेहद चिंताजनक है। प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के रास्ते में जाने दिया गया और उनकी सुरक्षा से समझौता किया गया जबकि पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी ने एसपीजी को आश्वासन दिया था कि रास्ता पूरी तरह से साफ है। मामले को और बदतर बनाते हुए कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फोन पर बात करने या इस मामले का समाधान करने से इनकार कर दिया। पंजाब में राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति, लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले किसी भी व्यक्ति को कष्ट पहुंचाएगी और उन्हें व्यथित करेगी। प्रधानमंत्री की रैली में भाग लेने से लोगों को रोकने के लिए राज्य पुलिस को निर्देशित किया गया था। पुलिस की सख्ती और प्रदर्शनकारियों की मिलीभगत के कारण बड़ी संख्या में बसें भी फंसी हुई थीं। यह दुखद है कि पंजाब के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा बाधित हो गया। लेकिन, हम ऐसी घटिया मानसिकता को पंजाब की तरक्की में बाधक नहीं बनने देंगे और पंजाब के विकास के लिए प्रयास जारी रखेंगे।
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