अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल (एनजीटी) द्वारा जिला गुरूग्राम में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर दी गई गाईड लाईन्स को अमलीजामा पहनाने के लिए आज उपायुक्त अमित खत्री ने अपने कार्यालय में शहरी स्थानीय निकाय, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई जिसमें उन्होंने इन अधिकारियों को बल्क वेस्ट जनरेटर्स अर्थात् ज्यादा कचरा उत्पन्न करने वाले प्रतिष्ठानों तथा ईकाइयों की पहचान करके वहां पर ठोस कचरा प्रबंधन के प्लांट लगवाने के निर्देश दिए ताकि बंध वाड़ी के मुख्य प्लांट पर कचरे का दबाव कम हो। उपायुक्त ने कहा कि 50 किलोग्राम से ज्यादा कचरा पैदा करने वाली ईकाइयो की पहचान करें और उन्हें अपने यहां ठोस कचरा प्रबंधन संयत्र लगाकर उस कचरे से कम्पोस्ट बनाने के लिए पे्ररित करें। उन्होंने कहा कि जिला में स्थित विश्वविद्यालयों, रैस्टोरेंट, मिठाई की दुकानों, अस्पताल, बड़ी-बड़ी औद्योगिक ईकाइयों, आरडब्ल्यूए आदि को इस संबंध में संपर्क करके उन्हें कम्पोस्ट प्लांट अपने यहां लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसी प्रकार, जिला के बडे़-बडे़ गांवों की पंचायतों को भी इस माॅडल को अपनाने के लिए प्रेरित करें।
बैठक में नगर निगम गुरूग्राम के अधिकारियों ने बताया कि निगम क्षेत्र में लगभग 1800 बल्क वेस्ट जनरेटर्स की पहचान की गई है, जिनमें से लगभग 100 ने अपने परिसर में कम्पोस्ट बनाने के सयंत्र लगाकर चालू भी कर दिए हैं। बाकि बची हुई ईकाइयों में अगले तीन महीने में आॅनसाईट कम्पोस्टिंग यूनिट लगवाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिन ईकाइयों के पास कम्पोस्ट प्लांट लगाने की जगह है वहां पर वे ईकाइयां स्वयं प्लांट लगवा रही हैं और जिनके पास जगह नहीं है उनके लिए नगर निगम कम्पोस्ट प्लांट लगवाकर दे रहा है जिसके लिए उनसे चार्जिज लिए जाएंगे। फरूखनगर नगरपालिका के अधिकारियों ने बताया कि फरूखनगर में 18 बल्क वेस्ट जनरेटर्स की पहचान की गई है। इसी प्रकार, सोहना में 25 ऐसे स्थलों की पहचान हुई है और पटौदी नगरपालिका क्षेत्र में 42 स्थलों की पहचान की गई है। बैठक में उपस्थित जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान ने बताया कि जिला के आठ गांवों में ठोस कचरा प्रबंधन के तहत कचरे के सैग्रीगेशन अर्थात् अलग-अलग तरह के कचरे की छंटनी करना शुरू किया गया है लेकिन वहां पर पोलिथीन व प्लास्टिक का खरीददार नहीं मिल रहा। इस पर नगर निगम के अधिकारियांे ने बताया कि मई माह के अंत तक निगम द्वारा पोलिथीन व प्लास्टिक वेस्ट से सड़क बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा। उस समय ग्रामीण क्षेत्र के कचरे से निकलने वाले पोलिथीन व प्लास्टिक को निगम खरीद लेगा।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रोजैक्ट डायरेक्टर राजेश गुप्ता ने बैठक में बताया कि सोहना क्षेत्र के चार गांवों नामतः बादशाहपुर टेठड़, मण्डावर, दौला तथा हसनपुर में अगले 6 महीने में कचरे से कम्पोस्ट बनाने के प्लांट लगा दिए जाएंगे। सोहना क्षेत्र के अन्य 41 गांवों में भी यह कार्य अगले एक साल में शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। श्री गुप्ता ने यह भी बताया कि फरूखनगर क्षेत्र के 8 गांवों नामतः बासलांबी, बिढेड़ा, घोषगढ़, फरीदपुर, इकबालपुर, मोकलवास तथा धानावास में घर-घर से कचरा इक्कट्ठा करने तथा उसकी छंटनी करने का कार्य शुरू किया जा चुका है। उपायुक्त ने हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम के अधिकारियों से कहा कि वे उनके क्षेत्र में स्थित बड़ी औद्योगिक ईकाइयों में इस माॅडल को लागू करवाएं। नगर निगम के अधिकारियों ने बैठक में यह भी बताया कि पेस नामक संस्था के साथ सैक्टर-37 में एमआरएफ अर्थात् मैटीरियल रिक्वरी फैसिलिटी विकसित की जा रही है जो जून के आखिर तक आॅपे्रशनल हो जाएगी। निगम के अधिकारियों ने यह भी बताया कि पिछले वित वर्ष में पोलिथीन में सामान बेचने वाले 1936 दुकानदारों के चालान किए गए और उनसे 16.77 लाख रूपए की राशि जुर्माने के तौर पर वसूली गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी वैभव लिमये तथा शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारी भी उपस्थित थे।