अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को बताया कि सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो जाती है। ठंड के मौसम हवा कि गति कम होने तथा ठंड बढ़ने के कारण प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए 15 सूत्रीय कार्यक्रम बनाकर युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है। हॉटस्पॉट पर विशेष अभियान ,पराली के लिए बायो-डी कंपोजर का प्रयोग, बायोमास बर्निंग पर रोक, एंटी डस्ट अभियान के तहत जारी दिशा-निर्देशों का पालन करवाना, पूरी दिल्ली एंटी स्मोग गन के द्वारा पानी का छिड़काव इत्यादि अनेकों कार्य दिल्ली सरकार कर रही है। दिल्ली सरकार दिल्ली में वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा दे रही है। वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की गहन चेकिंग की जा रही है। आगे हम “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान को भी प्रारम्भ कर रहे हैं वाहन प्रदूषण पर इसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज कहा कि इस बार आईटीओ चौराहे से 26 अक्टूबर से इस अभियान की शुरुआत करेगें ,यह अभियान इस बार दिल्ली की जनता की भागीदारी द्वारा चलाया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि 28 अक्टूबर को बाराखंभा और 30 अक्टूबर को चंदगी राम अखाड़ा चौराहे पर “रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान चलाया जाएगा। 2 नवंबर को को सभी 70 विधान सभा में “रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 3 नवंबर को 2000 इको क्लब के माध्यम से “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान को लेकर स्कूलों में बच्चों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।गोपाल राय ने बताया कि हमने 2020 में इस अभियान को शुरू किया था। इसका आधार देश के अलग-अलग हिस्से में किए गए अध्ययन को बनाया गया। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत, औद्योगिक अनुसंधान परिषद एवं केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा 2019 में एक अध्ययन किया गया था।
जिसके अनुसार रेड लाइट पर गाड़ियों के इंजन बंद न होने के कारण 9 प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलता है।यह सारे जो प्रयोग हो रहे उसके पीछे के मोटा सा लॉजिक है जैसे कि मैं बार-बार कहता हूँ कि जब हम सुबह गाड़ी लेकर शहर में निकलते हैं तो शाम को घर पहुँचने तक 10 से 12 रेड लाइट से गुजरते हैं। अपनी आदत के कारण इन चौराहों पर हम अपने गाड़ी का इंजन चालू रखते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि हम 25 से 30 मिनट बेकार में ही फ्यूल बर्निंग करते हैं। “रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान का उद्देश्य यही है कि इस आदत को बदला जाए। जिससे कि लोग अपने वाहनों के इंजन को रेडलाइट पर बंद कर दें। दिल्ली में पीसीआरए और पेट्रोलियम संरक्षण साझेदारी के तहत भीकाजी कामा रेड लाइट पर एक अध्ययन किया गया था । वहां पर बिना अभियान के जब सर्वे हुआ तो 20 प्रतिशत लोग ही रेडलाईट पर अपना इंजन बंद कर देते थे। ऐसे में वहां पर प्लेकार्ड वालेंटियर्स ने अभियान शुरू किया। अभियान के बाद जो सर्वे किया गया तो पाया गया कि लगभग 80 प्रतिशत लोगों ने अपनी गाड़ी का इंजन बंद करना शुरू कर दिया गया। इस प्रकार का अभियान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई शहरों में भी किया गया है। लंदन में इस अभियान को “इंजन ऑफ एवरी स्टाफ” के नाम से चलाया गया। संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी केरोलिना के शहरों में भी “टर्न ऑफ योर इंजन” के नाम से इसी प्रकार का अभियान चलाया गया था। इस अभियान के बाद 10 में से 8 लोगों ने अपने गाड़ी के इंजन को बंद करना शुरू कर दिया। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस अभियान को जन अभियान बनाया जाएगा , इसमें आर डब्लू ए , इको क्लब , पर्यावरण मित्र के साथ दिल्ली की आम जनता को जोड़ा जाएगा। इस जागरूकता अभियान का असर लोगों पर पड़ता है। वे एक-दूसरे को अपने गाड़ी का इंजन बंद करने की सलाह भी देते हैं।
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