अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने शोध पत्र लेखन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला विश्व विद्यालय के अनुसंधान और विकास अनुभाग द्वारा प्रोफेशनल इंजीनियर्स की एक संस्था इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में आईईटी इंडिया के प्रमुख प्रियांक तापड़िया और नॉलेज सर्विसेज के एशिया पैसिफिक के निदेशक एरिक ना मुख्य वक्ता रहे। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के सभी संकाय सदस्यों और शोध विद्यार्थियों ने लिया।
कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार उपस्थित रहे और सत्र को संबोधित भी किया। कुलपति ने कहा कि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय शोध संस्कृति प्रोत्साहित कर रहा है और इस दिशा में निरंतर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान संवर्धन बोर्ड का गठन किया गया है और गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए शोधकर्ताओं को पुरस्कृत भी किया जाता है। कुलपति ने संकाय सदस्यों तथा शोध कर्ताओं को शोध की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
कुलपति ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं अनुसंधान कार्य के प्रति शोधकर्ताओं की उचित समझ बनाने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कार्यशाला आयोजन के प्रयासों की सराहना की। डीन (आरएंडडी) डॉ. अतुल मिश्रा ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य शोधकर्ताओं के शोध कार्य में निपुणता लाना तथा उनकी क्षमता का विकास करना था ताकि वे अपने शोध कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने तथा शोध पर आधारित अपने शोध पत्र उच्चकोटि की शोध पत्रिताओं में प्रकाशित करवाने में में सक्षम बन सके।