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दिल्ली पुलिस की एंटी हयूमन ट्रैफकिंग यूनिट ,क्राइम ब्रांच ने आज मानव तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफश किया हैं।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: एंटी हयूमन ट्रैफकिंग यूनिट ,क्राइम ब्रांच ,रोहिणी सेक्टर -16 , दिल्ली ने आज मानव तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफश किया हैं। पुलिस ने इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया हैं ,जिसमें पांच महिलाएं शामिल हैं। इन सभी आरोपितों के पास से दो मासूम बच्चों को बरामद किया हैं। इनमें बच्चा तीन महीने व दूसरा बच्चा 1.5 महीने का हैं। पुलिस की माने तो इन सभी  आरोपितों को थाना साउथ कैंपस , नई दिल्ली में बीते 23 अक्टूबर -2020 को दर्ज एक मुकदमा न. 226 /20 में गिरफ्तार किया गया हैं। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम दीपा निवासी विकास नगर ,दिल्ली उम्र 22 साल, पिंकी निवासी चाणक्य प्लेस, जनकपुरी , दिल्ली उम्र 29 साल, गोपाल उर्फ़ पंकज उर्फ़ गोलू निवासी शकूरपुर बस्ती , दिल्ली उम्र 35 साल , गीता रंधावा निवासी कैलाश पूरी ,पालम ,दिल्ली उम्र 45 साल , मनोज कुमार निवासी साध नगर ,पालम ,दिल्ली उम्र 27 साल , सृष्टि निवासी साध नगर ,पालम ,दिल्ली उम्र 26 साल , ज्योति गोयल निवासी विष्णु गार्डन , तिलक नगर , दिल्ली 37 साल व मुरारी लाल निवासी विष्णु गार्डन ,तिलक नगर , दिल्ली उम्र 41 साल हैं।
 
पुलिस के मुताबिक श्रीमती प्रीति निवासी  मकान न. 1932, राजीव नगर, सेक्टर-12, गुरुग्राम, हरियाणा ने बताया कि वह भीख मांगकर अपनी आजीविका कमाता है ।उसका पति गुरुगांव में स्वीपर का काम करता है और उसका एक लड़का है जिसकी उम्र 3 महीने है ।  बीते 22 अक्टूबर -.2020 को मोती बाग गुरुद्वारा के मुख्य द्वार  पर स्थित मोची गाव की ओर जा रही थी। मतलब समय में एक अज्ञात महिला उसके पास आई  और उसके साथ बातचीत शुरू कर दिया और उसने उसे अपने बेटे की देखभाल करने की पेशकश की । उसने अपने बेटे को उस महिला के हवाले कर दिया और खाना लेने के लिए गुरुद्वारे के गेट पर चली गई । कुछ समय बाद जब वह वापस लौटी तो उसे पता चला कि अज्ञात महिला मेरे बेटे के साथ चली गई है । तदनुसार, नई दिल्ली के थाना  साउथ कैंपस में 23 अक्टूबर -2020 अमेरिकी/एस 363 आईपीसी का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस का कहना हैं कि  एएचटीयू-क्राइम ब्रांच मानव तस्करों के गिरोह और एचसी बलराज नं.मानव तस्करों और बच्चों के अपहर्ताओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एसआई वीरेंद्र त्यागी की देखरेख में 1360/अपराध की प्रतिनियुक्ति की गई थी। एचसी बलराज ने रेलवे स्टेशनों,आईएसबीटी बस अड्डों,मंदिरों,गुरुद्वारों आदि सहित प्रमुख स्थानों पर जमीनी स्तर पर खोज करने के अलावा महत्वपूर्ण सुराग जुटाने के लिए सूचना एकत्र की और मुखबिरों को तैनात किया । अपराध की गंभीरता को देखते हुए एएचटीयू की विशेष टीम में महिला एसआई रेनू, एसआई बीरेंद्र सिंह, एसआई बहादुर शर्मा, एएसआई संजय,एचसी बलराज, एचसी जसबीर, एचसी सुनील, एचसी अनिल, सीटी शामिल हैं। एसआई वीरेंद्र त्यागी की देखरेख में राजेंद्र और सीटी रविन्द्र और  की देखरेख मेंलापता लड़के का पता लगाने के लिए एसपी सुरेंद्र कुमार गुलिया, एसीपी/एएचटीयू/क्राइम का गठन किया गया।

रिकवरी:- 19.नवम्बर -2020 को, एएचटीयू-क्राइम ब्रांच ने लापता बच्चों का पता लगाने और उन्हें बरामद करने के प्रयास में, पिछले वर्षों के लापता होने का रिकॉर्ड खंगाला और लापता लड़के का पता लगाने के प्रयास किए और परिश्रम के प्रयासों के बाद आरोपी गोपाल @पंकज द्वारा चलाए जा रहे मानव तस्करों के गिरोह का भंडाफोड़ किया। नाबालिग लापता लड़के की उम्र–3 महीने का  बरामद किया। आरोपी गीता रंधावा का कब्जा, कैलाश पुरी, पालम, दिल्ली,उम्र:-45 साल और एक अन्य पुरुष शिशु आयु:- आरोपी के कब्जे से डेढ़ माह को बरामद की। ज्योति गोयल, मुरारी लाल निवासी   तिलक नगर, दिल्ली,उम्र:-37साल 20 नवम्बर -2020 को गीता ने पंकज और पिंकी के नाम का खुलासा किया है। पिंकी वह महिला थी, जिसने गुरुद्वारा मोती बाग के बाहर से बच्ची को चोरी-अगवा किया था। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पूछताछ पर आरोपी गोपाल@पंकज ने खुलासा किया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक है।
वह प्रॉपर्टी डीलर के तौर पर काम कर रहा था लेकिन कमाई पर्याप्त नहीं थी। उन्होंने दो शादियां की हैं । स्वभाव के मतभेदों के कारण उन्होंने अपनी पहली पत्नी को छोड़ दिया ।वह गीता रंधावा के संपर्क में आए और वे दोनों दिल्ली में विभिन्न स्थानों से नवजात शिशुओं की तस्करी की योजना बनाते थे । आरोपी गोपाल उर्फ़ पंकज द्वारा चलाए जा रहे मानव तस्करी के गिरोह में आरोपी पिंकी, सृष्टि, दीपा, पूजा, गौतम और मनोज शामिल थे।
कार्यप्रणाली – गिरोह में एक विशिष्ट कार्यप्रणाली है। वे निजी आईवीएफ केन्द्रों-अस्पताल का दौरा करते हैं और बच्चों के नहीं होने वाले जोड़ों का ब्यौरा एकत्र करते हैं ।आईवीएफ प्रक्रिया के बाद भी ऐसे जोड़े के लिए विफल रहा है, वे उन्हें  बच्चों को खरीदने में लालच कहा कि कानूनी साधनों के माध्यम से गोद लेने की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकता है ।पूरे गिरोह ने अधिक बच्चों को बेचने की बात कबूल की है, जिनमें से कुछ बच्चों के जैविक माता-पिता की भी मिलीभगत है ।

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