अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आज चाणक्यपुरी के अंतरराज्यीय प्रकोष्ठ की एक टीम ने एक भगोड़े/घोषित अपराधी को अरेस्ट किया है, जिसका नाम राहुल उर्फ़ मड्डा उर्फ़ रोहित, निवासी मुकुंद विहार पार्ट-2, मुकुंद पुर, दिल्ली, आयु- 29 वर्ष है, जो मामले में घोषित अपराधी,एफआईआर नंबर 129/21, दिनांक 15 मार्च -2021, भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 आईपीसी, पीएस आदर्श नगर, दिल्ली हैं।
सूचना और संचालन:
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक बीते 15 मार्च -2021 को थाना आदर्श नगर के आजादपुर क्षेत्र में एक सुरेश उर्फ बनवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद, एफआईआर नंबर- 129 /21 दिनांक 15 मार्च 2021,भारतीय दंड संहिता की धारा 302 व 34 के तहत एक मामला। पीएस आदर्श नगर, दिल्ली में दर्ज किया गया था। तीन आरोपित मोहित उर्फ बाबा, अमित दुबे उर्फ मुरारी और रजनीश उर्फ राजा को अरेस्ट किया गया लेकिन राहुल उर्फ मड्डा उर्फ रोहित निवासी मुकुंद विहार पार्ट-2, मुकुंदपुर, दिल्ली फरार था. बाद में उन्हें कानून की अदालत द्वारा मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया था। आरोपितों को पकड़ने के लिए एसआई इमरान, एसआई संजीव, एसआई राकेश, एएसआई यतींद्र, हवलदार नवीन , सिपाही सुशील की टीम एंव इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन की देखरेख में और उमेश बर्थवाल, एसीपी/आईएससी के समग्र पर्यवेक्षण का गठन किया गया था। उसके ठिकाने का पता लगाने के लिए टीम ने काफी प्रयास किया।आपराधिक एंव संबंधित अदालतों के रिकॉर्ड से पता चला है कि आरोपी पुरानी दिल्ली इलाके में कहीं छिपा है। इन क्षेत्रों में टीमों को तैनात किया गया था और टीमों द्वारा किए गए व्यापक प्रयासों के बाद, आज 10 फ़रवरी -2022 को आरोपी राहुल उर्फ़ मड्डा उर्फ़ रोहित को चावड़ी बाजार क्षेत्र, दिल्ली से अरेस्ट किया गया था।
पूछताछ:
लगातार पूछताछ के दौरान आरोपित राहुल उर्फ मड्डा उर्फ रोहित ने खुलासा किया कि वह मोहित उर्फ बाबा, अमित दुबे उर्फ मुरारी और रजनीश उर्फ राजा के गिरोह में था और वे आजाद पुर इलाके में प्रतिद्वंद्वी गुट में थे. एक सुरेश उर्फ बनवारी उन अपराधियों का समर्थन कर रहा था जिन्होंने आरोपित के साथी गिरोह के सदस्य दुर्गा की हत्या कर दी थी। बदला लेने के लिए उन सभी ने आजादपुर क्षेत्र के एक पार्क में सुरेश उर्फ बनवारी की गोली मारकर हत्या कर दी। वह मौके से फरार हो गया और गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पश्चिम बंगाल चला गया। लंबे समय के बाद वह अपने प्रतिद्वंद्वी गिरोह के दो लोगों को खत्म करने की योजना के साथ दिल्ली वापस आया। अपनी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए उसने हाशिम बाबा के कुख्यात अपराधी परवेश से हाथ मिला लिया .उसकी गिरफ्तारी के साथ ISC, क्राइम ब्रांच ने एक और प्रतिद्वंद्विता हत्या की योजना को विफल कर दिया। आरोपी पूर्व में आर्म्स एक्ट, आबकारी व सेंधमारी के 04 मामलों में संलिप्त पाया गया है।