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दिल्ली

डीडीसी ने केजरीवाल सरकार की इलेक्ट्रॉनिक सिटी को लेकर उपमुख्यमंत्री को सौंपा ब्लूप्रिंट।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के अपने ‘रोजगार बजट’ की घोषणाओं को पूरा करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है। दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए उपमुख्यमंत्री  मनीष सिसोदिया को एक विस्तृत खाका प्रस्तुत किया। उद्योग मंत्री को यह सिफारिशें डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह, डीडीसी सदस्य गोपाल मोहन व विजय चंदर वुपुटुरी की मौजूदगी में सौंपी गई। डीडीसी द्वारा तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के जरिए दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के बापरोला में एक विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक शहर विकसित करने के लिए विस्तृत सिफारिशें की गई हैं। इसमें दिल्ली को भारत और विश्व स्तर पर शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन, मेन्यूफेक्चरिंग व रिफर्बिशमेंट कंपनियों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए एक दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन, मेन्यूफेक्चरिंग व रेफर्बिशमेंट (ईएसडीएमआर) पॉलिसी 2022-27 का प्रस्ताव दिया गया है।

इस पॉलिसी का उद्देश्य विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के लिए प्रतिस्पर्धी बुनियादी ढांचे और एक अनुकूल नीति वातावरण की पेशकश कर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए दिल्ली को एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। डीडीसी ने सिफारिश की है कि दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए सभी बुनियादी ढांचे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के अनुरूप विकसित किए जाने चाहिए। जिसमें दिल्ली सरकार ने एक रियल एस्टेट डेवलपर के साथ भागीदारी की है। जिसे बापरोला में 81 एकड़ के क्षेत्र में दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के विकास, प्रबंधन और रखरखाव के लिए कॉम्पिटीव बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से लाया गया है। बता दें कि अर्बन एक्स्टेंशन रोडवे-II के पूरा होने के साथ, बापरोला में बनने वाला दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक सिटी, इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के साथ-साथ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे NH-1, NH-10, NH-8 और NH-2 से लगभग 20 मिनट की दूरी पर होगा।

नीति में डीडीसी ने सिफारिश की है कि ग्लोबल इंडिपेंडेंट डिजाइन हाउस, प्रासंगिक स्टार्ट-अप और प्रोडक्ट डिज़ाइन में बदलाव करने वाले मूल डिजाइन निर्माताओं को साथ लाने के लिए दिल्ली में एक इलेक्ट्रॉनिक रिसर्च व डिज़ाइन फैसिलिटी भी स्थापित की जाए। डीडीसी द्वारा अनुशंसित ‘इलेक्ट्रॉनिक्स डिज़ाइन विलेज’ की परिकल्पना दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के साथ तालमेल में काम करने के रूप में की गई है, ताकि दिल्ली में रिसर्च और डिजाइन, निर्माण और नवीनीकरण से लेकर मरम्मत-बिक्री के बाद की सेवाओं तक एक संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन स्थापित किया जा सके। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री‌  मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस साल मार्च में दिल्ली सरकार का ‘रोजगार बजट’ पेश करते हुए, मैंने दिल्ली को देश के आर्थिक विकास इंजन के रूप में स्थापित करने और यहां एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स इको-सिस्टम बनाकर रोजगार पैदा करने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विज़न की घोषणा की थी। विशेष रूप से महिला कार्यबल के लिए ‘ग्रीन जॉब्स’ पैदा करने की एक बड़ी क्षमता के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र, केजरीवाल सरकार के ग्रीन,सस्टेनेबल और इक्विटेबल के विज़न में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हउन्होंने कहा कि दिल्ली पहले से ही बहुत से महत्वपूर्ण स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स खपत मांग, ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के साथ-साथ स्किल्ड मानव संसाधन जैसे कई सेवाएं प्रदान करता है। आगामी दिल्ली ईएसडीएमआर नीति के माध्यम से, हमें यकीन है कि हम इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में विदेशी और घरेलू कंपनियों को दिल्ली में नए रिसर्च, डिजाइन, निर्माण और सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने में सक्षम होंगे। यह निश्चित रूप से दिल्ली की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पैदा करेगा। इसके अलावा इस क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विशेष रूप से महिला श्रमिकों के लिए व्यापक रोजगार के अवसर पैदा करेगा।नीति की सिफारिशें पेश करते हुए डीडीसी के उपाध्यक्ष श्री  जस्मिन शाह ने कहा कि डीडीसी द्वारा आज प्रस्तुत दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक सिटी का ब्लूप्रिंट पिछले 6 महीनों के गहन रिसर्च और परामर्श का परिणाम है। दिल्ली सरकार के पॉलिसी थिंक टैंक और एडवाजरी बॉडी के रूप में, डीडीसी यह सुनिश्चित करता है कि रिसर्च और स्टेकहोल्डर्स की सक्रिय भागीदारी के साथ ही नीति के डिजाइन, निर्माण और कार्यान्वयन पर कार्य हो। उन्होंने कहा कि दिल्ली की ईएसडीएमआर नीति 2022-27 के लिए डीडीसी द्वारा आज दिए गए सुझाव भी स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेंट, इंडस्ट्री विजिट और भारत भर के  पॉलिसियों के विस्तृत तुलनात्मक विश्लेषण के बाद तैयार किए गए हैं। हमें विश्वास है कि यह नीति आने वाले वर्षों में दिल्ली को इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए वैश्विक डिजाइन और नवाचार केंद्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।डीडीसी ने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सहयोग से जुलाई 2022 में पूरे भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लीडर्स के साथ एक स्टेकहोल्डर कंसलटेंट आयोजित किया था। जहां विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग क्षेत्रों के लिए दिल्ली को पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद करने के लिए एक रोडमैप बनाने के लिए उनके इनपुट मांगे गए। इसकी अध्यक्षता जस्मिन शाह ने की। इसमें पूरे भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में 18 अग्रणी कंपनियों के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारियों और इलेक्ट्रिक लैंप एंड कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स (ईएलसीओएमए) और इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसे उद्योग मंचों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इसके बाद, डीडीसी ने दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विनिर्माण इकाइयों से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए निम्नलिखित पांच चीजों की पहचान की

1.      शॉर्ट सेटअप टाइम-  यह एक ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल में रेडी तो बिल्ड फैक्ट्रीज के साथ वाणिज्यिक उत्पादन को जल्द से जल्द शुरू करने में सक्षम बनाता है

2.      कम लीज रेंटल- एनसीआर के भीतर अन्य लोकेशन विकल्पों के साथ किफायती रेंटल

3.      उत्पादन की कम लागत- अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकाइयों के लिए श्रम लागत परिचालन लागत का एक महत्वपूर्ण अनुपात है। विशेष रूप से महिलाओं के बीच रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए श्रम लागत को सब्सिडी देना पसंद किया जाता है

4.      ईज ऑफ डूइंग बिजनेस-  लालफीताशाही और अनावश्यक नौकरशाही को खत्म करना, जो एक मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन की स्थापना और संचालन दोनों से जुड़ा है।

5.      नीति स्थिरता- नीति की अवधि के दौरान नीति दिशा या प्रोत्साहन में अचानक कोई बदलाव नहीं होने के साथ सरकार द्वारा अधिसूचित नीति को निरंतर समर्थन

इस अवसर पर गोपाल मोहन ने कहा कु दिल्ली में भौगोलिक स्थिति, हवाई अड्डे से निकटता, अकेडमिक रिसर्च और इलेक्ट्रॉनिक्स स्नातकों तक पहुंच और देश की उभरती हुई स्टार्ट-अप राजधानी के रूप में इसकी प्रतिष्ठा सहित कई ऐसे एडवांटेज हैं जो इसे इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद डिजाइन के लिए समर्पित रिसर्च और डिजाइन सुविधा की स्थापना को सक्षम करते हैं। गहन रिसर्च और हितधारकों के साथ इसकी व्यावहारिकता पर चर्चा के आधार पर, डीडीसी ने सिफारिश की है कि वैश्विक इंडिपेंडेंट डिजाइन हाउस, प्रासंगिक स्टार्ट-अप और उत्पाद डिजाइन में बदलाव करने वाले मूल डिजाइन निर्माताओं को रखने के लिए दिल्ली में एक इलेक्ट्रॉनिक अनुसंधान और डिजाइन सुविधा स्थापित की जाए।

विजय चंदर वुपुटुरी ने कहा कि भारत दुनिया भर में अपनी तकनीकी प्रतिभा के लिए जाना जाता है। हमारे पास यहां इलेक्ट्रॉनिक्स के डिजाइन और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अपनी विशाल युवा और डिजिटल रूप से निपुण आबादी का लाभ उठाने का अनूठा अवसर है। इलेक्ट्रॉनिक सिटी पहल पर डीडीसी की सिफारिशें इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए नीति स्तर पर एक सराहनीय बदलाव लाएंगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है।

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