अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:आज के वक्त में कुछ लोग केवल अपना स्वार्थ देखते हैं। वह किसी की मदद करना पसंद नहीं करते हैं। किन्तु आज के इस मतलब की दुनिया में जहाँ केवल स्वार्थ के लिए लोग एक दुसरे से जुड़े हुए है,वहीं आज भी दिल्ली पुलिस में कुछ ऐसे लोग हैं मानवता को जीवित रखे हुए हैं। दिल्ली के नार्थ डिस्ट्रक्ट के डीसीपी और उनके दफ्तर के पुलिस स्टाफ ने कुछ ऐसा कार्य किया है जिससे पुलिस का गौरव बढ़ गया है। आज नार्थ दिल्ली के डीसीपी कार्यालय में एक दिव्यांग युवक बैसाखियों पर चल कर आया । वह एक पैर से चल रहा था और क्योंकि दूसरा पैर कटा हुआ था । उसने डिस्ट्रिक्ट डीसीपी से मिलने की इच्छा जाहिर की । उसने बताया कि वह डीसीपी से मदद की गुहार लगाने आया है ।
उसने अपना नाम अतुल कुमार (21) बताया। वह इटावा का रहने वाला है और फिलहाल दिल्ली के चांदनी चौक में किराए पर रह रहा है। अतुल बताया कि “उसके पिता का एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था । 2019 हरियाणा के हिसार अपने पिता सुखबीर सिंह के साथ जा रहा था वहीं ट्रक और टेम्पो की टक्कर हुई। उसी हादसे में पिता की मौत हो गई और वह अपनी एक टांग गंवा बैठा। उसका परिवार इटावा में रहता है, परिवार में तीन बहने और माँ की देखभाल की जिम्मेदारी उसके ऊपर है। अब अपने पिता के निधन के बाद घर का खर्चा चलाने के लिए दिल्ली आकर पुलिस की किचन में दिव्यांग अवस्था में ही काम करता है।
वहां से जो तनख्वाह मिलती है वह घर भेज देता है।उसकी कृत्रिम पैर लगवाने की इच्छा थी। उसके लिए उसने उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान से सम्पर्क किया। यह संस्थान निःशुल्क कृत्रिम अंग उपलब्ध करता है। संस्थान के डाक्टर ने बतावा की पहले उसके पैर की सर्जरी होगी इसके बाद पैर लगांया जाएगा । जिसमें खर्च तक़रीबन 25000 रुपये बताया गया था । तंगहाली होने के चलते 25 हजार की रकम जोड़ नही पा रहा था। आज अतुल मदद की उम्मीद लेकर डीसीपी सागर सिंह कल्सी से मिला। डीसीपी अतुल की बात सुनते ही तुरंत मदद के लिए तैयार हो गए।
डीसीपी द्वारा मदद की पहल के बाद दफ्तर के पुलिस स्टाफ ने अपनी तरफ से सहायता का हाँथ बढ़ाया और कुछ ही घण्टों में 25000 रुपये उसको पैर की सर्जरी के लिए इकठ्ठा करके सौंप दिए।
ना उम्मीदी में डूबे अतुल को यकीन नही हो पा रहा है कि जो पुलिस सख्त रवैये के लिए जानी जाती है उसके सीने में इंसानियत के लिए भी दिल धड़कता है। इंसानियत की खतिर उठाया गया दिल्ली पुलिस का यह कदम अतुल को उसके दोनों कदमों पर खड़ा करने में अहम भूमिका अदा करेगा । मालूम हुआ हैं कि एक पैर पर बैसाखी के सहारे चलने वाले अतुल को डीसीपी सागर सिंह कलसी ने पहले अपने जेब से नकद पैसे निकाल दिया और इसके बाद उनके टीम के लोग अपने अपने मेहनत की कमाई में से पैसे निकालने और जब जरुरत के 25000 रूपए एकत्रित हो गए तो अतुल के हाथों में दे दिए उसके पैर के ऑपरेशन के लिए। इस खबर का मतलब दिल्ली के नार्थ डिस्ट्रक्ट के डीसीपी सागर सिंह कलसी को महान बनाना नहीं ,बल्कि इससे हम सभी को ये समझने की जरूरत हैं, कि आपकी और हमारी जरा सी मदद से किसी भी जरूरतमंद इंसान की मुश्किलें काफी हद तक कम हो जाती हैं और उनका जीवन जीने का तौर तरीका बिल्कुल बदल जाता हैं। इस लिए जरूरतमंद की सही लोगों के मदद के लिए जरूर आगे आना चाहिए।
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