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गुडगाँव

रेरा कोर्ट के आदेशो का पालन न करने पर कोर्ट ने आरडीएल निदेशकों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के दिए निर्देश।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुड़गांव:रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (आरईआरए) गुरुग्राम ने रहेजा डेवलपर्स लिमिटेड (आरडीएल) के निदेशकों को अगली सुनवाई की तिथि 4 अक्टूबर को अदालत के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है। कोर्ट ने प्रमोटर से कहा है कि वह रहेजा अथर्व आवासीय ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, सैक्टर-109 में रहने वाले स्थानीय निवासियों की लंबित शिकायतों को दूर करने के लिए अब तक की गई कार्रवाई के बारे में अवगत करवाए। रहेजा अथर्व एक नई ग्रुप हाउसिंग सोसायटी है जिसके भवन के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कई शिकायतें सामने आई है।

रहेजा अथर्व के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने अक्टूबर 2021 में प्राधिकरण से संपर्क किया और कई अन्य शिकायतों के साथ, आरडब्ल्यूए ने सुरक्षा उद्देश्य के लिए सभी टावरों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की थी। इस साल 10 फरवरी को चिनटल सोसाइटी की बड़ी छत गिरने की घटना के बाद से अथर्व सोसायटी के लोगों द्वारा यहां बनाए गए सभी टावरों के जल्द से जल्द स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की जा रही है। सुनवाई की पहली तारीख 1 अक्टूबर, 2021 को रेरा कोर्ट ने आरडीएल को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। उसके बाद 2 फरवरी, 21 अप्रैल, 24 मई और 2 सितंबर, 2022 को इसके बाद चार बार सुनवाई हो चुकी है

– अदालत ने देखा कि प्रतिवादी आरडीएल द्वारा अदालत के आदेश का लगातार पालन नहीं किया जा रहा है।

अदालत ने प्रतिवादी आरडीएल को सम्मन जारी कर उसके निदेशकों को 4 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है। आदेश जारी करते हुए रेरा के अध्यक्ष डॉ केके खंडेलवाल ने कहा कि 4 अक्टूबर को सिविल कोर्ट का डिक्री माना जाना चाहिए और इस आदेश की अवहेलना करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पिछली सुनवाई के दौरान प्राधिकरण ने डीटीसीपी को परियोजना के स्ट्रक्चर ऑडिट करने के लिए रेफ्रेंस दिया था, लेकिन प्राधिकरण को डीटीसीपी से इसकी कोई स्टेटस रिपोर्ट नहीं मिली और इसलिए उसने डीटीसीपी को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा जारी नए दिशानिर्देशानुसार स्ट्रक्चरल ऑडिट करने के लिए रिमांडर भेजा है और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है। प्राधिकरण ने देखा कि रहेजा अथर्व में रहने वाले निवासियों का जीवन जोखिम में है और प्रमोटर ने सुधारात्मक उपायों के साथ आने के कई अवसरों के बावजूद जवाब दाखिल करने की जहमत नहीं उठाई जिसके चलते रेरा कोर्ट ने आरएलडी के निदेशकों को 4 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा है।

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