अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया जो जेल से कानून मंत्रालय का वरिष्ठ अधिकारी बन कर, एक महिला के पति का जेल छुड़वाने की प्रस्ताव देता और उससे इस एवज में मोटी रकम वसूल ने का धंधा करता था। पुलिस ने रोहिणी जेल में बंद आरोपित और उसके दो साथियों को अरेस्ट किया हैं। ख़ास बात ये हैं कि रोहिणी जेल से ये अवैध वसूली के धंधे में जेल के उप -अधीक्षक व सहायक जेल अधीक्षक इन बदमाशों के साथ मिले हुए थे जो अपराधी से मोटी रकम को लेकर मोबाइल फोन और वाहनों के साथ अन्य सूविधा आरोपित को उपलब्ध कराता था। पुलिस की माने तो आरबीएल बैंक के प्रबंधक कोमल पोद्दार, उनके दो सहयोगियों अविनाश कुमार और जितेंद्र नरूला के साथ धन के संचलन और नकदी की व्यवस्था के लिए संदिग्ध लेनदेन में शामिल थे।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक श्रीमती अदिति एस. सिंह के पति शिवेंद्र सिंह की शिकायत पर गत 07.08.2021 को एफआईआर संख्या 208/2021, भारतीय दंड सहिंता की धारा 170/384/ 386 / 388/419/420/506/186/353,120 बी आईपीसी एंव पीएस स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस द्वारा 66-डी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसने बताया कि उसे वर्ष जून 2020 में उसके मोबाइल फोन पर एक कॉल आया और जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को कानून मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश किया और अपने पति के लिए जमानत हासिल करने में उसकी मदद करने का प्रस्ताव रखा। इस व्यक्ति ने काम करवाने के लिए पैसे की मांग की और श्रीमती सिंह को पैसे देने के तौर-तरीकों से अवगत कराया। इसलिए जांच कराई गई, जिसमें पता चला कि रोहिणी जेल में बंद सुकेश उर्फ सुकेश इस अपराध का मास्टरमाइंड है। पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश करने के लिए डिलीवरी कराने वाले को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया था। पैसे और इस तरह आरोपित प्रदीप रामदानी और दीपक रामनानी को इस मामले में गत 7 अगस्त 2021 को गिरफ्तार किया गया था एंव 8 अगस्त, 2021, उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि सुकेश चंद्र शेखर उर्फ सुकेश जेल के अंदर से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर जबरन वसूली का यह रैकेट चला रहा था। आरोपित सुकेश ने पीड़िता को यह विश्वास दिलाने के लिए मंत्रालय के लैंडलाइन नंबरों को धोखा दिया है कि फोन मंत्रालय से प्राप्त हुआ था। इसलिए, उसे गिरफ्तार कर लिया गया और अपराध करने में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन उसके पास से बरामद कर लिया गया है। धन का पता लगाने के लिए और स्रोतों और धन के अंतिम लाभार्थियों की पहचान करने के लिए विशेष जांच की आवश्यकता थी। इस लिए मामला विशेष प्रकोष्ठ, लोधी कॉलोनी से आर्थिक अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया। जांच के दौरान मुख्य आरोपित सुकेश चंद्र शेखर उर्फ सुकेश व उसके साथियों के बीच संपर्क सूत्र स्थापित किए जा रहे हैं, की पूछताछ आरोपित दीपक रमनानी ने खुलासा किया कि आरोपित सुकेश को दी जाने वाली सुविधाओं के एवज में जेल के अधिकारी रिश्वत लेते थे। दीपक रमनानी ने अधिकारियों की पहचान के साथ-साथ उनके द्वारा पैसे इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों का भी खुलासा किया। दीपक रमनानी के खुलासे के आधार पर धर्म सिंह मीणा (सहायक जेल अधीक्षक) और सुभाष बत्रा (उप अधीक्षक) को रैकेट में शामिल पाया गया और उन्होंने मदद करना स्वीकार किया है और अवैध घूस के एवज में आरोपित सुकेश को मदद की। यह पाया गया है कि कोमल पोद्दार, आरबीएल बैंक, कॉन प्लेस में प्रबंधक, उनके दो सहयोगियों अविनाश कुमार और जितेंद्र नरूला के साथ धन के संचालन और नकदी की व्यवस्था के लिए संदिग्ध लेनदेन में शामिल थे। इसलिए उपरोक्त तीन व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया है।अपराध के सुराग और आय का पता लगाने के लिए विभिन्न स्थानों पर आगे की तलाशी ली जा रही है। आगे की जांच जारी है।
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