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कोरोना फिर बढ़ रहा है, डॉक्टरों को अस्पताल में होना चाहिए, ना कि सड़कों पर, जल्द से जल्द समाधान निकालें पीएम

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नीट-पीजी की काउंसलिंग करवाने की मांग को लेकर हड़ताल पर गए केंद्र सरकार के डॉक्टरों की मांगें जल्द मानने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सीएम  अरविंद केजरीवाल ने पत्र में कहा है कि कोरोना फिर बढ़ रहा है। डॉक्टरों को अस्पताल में होना चाहिए, ना कि सड़कों पर। मेरा आग्रह है कि इनकी समस्याओं का प्रधानमंत्री जल्द से जल्द समाधान निकालें। डॉक्टरों ने पिछले डेढ़ साल में करोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना मरीजों की सेवा की। इस दौरान कितने डॉक्टरों की जानें गईं, लेकिन वो फिर भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे। कल शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर जो पुलिस बर्बरता की गई, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा है कि नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी होने से इन डॉक्टरों के भविष्य पर असर पड़ता है। इसके साथ-साथ अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी भी होती है। मेरा आग्रह है कि सरकार जल्द से जल्द काउंसलिंग करवाए।

मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘केंद्र के डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं। इन्होंने कोरोना में अपनी जान की बाज़ी लगाकर सेवा की। कोरोना फिर बढ़ रहा है। इन्हें अस्पताल में होना चाहिए, ना कि सड़कों पर। इन पर जो पुलिस बर्बरता की गई, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। पीएम साहब इनकी मांगे जल्द मानें।’’मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि एक तरफ जहां ओमिक्रॉन कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैलता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ, दिल्ली में केंद्र शासित अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। पिछले एक महीने से एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे कई बड़े सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर नीट-पीजी काउंसलिंग के बार-बार स्थगित होने की वजह से हड़ताल पर हैं। यह बहुत दुख की बात है। इतने संघर्ष के बाद भी इन रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग केंद्र सरकार द्वारा नहीं सुनी गईं। परंतु, इससे ज्यादा दुख की बात है कि कल जब यह डॉक्टर शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने इनके साथ मार-पिटाई की, इन पर हाथ उठाया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्र में आगे कहा है कि प्रधानमंत्री, ये वही डॉक्टर हैं, जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना मरीजों की सेवा की। न जाने इस महामारी के दौरान कितने डॉक्टरों की जानें गईं, लेकिन वो फिर भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे। लेकिन आज अगर डॉक्टरों को हड़ताल पर जाना पड़ रहा है, तो यह बेहद दुख की बात है। नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी होने से इन डॉक्टरों के भविष्य पर तो असर पड़ता ही है, लेकिन इसके साथ-साथ अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी होती है और बाकी डॉक्टरों पर बोझ बढ़ता है। मेरा आप से आग्रह है कि सरकार जल्द से जल्द नीट-पीजी काउंसलिंग करवाए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्र में यह भी कहा है कि आज पूरे देश में फिर से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। अगर हमारे डॉक्टर हड़ताल पर होंगे, तो हम कोरोना से कैसे लड़ेंगे? आज हमें जरूरत है कि यह सब डॉक्टर अस्पतालों के अंदर हों, मरीजों की देखभाल कर रहे हो, ना कि सड़कों पर संघर्ष कर रहे हों। इसलिए मेरा आप से आग्रह है कि आप व्यक्तिगत तौर पर इनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान निकालें।

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