अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:निजी बिल्डरों द्वारा किसी भी डिफ़ॉल्ट को रोकने और टाउनशिप में आवश्यक विद्युत बुनियादी ढांचे का निर्माण सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को मांग पर बिजली कनेक्शन और आवश्यकता के अनुसार विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (एचईआरसी) द्वारा नए नीति नियमों को अधिसूचित किया गया है।अब डेवलपर्स को सब-स्टेशन बनाने की जरूरत नहीं है और न ही बैंक गारंटी शुल्क वहन करना होगा। सब-स्टेशनों का निर्माण यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन द्वारा किया जाएगा। अब डेवलपर को सिर्फ अपनी कॉलोनी के लोड का भुगतान करना होगा।
उसका सब-स्टेशन पूरा करने का दायित्व और उसका खर्च काफी कम हो जाएगा। एचईआरसी के नए नियमों के अनुसार वर्तमान नियमों की अपेक्षा डेवलपर की लागत में कमी आएगी। डेवलपर और उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। सब-स्टेशनों के लिए भूमि की आवश्यकता भी कम की गई है।
33 केवी स्विचिंग सब स्टेशन के लिए 500 वर्ग गज से 400 वर्ग गज तक,
33/11 केवी सब-स्टेशन के लिए 2 एकड़ से आधा एकड़ तक,
132 केवी सब-स्टेशन के लिए 5 एकड़ से 3.25 एकड़ तक की आवश्यकता होगी।
5 एमवीए तक के छोटे डेवलपर के लिए भूमि की कोई आवश्यकता नहीं है।
डेवलपर कॉलोनी में व्यक्तिगत कनेक्शन जारी किए जाएंगे। उपभोक्ताओं को सेवा कनेक्शन शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है जो वर्तमान में एक फेस की बिजली आपूर्ति के लिए रु. 500 प्रति किलोवाट और रु. 3 फेस की आपूर्ति के लिए 1000 प्रति किलोवाट है।एचईआरसी के निर्देशानुसार यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन द्वारा डेवलपर को एक महीने के भीतर सभी मंजूरी दे दी जायेंगी, ऐसा न करने पर उसे यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन से एनओसी माना जाएगा।
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