अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: ग्रेटर नोएडा से आगरा तक बने 165 किमी लंबे और 100 मीटर चौड़े एक्सप्रेस- वे पर बढ़ते ठंड और कोहरे के बीच दुर्घटना को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेस- वे प्राधिकरण(यीडा) लगातार प्रयास कर रहा है। भारी व हल्के वाहनों की रफ्तार कम की गई है। इसके बावजूद हादसे में लोगों ने अपनी जान गंवा रहे और घायल भी हो रहे है,जो अधिकारियों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है.यमुना एक्सप्रेस- वे प्राधिकरण(यीडा) के सीईओ का कहना है कि हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस- वे को 6 लेन से आठ लेन का करने की तैयारी चल रही और इसकी डीपीआर बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इसकी जो टेक्निकल कमेटी है रोड सेफ्टी कमेटी के नॉर्म्स के अनुसार 15 दिन के अंदर इसका डीपीआर तैयार हो जाएगा। यमुना एक्सप्रेस- वे के जीरो पॉइंट पर जो कल दुर्घटना हुई उसमें एक कैंटर जिस में टमाटर लदा हुआ था।
फ्लाईओवर के ऊपर से नीचे गिर गया जिसमें ड्राइवर दानिश और रिहान गंभीर रूप से घायल हो गए। इसका संज्ञान लेते हुए यमुना एक्सप्रेस- वे प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने यमुना एक्सप्रेस- वे के मेंटेनेंस, रिपेयर और ऑपरेशन के लिए उत्तरदाई संस्था जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड से रिपोर्ट मांगी गई थी। इस संबंध में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में एक्सप्रेस- वे के साइड पर सुरक्षा के लिए लगे जो बीम लगाई गई है बीम एक बड़ा कारण बताया है.जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है बीम की ऊंचाई आधा मीटर है जिसके कारण इस प्रकार के हादसे होते हैं। पहले भी इस प्रकार हुए है. सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया इंडियन रोड कांग्रेस का पहले जो नॉर्म्स थे उसके अनुसार जो सुरक्षा के लिए बीम (रेलिंग)लगाई गई है। उसकी उचाई आधा मीटर है. लेकिन अब इसको इंडियन रोड कांग्रेस ने चेंज कर ऊंचाई को 2.5 मीटर कर दिया गया है जैसे कि सेंट्रल वर्ज पर जो हाई बीम लगाया गया उससे 50 फीसदी दुर्घटनाओं में कमी आई है, लेकिन रोड के साइड में जो बीम लगे हैं उनको तोड़ कर दो घटनाएं हुई हैं मतलब कि उसने भी सुधार की आवश्यकता है.
इसी प्रकार एक्सप्रेस वे की दोनों साइडों में सुरक्षा के लिए जो बीम लगे हैं। उनकी हाइट को 2.78 की ऊंचाई तक करने का निर्णय लिया गया दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे को अब 6 लाइन से 8 लाइन का कर दिया जाएगा , क्योंकि यहां वाहनों की संख्या 32 हजार वाहन प्रतिदिन हो गए हैं तथा कंसेशन एग्रीमेंट में यह बात पहले से लिखी हुई है कि अगर टोल पर वाहनों की संख्या 32000 प्रतिदिन के आसपास हो जाएगी तो इसे 6 लेन से आठ लेन का दिया जाएगा और इसकी डीपीआर बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी जो टेक्निकल रोड सेफ्टी कमेटी के नॉर्म्स के अनुसार 15 दिन के अंदर इसका डीपीआर तैयार हो जाएगा। डीपीआर तैयार होने के बाद इसके 8 लाइन का कार्य भी शुरू हो जाएगा । इसके विस्तार का पूरा खर्च जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड को ही उठाना है। यमुना एक्सप्रेस वे पर एक दिन में करीब 32000 वाहन गुजरते हैं और आगे इन वाहनों के और ज्यादा बढ़ने की संभावना है ।जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने के बाद वाहनों की संख्या और ज्यादा बढ़ जाएगी। अब ऐसे में यमुना एक्सप्रेस वे पर वाहनों का ज्यादा दबाव न बने , उसी को देखते हुए इसे 8 लेन का किया जा रहा है। सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों को रोकने के लिए भी काफी कार्य कराए गए हैं। जो भी एक्सपर्ट के द्वारा बताया गया उसी हिसाब से यमुना एक्सप्रेस व कार्य कराए गए। जिसकी वजह से पिछले वर्ष में हादसों में भी कमी आई है।
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